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क्या एक डॉक्टर की लापरवाही से अशोकनगर में फैला संक्रमण ? शहर में आइसोलेशन सेंटर्स की बदहाल हालत

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Published : Jun 10, 2020, 6:37 PM IST

अशोकनगर के आइसोलेशन सेंटर से एक नर्स का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें नर्स ने सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही इस वीडियो ने आइसोलेशन सेंटर पर मौजदू अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है.

District Hospital Ashoknagar
जिला अस्पताल अशोकनगर

अशोकनगर। सोमवार को जिले में सुबह तीन कोराना के मामले सामने आए, वहीं शाम होते ये आंकड़ा 19 पहुंच गया. संक्रमित मरीजों में 10 शहर में मिले हैं.जबकि बाकि संक्रमितों में आंवरी, रावंसर, कदवाया समेत शाढौरा क्षेत्र के मरीज शामिल हैं. इनमें शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ दो स्टाफ नर्स भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से एक नर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें नर्स ने सिविल सर्जन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. नर्स का कहना है कि सिविल सर्जन की लापरवाही का दुष्परिणाम पूरा जिला भुगत रहा है. इस वीडियो के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं.

आइसोलेशन सेंटर की बदहाल हालत

नर्स ने किया मामले का खुलासा

नर्स के मुताबिक एक जिला अस्पताल में एक बच्ची इलाज के लिए आई थी. जिसे कोरोना के लक्षण थे. बावजूद इसके सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा ने उस बच्ची को आइसोलेट नहीं किया. जिसके चलते उसके संपर्क में आने वाला नर्सिंग स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आ गया. इतना ही नहीं जब बच्ची की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नर्सिंग स्टाफ के सैंपलिंग की गई. जिसकी रिपोर्ट आना बाकि था कि इसी दरमियान अस्पताल प्रबंधन की तरफ से फरमान आया है कि उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करनी है. इसके बाद उन्होंने दबाव में ड्यूटी ज्वाइन की, जिसके बाद जिन मरीजों का इस स्टाफ ने इलाज किया वे संक्रमण की जद में आ गए.

स्टाफ नर्स ने सिविल सर्जन पर लगाए गंभीर आरोप

क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिल रहीं सुविधाएं

नर्स का आरोप है कि उन्हें और बाकी मरीजों को इम्युनिटी बढ़ाने के हिसाब से डाइट नहीं दी जा रही है. सेंटर पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पाने के पानी के लिए उसकी हालत तो और ही खराब है. नर्सिंग स्टाफ को एक बाल्टी दे दी गई है और एक वाटर कूलर जिससे उन्हें पानी पीना है. ये बाल्टी बाहर पड़ी रहती है, जिसके चलते इसमें कीड़े पड़े रहते हैं.

Breakfast provided to Corona patients
कोरोना संक्रमित मरीजों को दिया जाने वाला नाश्ता

नर्सिंग स्टाफ पर बनाया जा दबाव

आइसोलेशन सेंटर की बदइंतजामी को लेकर नर्सों ने अपने विभाग के आलाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने व्यवस्था में सुधार की बजाए नर्सों को ही धमकाना शुरू कर दिया, उसके बाद पूरा मामला मीडिया में उजागर हो गया. आइसोलेशन में भर्ती संक्रमित नर्स के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स होने के बावजूद उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

ईटीवी भारत को मरीज ने भेजे आइसोलेशन के वीडियो फोटोज

आइसोलेशन में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज ने ईटीवी भारत को फोन पर वहां के हालात बताए और वीडियो फोटोज भी भेजे. इस वीडियो में आइसोलेशन सेंटर की बदहाली साफतौर पर उजागर हो रही है. आइसोलेशन सेंटर में मरीजों को नाश्ते के नाम पर सुबह के समय एक समोसा, और जलेबी के दो टुकड़े कागज में लपेटकर दिए जा रहे हैं. रात में बाल्टी में पीने के लिए गंदा पानी दिया, जिसमें रेत पड़ी हुई थी, मरीज दोपहर एक बजे तक पानी का इंतजार करते रहे. रूम की बेडशीट भी बदली जा रहीं हैं.

डॉक्टर्स नहीं ले रहे सुध

नर्स का आरोप है कि यहां कोई डॉक्टर राउंड लेने नहीं पहुंचा, सिर्फ एक स्टाफ नर्स ने ही राउंड लिया. कुछ मरीजों को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन दवा दी गई, लेकिन उन मरीजों की भी ईसीजी या पल्स चेक नहीं की गई. लापरवाही का आलम ये है कि आइसोलेशन सेंटर में पल्स चेक करने वाले उपकरणों का इंतजाम भी नहीं था.

सिविल सर्जन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

वहीं सिविल सर्जन डॉ हिमांशु शर्मा ने स्टाफ नर्स के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि जो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, इन पर सभी तरह की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सीएचएमओ की है. आइसोलेशन की व्यवस्था सीएमएचओ के अंतर्गत आती है, जो आरोप लगाए हैं, उनके संबंध में सीएमएचओ ही बता पाएंगे.

कोरोना से जंग लड़ने वाले नर्सिंग स्टाफ की हालात ये है तो सामान्य मरीजों के साथ क्या बर्ताव किया जाता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस घटनाक्रम के उजागर होने के बाद भी जिला अधिकारियों के कानों पर जूं रेंगती है या हर बार की तरह फिर इस मामले को कागजों में दर्ज कर इतिश्री कर दिया जाएगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा.

अशोकनगर। सोमवार को जिले में सुबह तीन कोराना के मामले सामने आए, वहीं शाम होते ये आंकड़ा 19 पहुंच गया. संक्रमित मरीजों में 10 शहर में मिले हैं.जबकि बाकि संक्रमितों में आंवरी, रावंसर, कदवाया समेत शाढौरा क्षेत्र के मरीज शामिल हैं. इनमें शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ दो स्टाफ नर्स भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से एक नर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें नर्स ने सिविल सर्जन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. नर्स का कहना है कि सिविल सर्जन की लापरवाही का दुष्परिणाम पूरा जिला भुगत रहा है. इस वीडियो के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं.

आइसोलेशन सेंटर की बदहाल हालत

नर्स ने किया मामले का खुलासा

नर्स के मुताबिक एक जिला अस्पताल में एक बच्ची इलाज के लिए आई थी. जिसे कोरोना के लक्षण थे. बावजूद इसके सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा ने उस बच्ची को आइसोलेट नहीं किया. जिसके चलते उसके संपर्क में आने वाला नर्सिंग स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आ गया. इतना ही नहीं जब बच्ची की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नर्सिंग स्टाफ के सैंपलिंग की गई. जिसकी रिपोर्ट आना बाकि था कि इसी दरमियान अस्पताल प्रबंधन की तरफ से फरमान आया है कि उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करनी है. इसके बाद उन्होंने दबाव में ड्यूटी ज्वाइन की, जिसके बाद जिन मरीजों का इस स्टाफ ने इलाज किया वे संक्रमण की जद में आ गए.

स्टाफ नर्स ने सिविल सर्जन पर लगाए गंभीर आरोप

क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिल रहीं सुविधाएं

नर्स का आरोप है कि उन्हें और बाकी मरीजों को इम्युनिटी बढ़ाने के हिसाब से डाइट नहीं दी जा रही है. सेंटर पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पाने के पानी के लिए उसकी हालत तो और ही खराब है. नर्सिंग स्टाफ को एक बाल्टी दे दी गई है और एक वाटर कूलर जिससे उन्हें पानी पीना है. ये बाल्टी बाहर पड़ी रहती है, जिसके चलते इसमें कीड़े पड़े रहते हैं.

Breakfast provided to Corona patients
कोरोना संक्रमित मरीजों को दिया जाने वाला नाश्ता

नर्सिंग स्टाफ पर बनाया जा दबाव

आइसोलेशन सेंटर की बदइंतजामी को लेकर नर्सों ने अपने विभाग के आलाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने व्यवस्था में सुधार की बजाए नर्सों को ही धमकाना शुरू कर दिया, उसके बाद पूरा मामला मीडिया में उजागर हो गया. आइसोलेशन में भर्ती संक्रमित नर्स के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स होने के बावजूद उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

ईटीवी भारत को मरीज ने भेजे आइसोलेशन के वीडियो फोटोज

आइसोलेशन में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज ने ईटीवी भारत को फोन पर वहां के हालात बताए और वीडियो फोटोज भी भेजे. इस वीडियो में आइसोलेशन सेंटर की बदहाली साफतौर पर उजागर हो रही है. आइसोलेशन सेंटर में मरीजों को नाश्ते के नाम पर सुबह के समय एक समोसा, और जलेबी के दो टुकड़े कागज में लपेटकर दिए जा रहे हैं. रात में बाल्टी में पीने के लिए गंदा पानी दिया, जिसमें रेत पड़ी हुई थी, मरीज दोपहर एक बजे तक पानी का इंतजार करते रहे. रूम की बेडशीट भी बदली जा रहीं हैं.

डॉक्टर्स नहीं ले रहे सुध

नर्स का आरोप है कि यहां कोई डॉक्टर राउंड लेने नहीं पहुंचा, सिर्फ एक स्टाफ नर्स ने ही राउंड लिया. कुछ मरीजों को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन दवा दी गई, लेकिन उन मरीजों की भी ईसीजी या पल्स चेक नहीं की गई. लापरवाही का आलम ये है कि आइसोलेशन सेंटर में पल्स चेक करने वाले उपकरणों का इंतजाम भी नहीं था.

सिविल सर्जन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

वहीं सिविल सर्जन डॉ हिमांशु शर्मा ने स्टाफ नर्स के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि जो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, इन पर सभी तरह की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सीएचएमओ की है. आइसोलेशन की व्यवस्था सीएमएचओ के अंतर्गत आती है, जो आरोप लगाए हैं, उनके संबंध में सीएमएचओ ही बता पाएंगे.

कोरोना से जंग लड़ने वाले नर्सिंग स्टाफ की हालात ये है तो सामान्य मरीजों के साथ क्या बर्ताव किया जाता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस घटनाक्रम के उजागर होने के बाद भी जिला अधिकारियों के कानों पर जूं रेंगती है या हर बार की तरह फिर इस मामले को कागजों में दर्ज कर इतिश्री कर दिया जाएगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा.

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