बालाघाट। जिले में तीन व्यापारिक फर्मों द्वारा 230 करोड़ का फर्जी टर्नओवर दिखाने का मामला सामने आया है. इन फर्म पर कुल 36 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है, लेकिन जब सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने मामले की पड़ताल शुरू की, तो फर्म में दिए गए पते भी गलत निकले, जबकि तीनों फर्म द्वारा ज्यादातर लेनदेन महाराष्ट्र और गुजरात में होना बताया गया है. वहीं विभाग अब इसे हवाला कारोबार के रूप में देख रहा है.
सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक मेसर्स जय भारत इंटरप्राइजेज, मोती नगर केबिन हॉस्पिटल के पास संचालित होने की जानकारी सामने आई है, लेकिन जिस जगह पर फर्म का बोर्ड लगाया गया था वह अब गायब है. इस फर्म के संचालक सीमा प्रकाश रीनावा हैं, जिन्हें जीएसटी नंबर 1 मार्च 2018 को दिया गया था. फर्म मालिक इस तारीख से कारोबर कर रही हैं, जिसमें कुल 128 करोड़ का टर्नओवर महाराष्ट्र में होना बताया गया है.
वहीं दूसरी फर्म मेसर्स सिद्धेश्वर एक्सपोर्ट बैहर की बताई जा रही है. इसमें एक चाय वाले के बेटे के नाम पर अधिकांश लेनदेन की बात सामने आई है. इसमें 90 लाख रुपए तक के भुगतान की जानकारी मिली है. जब सेल्स टैक्स विभाग ने चाय वाले के बेटे से लेनदेन के विषय में पूछताछ की, तो युवक को लेनदेन की कोई जानकारी नहीं थी. यह फर्म सत्य नारायण के नाम से दर्ज है. इस फर्म ने गुजरात और महाराष्ट्र में विक्रय करना बताया है और फर्म द्वारा 53 करोड़ से अधिक का टर्नओवर दिखाया गया है.
तीसरी फर्म गढ़ी स्थित मेसर्स रेक्सटेना एक्सिम है, जो अंकित पटले के नाम पर है. फर्म मालिक ने 29 मार्च 2019 को जीएसटी नम्बर लिया है. फर्म में 49 करोड़ से अधिक का टर्नओवर दिख रहा है.
वहीं कर चोरी के मामले में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट इन फर्म संचालकों की तलाश में जुट गया है, हालांकि विभाग के मुताबिक इस तरह के लेन-देन में बैंकों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
जिन्होंने इतने कम अवधि में फर्म को करोड़ों का लेन-देन करने में मदद की. बैंक ने इस लेनदेन को लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है. सेल्स टैक्स विभाग इस पूरे मामले को हवाला कारोबार से जोड़कर देख रहा है.