अशोकनगर। जिला अस्पताल में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. एक के बाद एक संवेदनहीनता के मामला सामने आ रहे हैं. बीती रात भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने जिला अस्पताल की लापरवाही को बेनकाब कर दिया है. बच्चे की मौत के बाद परिवार को शव वाहन नहीं मिला और घंटों तक परिजन शव वाहन के लिए इधर-उधर भटकते रहे.
अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर ने ये तक कह दिया कि शव वाहन चालक फोन नहीं उठाता. जिसकी जानकारी लगते ही मीडिया अस्पताल पहुंच गयी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन नींद से जागा और विधायक जजपाल सिंह जज्जी भी मौके पर पहुंच गये. इसके बाद पीड़ित परिवार को उसके गांव भिजवाया गया.
सेमर खेड़ी गांव निवासी दयाल सिंह यादव ने नाती को बुखार एवं निमोनिया की शिकायत पर जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया था. रविवार की रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. दयाल सिंह ने प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने का आग्रह किया.
विधायक ने सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया को मौके पर बुलाया और निर्देशित किया कि आगे ऐसी लापरवाही होने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. नगर पालिका सीएमओ से शव वाहन को जिला अस्पताल में रखने की बात कही .साथ ही सीएचएमओ को शव वाहन के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंपी है.
'डॉक्टर की गलती है'
अस्पताल के सीएमएचओ एवं प्रभारी सिविल सर्जन जसराम त्रिवेदिया ने बताया कि इसमें ड्यूटी डॉक्टर की भी गलती है. यदि शव वाहन चालक फोन नहीं उठा रहे थे तो ड्यूटी डॉक्टर को उनसे संपर्क करना चाहिए था. ताकि मृतक एवं उनके परिजनों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए सभी डॉक्टरों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी. ताकि किसी भी मरीज को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.