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शासकीय स्कूलों में कमजोर बच्चों की नींव मजबूत करेंगे शिक्षक, दिया जा रहा प्रशिक्षण

ऐसे बच्चे जो भले ही कक्षा आठ में पहुंच चुके हैं, लेकिन जिन्हें हिंदी भी पढ़ना नहीं आता, ऐसे बच्चों को अक्षर और अंक ज्ञान कराने के लिए खेल गतिविधियां चलाकर शिक्षकों द्वारा अलग से एक बैच बनाकर पढ़ाया जाएगा.

प्रशिक्षण लेते शिक्षक
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Published : Jun 4, 2019, 4:59 PM IST

अशोकनगर। शासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के कमजोर बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए राज्य स्तर से ट्रेंड शिक्षक अब जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. यह प्रशिक्षण शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण शिक्षकों को 3 चरणों में दिया जा रहा है. शासकीय स्कूल में चल रहे प्रशिक्षण के पहले चरण में 246 शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस प्रशिक्षण में बच्चों के समूह को 3 चरणों में रखा गया है. जिसमें पहला चरण अंकुर, दूसरा तरुण और तीसरा उमंग श्रेणी में है.

प्रशिक्षण लेते शिक्षक
दरअसल जिले के हरेक स्कूल से 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. जिलेभर से लगभग 720 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे जिले के 32 हजार बच्चों को लाभ मिलेगा. यह प्रशिक्षण 1 जून से 13 जून तक चलेगा. यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर ट्रेनिंग लेकर आए शिक्षक जिले के अन्य टीचर्स को दे रहे हैं.

प्रशिक्षण प्रभारी एपीसी बलवीर बुंदेला ने बताया कि प्राइमरी से ही छात्रों की नींव बनती है, इसलिए इसमें अगर कोई कमी रह गई, तो बच्चों की पढ़ाई से रुचि कम हो जाती है. इसलिए ऐसे बच्चों की नींव को मजबूत करने के लिए राज्य स्तर पर ट्रेनिंग लेकर आए शिक्षकों द्वारा बच्चों में सामान्य और व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

अशोकनगर। शासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के कमजोर बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए राज्य स्तर से ट्रेंड शिक्षक अब जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. यह प्रशिक्षण शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण शिक्षकों को 3 चरणों में दिया जा रहा है. शासकीय स्कूल में चल रहे प्रशिक्षण के पहले चरण में 246 शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस प्रशिक्षण में बच्चों के समूह को 3 चरणों में रखा गया है. जिसमें पहला चरण अंकुर, दूसरा तरुण और तीसरा उमंग श्रेणी में है.

प्रशिक्षण लेते शिक्षक
दरअसल जिले के हरेक स्कूल से 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. जिलेभर से लगभग 720 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे जिले के 32 हजार बच्चों को लाभ मिलेगा. यह प्रशिक्षण 1 जून से 13 जून तक चलेगा. यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर ट्रेनिंग लेकर आए शिक्षक जिले के अन्य टीचर्स को दे रहे हैं.

प्रशिक्षण प्रभारी एपीसी बलवीर बुंदेला ने बताया कि प्राइमरी से ही छात्रों की नींव बनती है, इसलिए इसमें अगर कोई कमी रह गई, तो बच्चों की पढ़ाई से रुचि कम हो जाती है. इसलिए ऐसे बच्चों की नींव को मजबूत करने के लिए राज्य स्तर पर ट्रेनिंग लेकर आए शिक्षकों द्वारा बच्चों में सामान्य और व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

Intro:अशोकनगर। शासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के कमजोर बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए राज्य स्तर से ट्रेंड शिक्षक अब जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. यह प्रशिक्षण शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण शिक्षकों को तीन चरणों में दिया जा रहा है जिसमें खुल 720 शिक्षक इस प्रशिक्षण को ले रहे हैं. ताकि बच्चों की गुणवत्ता एवं व्यवहारिक शिक्षा मजबूत हो.


Body:शासकीय स्कूल में चल रहे प्रशिक्षण के पहले चरण में 246 शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस प्रशिक्षण में बच्चों के समूह को तीन चरणों में रखा गया है. जिसमें प्रथम चरण अंकुर, दूसरा तरुण और तीसरा उमंग श्रेणी में है. दरअसल जिले की प्रत्येक विद्यालय से 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. जिलेभर से लगभग 720 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे जिले के 32000 बच्चों को लाभ मिलेगा.दूसरे बैच में 250 शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे. एवं तीसरे बैच में 224 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण 1 जून से 13 जून तक चलेगा.
ऐसे बच्चे जो भले ही कक्षा आठ में पहुंच चुके हैं. लेकिन जिन्हें हिंदी भी पढ़ना नहीं आता, ऐसे बच्चों को अक्षर और अंक ज्ञान कराने के लिए खेल गतिविधियां चला कर शिक्षकों द्वारा अलग से एक बैच बनाकर पढ़ाया जाएगा. जिसके लिए अंकुर, तरुण और उमंग समूह निर्धारित किया गया है. अंकुर समूह में वे छात्र आएंगे जो हिंदी पढ़ना भी नहीं जानते. फिर चाहे वह कक्षा 1 के छात्रों हो या कक्षा 8 के.उन्हें अंकुर श्रेणी में ही रखा जाएगा. एवं उनका अलग से बैच बनाकर शिक्षक द्वारा पढ़ाई कराई जा सकेगी.तरुण समूह में वे बच्चे आएंगे जिनका स्तर मीडियम है.और उमंग समूह में सबसे बेहतर बच्चे शामिल होंगे. यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर प्रशिक्षण लेकर आए शिक्षकों द्वारा जिले के शिक्षकों को दिया जा रहा है.


Conclusion:प्रशिक्षण प्रभारी एपीसी बलवीर बुंदेला ने बताया की प्राइमरी छात्रों की नींव है.तथा इसीलिए इसमें अगर कोई कमी रह गई तो बच्चों की पढ़ाई से रूचि कम हो जाती है. इसलिए ऐसे बच्चों की नींव को मजबूत करने के लिए राज्य स्तर से ट्रेनिंग लेकर आए शिक्षकों द्वारा बच्चों में सामान्य एवं व्यवहारिक ज्ञान बढ़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसमें सभी शिक्षकों को सिखाया गया है कि बे अपने स्कूलों में प्रशिक्षण द्वारा सिखाए गए कंटेंट के अनुरूप बच्चों को शिक्षण कार्य कराएं. ताकि बच्चों को आसानी में समझ आ सके.प्राइमरी में अंकुर ओर तरुण समूह एवं मिडिल स्कूल में अंकुर, तरुण और उमंग समूह बनाए गए हैं.
बाइट-बलवीर बुंदेला, एपीसी
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