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शर्मनाक! शव वाहन के लिए बेटे की लाश लिए घंटों जिला अस्पताल में भटकते रहे परिजन

बीती रात भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने जिला अस्पताल की लापरवाही को बेनकाब कर दिया है. बच्चे की मौत के बाद परिवार को शव वाहन नहीं मिला और घंटों तक परिजन शव वाहन के लिए इधर-उधर भटकते रहे.

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Published : Jun 23, 2019, 7:50 PM IST

घटना स्थल की फोटो

अशोकनगर। जिला अस्पताल में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. एक के बाद एक संवेदनहीनता के मामला सामने आ रहे हैं. बीती रात भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने जिला अस्पताल की लापरवाही को बेनकाब कर दिया है. बच्चे की मौत के बाद परिवार को शव वाहन नहीं मिला और घंटों तक परिजन शव वाहन के लिए इधर-उधर भटकते रहे.

अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर ने ये तक कह दिया कि शव वाहन चालक फोन नहीं उठाता. जिसकी जानकारी लगते ही मीडिया अस्पताल पहुंच गयी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन नींद से जागा और विधायक जजपाल सिंह जज्जी भी मौके पर पहुंच गये. इसके बाद पीड़ित परिवार को उसके गांव भिजवाया गया.

बेटे की लाश लिए घंटों जिला अस्पताल में भटकते रहे परिजन


सेमर खेड़ी गांव निवासी दयाल सिंह यादव ने नाती को बुखार एवं निमोनिया की शिकायत पर जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया था. रविवार की रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. दयाल सिंह ने प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने का आग्रह किया.

विधायक ने सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया को मौके पर बुलाया और निर्देशित किया कि आगे ऐसी लापरवाही होने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. नगर पालिका सीएमओ से शव वाहन को जिला अस्पताल में रखने की बात कही .साथ ही सीएचएमओ को शव वाहन के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंपी है.

'डॉक्टर की गलती है'
अस्पताल के सीएमएचओ एवं प्रभारी सिविल सर्जन जसराम त्रिवेदिया ने बताया कि इसमें ड्यूटी डॉक्टर की भी गलती है. यदि शव वाहन चालक फोन नहीं उठा रहे थे तो ड्यूटी डॉक्टर को उनसे संपर्क करना चाहिए था. ताकि मृतक एवं उनके परिजनों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए सभी डॉक्टरों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी. ताकि किसी भी मरीज को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.

अशोकनगर। जिला अस्पताल में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. एक के बाद एक संवेदनहीनता के मामला सामने आ रहे हैं. बीती रात भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने जिला अस्पताल की लापरवाही को बेनकाब कर दिया है. बच्चे की मौत के बाद परिवार को शव वाहन नहीं मिला और घंटों तक परिजन शव वाहन के लिए इधर-उधर भटकते रहे.

अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर ने ये तक कह दिया कि शव वाहन चालक फोन नहीं उठाता. जिसकी जानकारी लगते ही मीडिया अस्पताल पहुंच गयी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन नींद से जागा और विधायक जजपाल सिंह जज्जी भी मौके पर पहुंच गये. इसके बाद पीड़ित परिवार को उसके गांव भिजवाया गया.

बेटे की लाश लिए घंटों जिला अस्पताल में भटकते रहे परिजन


सेमर खेड़ी गांव निवासी दयाल सिंह यादव ने नाती को बुखार एवं निमोनिया की शिकायत पर जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया था. रविवार की रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. दयाल सिंह ने प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने का आग्रह किया.

विधायक ने सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया को मौके पर बुलाया और निर्देशित किया कि आगे ऐसी लापरवाही होने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. नगर पालिका सीएमओ से शव वाहन को जिला अस्पताल में रखने की बात कही .साथ ही सीएचएमओ को शव वाहन के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंपी है.

'डॉक्टर की गलती है'
अस्पताल के सीएमएचओ एवं प्रभारी सिविल सर्जन जसराम त्रिवेदिया ने बताया कि इसमें ड्यूटी डॉक्टर की भी गलती है. यदि शव वाहन चालक फोन नहीं उठा रहे थे तो ड्यूटी डॉक्टर को उनसे संपर्क करना चाहिए था. ताकि मृतक एवं उनके परिजनों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए सभी डॉक्टरों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी. ताकि किसी भी मरीज को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.

Intro:अशोकनगर। गंभीर लापरवाही को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाला जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आया है. ऐसी ही लापरवाही को लेकर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एसएस छारी को सीएस पद से हटाया गया था. लेकिन इसके बाद भी जिला अस्पताल में लगातार लापरवाही एवं संवेदनहीनता का दौर जारी है.जहां रविवार की रात 12:00 बजे 2 माह की बच्चे की मौत के दौरान उसके परिजन शव वाहन के लिए घंटों परेशान होते रहे. इस दौरान बच्चे की मां अपने बेटे की मौत के दुख को सहन नहीं कर सकी. और वह भी बेहोश स्थिति में पड़ी रही.लेकिन मानवता की इन सभी हदों को जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर एवं प्रबंधन ने दरकिनार कर दिया, क्योंकि डॉक्टर ने साफ तौर पर कह दिया कि शव वाहन चालक हमारे तक फोन नहीं उठाता तो आप की तो बात दूर है. जिसके बाद उपस्थित लोगों ने रोते बिलखते परिवार के लोगों की पीड़ा देखते हुए मीडिया कर्मियों को फोन लगा दिया. इसके बाद मीडिया कर्मियों द्वारा जनता की स्थिति से रूबरू कराने के लिए अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी को फोन लगा कर बुलाया गया. जिसके बाद एक एक करके जिम्मेदार अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे.और पलक झपकते ही मृतक बच्चे के परिवार को उसके गांव तक जिला अस्पताल के बाहन द्वारा छुड़वाया गया.


Body:दरअसल सेमर खेड़ी के निवासी दयाल सिंह यादव ने अपने नाती को बुखार एवं निमोनिया की शिकायत होने पर जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया था. जिसके बाद 3 दिनों से 2 माह के बच्चे का इलाज अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था. लेकिन रविवार की रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. और उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद बच्चे की मां रीना यादव अपने 2 माह के बच्चे को लेकर शिशु वार्ड में घंटों तक रोती बिलखती रही. जिसमें परेशान पोकर बच्चे के नाना दयाल सिंह ने अस्पताल प्रबंधन सहित ड्यूटी डॉक्टर से शव वाहन उपलब्ध कराने की बात कही. लेकिन ड्यूटी डॉक्टर द्वारा शव वाहन चालक के फोन ना उठाए जाने की बात बताई गई. जिसके बाद 2 माह के मृतक बच्चे को गोद में लेकर नाना दयाल सिंह और उसकी बेटी रीना परेशान होते रहे. यह पूरा नजारा जिला अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों से देखा न गया, और उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया कर्मियों को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंचे मीडिया के दखल के बाद जब किसी जिम्मेदार अधिकारी ने फोन नहीं उठाया. तो विधायक जजपाल सिंह जजजी को पूरे मामले की जानकारी दी गई. जिसके बाद रात 1:00 बजे विधायक भी जिला अस्पताल पहुंच गए.जिसके बाद विधायक ने जिम्मेदार अधिकारियों की क्लास ली.उन्होंने फोन कर कर सीएमएचओ जसराम त्रिवेदीया, नगर पालिका सीएमओ शमशाद पठान को मौके पर बुलाया. एवं उन्होंने साफ शब्दों में अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगे से यदि इस तरह की लापरवाही की जाती है, तो किसी भी अधिकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा. बल्कि सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी के साथ विधायक ने नगर पालिका सीएमओ को शव वाहन जिला अस्पताल में रखने के लिए निर्देशित किया. ताकि गरीब परिवार के लोगों को सहज ही शव वाहन उपलब्ध हो सके. विधायक के दखल के बाद जिला प्रबंधन ने 108 वाहन से मृतक बच्चे के परिजनों को उनके गांव तक पहुंचाया.



Conclusion:विधायक जसपाल सिंह ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान या किसी भी मरीज की मृत्यु होने के दौरान किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही यदि आगे से सामने आती है तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा बल्कि उन पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी उन्होंने नगर पालिका सीएमओ से शव वाहन को जिला अस्पताल में रखने की बात कही साथ ही सीएचएमओ को शव वाहन के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंपी है

वहीं जिला अस्पताल के सीएमएचओ एवं प्रभारी सिविल सर्जन जसराम त्रिवेदीया ने बताया कि इसमें ड्यूटी डॉक्टर की भी गलती है. यदि सब वाहन चालक फोन नहीं उठा रहा था तो ड्यूटी डॉक्टर को मुझसे संपर्क करना था. ताकि मृतक एवं उनके परिजनों को गांव तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए सभी डॉक्टरों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी.ताकि किसी भी मरीज को समस्याओं का सामना ना करना पड़े.
बाइट- जजपाल सिंह जज्जी, विधायक अशोक नगर
बाइट- जसराम त्रिवेदीया, सीएमएचओ अशोकनगर
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