अशोकनगर। गया प्रसाद कलाकार मंडल दशकों से रामलीला का मंचन कर रहा है, जो सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल बन चुका है. रामलीला का मंचन दशको से हर साल होता आ रहा है, इस रामलीला की विशेषता है कि इसमें अभिनय करने वाले पात्र शासकीय सेवा में हैं, जो पिछले 40- 50 सालों से निरंतर अभिनय कर रहे हैं. रामलीला का कई क्षेत्रों से हजारों की संख्या में दर्शक आनंद लेने पहुंचते हैं.
जन सहयोग से किया जाता है रामलीला का मंचन
रामचरित मानस और अन्य ग्रंथों पर आधारित रामलीला आसपास के कई प्रदेशों में अपनी प्रसिद्धि रखने के चलते स्मरण की जाती है. गया प्रसाद कलाकार मंडल के सचिव राकेश सिंघई ने बताया कि इसके लिए सभी पात्र करीब दो महीने पहले से रिहर्सल करते हैं और जन सहयोग से इस रामलीला का मंचन किया जाता है.
तीसरी पीढ़ी लगातार कर रही रावण का अभिनय
स्वर्गीय गया प्रसाद शर्मा रामलीला में रावण का अभिनय करते थे, उनके बाद उनके बेटे प्रमेन्द्र शर्मा रावण का अभिनय करने लगे. रावण के अभिनय को वो इतने शानदार तरीके से करते हैं कि लोग उनकी तारीफ करते हैं. अब उनके पुत्र अंजनी शर्मा भी रामलीला में रावण का अभिनय करने लगे हैं. एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां रावण का अभिनय करके अभिनय का बेजोड़ उदाहरण पेश कर रही हैं.
शासकीय सेवक कर रहे अभिनय
प्रमेन्द्र शर्मा ने बताया कि रामचरित मानस के अलावा और कई ग्रंथों से पात्र अपने अभिनय में निखार लाने के लिए महीनों रिहर्सल करते हैं. वह खुद शासकीय सेवक रहते हुए निरंतर अपना अभिनय कर रहे हैं.