अशोकनगर । जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत का मामला सामने आया है. महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज नहीं करने का आरोप लगाया. हालांकि सिविल सर्जन की समझाइश के बाद मामला शांत हो गया.
जिले के गांव काकाखेड़ी निवासी कच्छु अपनी बेटी रचना को पेट फूलने की शिकायत लेकर जिला अस्पताल में आया था, जहां उसने अपनी बेटी के इलाज के लिए पर्चा काउंटर से पर्ची लेकर भर्ती भी कराया. लेकिन महिला को उपचार करने के लिए डॉक्टर द्वारा कभी बर्न यूनिट, तो कभी महिला वार्ड में लाने ले जाने के नाम पर दौड़ाया गया. इस दौरान महिला की मौत हो गई.
इस घटना के बाद नाराज परिजन अपनी बेटी को जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के कारण शव अपने घर वापस ले जाने लगे. लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान तैनात डॉ. संदीप भल्ला ने उन्हें समझाते हुए कहा कि पर्ची बन जाने के बाद अब महिला के शव का पोस्टमार्टम जरूरी है. इस बात पर परिजन भड़क गए और मृतका के पिता ने साफ लहजे में कहा कि जब हमारी बेटी का डॉक्टर द्वारा इलाज नहीं किया गया तो हम पोस्टमार्टम भी नहीं कराएंगे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस बुलाकर उन्हें रोका गया.
जब परिजनों द्वारा पूरे मामले की जानकारी सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा को दी गई तो उन्होंने पहले सबसे पहले महिला की मौत पर उसके परिजनों से माफी मांगी और कहा कि समय नहीं मिलने के कारण उसका उपचार नहीं हो सका. लेकिन डॉक्टरों की केस रिपोर्ट से पता चला है 8 माह पहले वह जल गई थी, जिस कारण रोगों से लड़ने की क्षमता उसके शरीर में कम हो गई थी. इसके कारण उसकी मौत हो गई. सिविल सर्जन की समझाइश के बाद परिजन एक कागज पर 'हमें पोस्टमार्टम नहीं कराना' लिखकर दिया और शव को अपने घर ले गए.