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अशोकनगर: सरकारी बोर के लिए हुई रहवासियों में लड़ाई, नगर पालिका ने अधूरा छोड़ा काम - मशीन

पानी की समस्या को देखते हुए नगर पालिका की मशीन बोर खनन करने पहुंची. बोर खनन के पाइंट देखकर दो गलियों में रहने वाले लोग आपस में उलझ गए. विवाद को बढ़ता देख नगर पालिका अधिकारी और पुलिस ने पहुंचकर समझाने की कोशिश की. इसके बाद भी जब लोग नहीं माने तो बगैर खनन किए मशीन को वापस ले गए.

पानी की समस्या
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Published : Mar 18, 2019, 1:26 PM IST

अशोकनगर। गर्मी के मौसम में हर साल शहर की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में जलसंकट की समस्या से रहवासी परेशान रहते हैं. इसको देखते हुए पिछले साल एक बोर का खनन शुरू किया गया था, लेकिन ये काम पूरा नहीं हो सका. क्षेत्रवासियों में मशीन लगाने पर हुए विवाद के चलते नगर पालिका अधिकारी अधूरा काम छोड़कर वहां से वापस चले गए थे.

पानी की समस्या


पूरे इलाके में पानी की समस्या इतनी विकराल है कि एक छत से दूसरी छत पर होते हुए पाइप लाइन निकली है. लोगों को 400 रूपए देकर पानी भरना पडता है. 6 गलियों में एक ही शासकीय हैंडपंप है. इस वजह से लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए परेशान होना पड़ता है. मौके पर उपस्थित सब-इंजीनियर ने बताया कि कुछ लोग मोहल्ले से आए और आपस में विवाद करने लगे, जिससे काम रोकना पड़ा. उन्होंने कहा कि जहां जनता कहेगी, वहीं पर बोर लगाया जायेगा. फिलहाल विवाद न हो इसलिए बोर मशीन को वापस बुला लिया गया है.


स्थानीय रहवासी वंदना शर्मा ने बताया कि लगातार पानी की समस्या से परेशान होकर उनके गली के लोग कई बार कलेक्टर सहित एमओ को ज्ञापन देकर पानी की व्यवस्था के लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से लगातार शिकायत के बाद जब बोर स्वीकृत हुआ तो उसको दूसरे स्थान पर लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि खनन दूसरे स्थान पर किया गया तो वे उसे रोक देंगे. वहीं दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि उनकी गली में भी पानी की समस्या है, इसलिए उनकी गली में ही बोर खुदना चाहिए.

अशोकनगर। गर्मी के मौसम में हर साल शहर की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में जलसंकट की समस्या से रहवासी परेशान रहते हैं. इसको देखते हुए पिछले साल एक बोर का खनन शुरू किया गया था, लेकिन ये काम पूरा नहीं हो सका. क्षेत्रवासियों में मशीन लगाने पर हुए विवाद के चलते नगर पालिका अधिकारी अधूरा काम छोड़कर वहां से वापस चले गए थे.

पानी की समस्या


पूरे इलाके में पानी की समस्या इतनी विकराल है कि एक छत से दूसरी छत पर होते हुए पाइप लाइन निकली है. लोगों को 400 रूपए देकर पानी भरना पडता है. 6 गलियों में एक ही शासकीय हैंडपंप है. इस वजह से लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए परेशान होना पड़ता है. मौके पर उपस्थित सब-इंजीनियर ने बताया कि कुछ लोग मोहल्ले से आए और आपस में विवाद करने लगे, जिससे काम रोकना पड़ा. उन्होंने कहा कि जहां जनता कहेगी, वहीं पर बोर लगाया जायेगा. फिलहाल विवाद न हो इसलिए बोर मशीन को वापस बुला लिया गया है.


स्थानीय रहवासी वंदना शर्मा ने बताया कि लगातार पानी की समस्या से परेशान होकर उनके गली के लोग कई बार कलेक्टर सहित एमओ को ज्ञापन देकर पानी की व्यवस्था के लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से लगातार शिकायत के बाद जब बोर स्वीकृत हुआ तो उसको दूसरे स्थान पर लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि खनन दूसरे स्थान पर किया गया तो वे उसे रोक देंगे. वहीं दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि उनकी गली में भी पानी की समस्या है, इसलिए उनकी गली में ही बोर खुदना चाहिए.

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स्लग- बोरवैल  
अशोकनगर। अशोकनगर के वार्ड नंबर 1 की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में पानी की समस्या को देखते हुए जब बोर खनन करने नगर पालिका की मशीन पहुंची. तो बोर खनन के पाइंट देखकर दो गलियों में रहने वाले लोग आपस में उलझ गए. विवाद को बढ़ता देख नपा अधिकारी और पुलिस ने पहुंचकर समझाने की कोशिश की. इसके बाद भी जब लोग नहीं माने तो बगैर खनन किए मशीन को वापस कर दिया गया.
हर साल नगर की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में जलसंकट की समस्या से रहवासी परेशान रहते हैं. इसको देखते हुए पिछले साल एक बोर का खनन कराया गया था .लेकिन बोर चालू नहीं हो सका.जिस स्थान पर पुराना खनन है उससे करीब 100 मीटर दूरी पर बोर करने जब रविवार को मशीन पहुंची तो वहां से कुछ दूरी की गलियों में रहने वाले लोगों पॉइंट को लकर विरोध करना शुरू कर दिया. इस बात पर जिस गली में पाइंट बनाया गया था वे भी सामने आ गए और विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. विवाद बढ़ता देख पार्षद सतेन्द्र यादव, नपा के सब इंजीनियर और पुलिस पहुंच गई.लेकिन दोनों ही गलियों के रहवासी अपनी ही गली में बोर कराने पर अड़े रहे.सामझाइश के बाद भी जब कोई मानने तैयार नहीं हुआ तो मशीन को वापस कर दिया.
बड़ी बस्ती, 6 गली, एक ट्यबवेल- अवैध रूप से प्लाटिंग कर बनाई त्रिलोकपुरी कॉलोनी में बस्ती तो बस गई लेकिन वहां की हालत बहुत खराब है. स्थिति यह है कि एक छत से दूसरी छत से होकर पाइप लाइन निकली है.पानी के लिए लागों को 400 रूपए देकर पानी भरना पडता है. जवकि 6 गलियों में एक ही शासकीय हैंडपंप हैं। इस वजह से लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए परेशान होना पड़ता है.
17 हजार मीटर लंबी पाइप लाइन का प्रस्ताव नहीं हुआ स्वीकृत, इसलिए बनी समस्या- शहर में जलआवर्धन योजना के तहत 3 वार्डो में 17 हजार मीटर पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव दो साल पहले नपा ने भेजा था।.इन वार्डो में वार्ड नंबर 1,6,7 शामिल थे. उक्त प्रस्ताव को शासन स्तर पर स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से पाइप लाइन विस्तार की योजना कागजों में सिमटकर रह गई. इसके चलते इन वार्डो में हर साल पानी के लिए स्थानीय लोगों का परेशानी उठाना पड़ रही है.

वाइट-शमशाद खान,नगरपालिका सीएमओं
-मौके पर उपस्थित हमारे सबइंजीनियर ने बताया कि कुछ लोग मोहल्ले से आए.और आपस में विवाद करने लगे. जनता की समस्या का ध्यान रखा जाएगा.जहां जनता कहेगी वही पर बोर लगाया जायेगा.फिलहाल विवाद न हो इसलिए बोर मशीन को वापिस बुला लिया गया है.
 
वाइट-बंदना शर्मा,स्थानीय रहवासी
- वंदना शर्मा ने बताया कि लगातार पानी की समस्या से परेशान होकर उनके गली के लोग कई बार  कलेक्टर सहित एमओ को ज्ञापन देकर पानी की व्यवस्था के लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं.उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से लगातार शिकायत के बाद जब बोर स्वीकृत हुआ तो उसको दूसरे स्थान पर कैसे लग जाने दें जबकि समस्या हमें है. उन्होंने कहा कि अगर खनन दूसरे स्थान पर किया तो वह नहीं होने देंगे। वहीं दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि उनकी गली में भी पानी की समस्या है। इसलिए उनकी गली में ही बोर खुदना चाहिए।   

वाइट-सतेन्द्र यादव,पार्षद
 -विवाद की स्थिति बनते देख स्थानीय पार्षद सत्येन्द्र यादव भी मौके पर पहुंच गए। श्री यादव को दोनों तरफ बोर लगाने के लिए रहवासियों ने कहा तो उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि दोनों गलियों के बीच में लगवा देते हैं। लेकिन मोहल्ले के लोग नहीं पानी। पार्षद का स्वयं मानना है कि पानी नहीं है इसलिए विवाद की स्थिति बन रही है। 
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                                    रिपोर्ट-- मुकेश मिश्रा,ईटीवी भारत अशोकनगर.
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