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अपने परिवार से मिला 5 माह से लापता शफीक, बिहार सेआ गया था अशोकनगर

5 माह से लापता बिहार का शफीक अशोकनगर में मिला. गौसेवक सोनू जैन ने स्टेशन से रेन बसेरा पहुंचाकर, परिजनों को खोजकर पहुंचाया घर.

Missing Shafiq with family
लापता शफीक परिजनों के साथ
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Published : Nov 28, 2019, 3:00 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 3:38 PM IST

अशोकनगर। मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है. गौ सेवक सोनू जैन ने इस बात को सच कर दिखाया है. सोनू अशोकनगर में गोशाला चलाता है. 15 दिन पहले गौशाला जाते समय सोनू जैन को स्टेशन पर एक मानसिक रोगी शफीक अंसारी मिला था. उसकी दयनीय स्थिति देखकर सोनू ने उससे घर का पता पूछा, तो उसने केवल बिहार राज्य का नाम बताया. जिसके बाद सोनू ने उसे ना केवल खाना खिलाया, बल्कि अपनी गौशाला ले जाकर नहलाकर कपड़े पहनाए और उसके बाद रेन बसेरा पहुंचा दिया, जहां उसे दोनों समय का खाना मिल सके.

लापता शफीक परिजनों के साथ

सोनू बीच-बीच में उससे मिलता रहा, जिससे शफीक ने उसे अपना जिला पूर्णिया बताया. सोनू ने गूगल पर पूर्णिया खोजकर वहां के एसपी विशाल वर्मा से बात की और पूरा मामला बताया. एसपी ने भी शफीक को उसके परिवार वालों से मिलाने की बात कही. जिसके बाद शफीक के परिजनों को खोजकर उसकी पूरी जानकारी दी, जिसके बाद परिजन शफीक को लेने के लिए अशोकनगर पहुंचे.

जहां सोनू ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी एवं कलेक्टर मंजू शर्मा के समक्ष शफीक को उसकी मां रहीमन निशा से मिलाया. मानसिक रोगी शफीक के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बाद उसको दिल्ली, बिहार, बंगाल सहित कई जगह ढूंढने का प्रयास किया. लेकिन 5 माह बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका. जैसे ही उन्होंने अशोकनगर से अपने बेटे की खबर सुनी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

अशोकनगर। मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है. गौ सेवक सोनू जैन ने इस बात को सच कर दिखाया है. सोनू अशोकनगर में गोशाला चलाता है. 15 दिन पहले गौशाला जाते समय सोनू जैन को स्टेशन पर एक मानसिक रोगी शफीक अंसारी मिला था. उसकी दयनीय स्थिति देखकर सोनू ने उससे घर का पता पूछा, तो उसने केवल बिहार राज्य का नाम बताया. जिसके बाद सोनू ने उसे ना केवल खाना खिलाया, बल्कि अपनी गौशाला ले जाकर नहलाकर कपड़े पहनाए और उसके बाद रेन बसेरा पहुंचा दिया, जहां उसे दोनों समय का खाना मिल सके.

लापता शफीक परिजनों के साथ

सोनू बीच-बीच में उससे मिलता रहा, जिससे शफीक ने उसे अपना जिला पूर्णिया बताया. सोनू ने गूगल पर पूर्णिया खोजकर वहां के एसपी विशाल वर्मा से बात की और पूरा मामला बताया. एसपी ने भी शफीक को उसके परिवार वालों से मिलाने की बात कही. जिसके बाद शफीक के परिजनों को खोजकर उसकी पूरी जानकारी दी, जिसके बाद परिजन शफीक को लेने के लिए अशोकनगर पहुंचे.

जहां सोनू ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी एवं कलेक्टर मंजू शर्मा के समक्ष शफीक को उसकी मां रहीमन निशा से मिलाया. मानसिक रोगी शफीक के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बाद उसको दिल्ली, बिहार, बंगाल सहित कई जगह ढूंढने का प्रयास किया. लेकिन 5 माह बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका. जैसे ही उन्होंने अशोकनगर से अपने बेटे की खबर सुनी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

Intro:अशोकनगर. नर ही नारायण सेवा है,इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है गौसेवक सोनू जैन ने. यह युवक अशोक नगर में गौशाला संचालित करता है. जब यह प्रतिदिन की भांति रेलवे स्टेशन से होते हुए अपने गौशाला जा रहा था, तभी इसे स्टेशन पर एक मानसिक रोगी दिखाई दिया.जिस से बात करने पर उसने अपने आप को बिहार का बताया. इसके बाद सोनू ने अपनी सूझबूझ से उस मानसिक रोगी को अपने परिवार के लोगों से मिलाया.


Body:दरअसल 15 दिन पहले गौशाला जाते समय गौ सेवक सोनू जैन को स्टेशन पर एक मानसिक रोगी सफीक अंसारी मिला. जब उसकी दयनीय स्थिति देखकर सोनू ने उससे उसके घर का पता जानना चाहा. तो उसने केवल बिहार राज्य का नाम बताया. जिसके बाद सोनू ने मानव सेवा दिखाते हुए उसे ना केवल खाना खिलाया,बल्कि अपनी गौशाला ले जाकर उसे पहले साबुन से अच्छी तरह नहलाया कपड़े पहनाए. और इसके बाद रेन बसेरा में पहुंचा दिया, ताकि उसे दोनों वक्त का खाना मिल सके.
इसके बाद सोनू लगातार उससे मिलता रहा जिससे सफीक धीरे धीरे उसे अपना पूरा पता बताता रहा.जब सफीक ने अपने जिले पूर्णिया का नाम बताया तो सोनू ने गूगल सर्च पर बिहार पूर्णिया ढूंढा एवं वहां के एसपी विशाल वर्मा से बात की. जिसमें पूर्णिया के एसपी श्री वर्मा ने सोनू को आश्वस्त किया कि वह उस मानसिक रोगी सफीक को उसके परिवार वालों से जरूर मिलाएंगे. जिसके बाद पूर्णिया एसपी ने थाना मोहफिल रानी पतरा मैं सफीक का फोटो व्हाट्सएप कर उसके परिजनों को सूचना करने की बात कही. जिसके बाद उसके परिजन सफीक को लेने के लिए अशोक नगर पहुंचे. जहां सोनू ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी एवं कलेक्टर मंजू शर्मा के समक्ष सफीक को उसकी मां रहीमन निशा से मिलाया.
मानसिक रोगी सफीक के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बाद उसको दिल्ली, बिहार, बंगाल सहित कई जगह ढूंढने का प्रयास किया. लेकिन 5 माह बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका. जिसके बाद वह अपने बेटे से मिलने की उम्मीद ही खो बैठे थे.
लेकिन जैसे ही उन्हें अशोकनगर से अपने बेटे की खबर सुनी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
बाइट-रहिमन निशा,पीड़ित की माँ
बाइट-सोनू जैन,गौसेवक


Conclusion:
Last Updated : Nov 28, 2019, 3:38 PM IST
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