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अपने जाति प्रमाण पत्र के विवाद पर बोले विधायक जजपाल सिंह जज्जी, 'बीजेपी नेता फैला रहे हैं भ्रम'

अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच विधायक का बयान सामने आया है. जजपाल सिंह जज्जी ने बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगया है.

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Published : Dec 15, 2019, 11:25 PM IST

Jajpal Singh Jadji's charge
विधायक जजपाल सिंह जज्जी का बीजेपी पर आरोप

अशोकनगर। कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच विधायक का बयान सामने आया है. जजपाल सिंह ने बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीजेपी उनकी सदस्यता को खत्म करवाने की मांग को लेकर सियासत कर रही है.

विधायक जजपाल सिंह जज्जी का बीजेपी पर आरोप

अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह की जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद है. उनकी नट अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने साल 2013 में निरस्त कर दिया था. इसी फैसले के खिलाफ विधायक ने ग्वालियर हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ याचिका लगाई थी. मई 2019 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय समिति के फैसले को रद्द करते हुए छानबीन समिति को 10 निर्धारित बिंदुओं पर फिर से जांच करने का आदेश दिया था. साथ ही भविष्य में जजपाल सिंह जज्जी के द्वारा उस प्रमाण पत्र के उपयोग पर रोक लगा दी थी.

विधायक जजपाल सिंह का कहना है कि कोर्ट द्वारा प्रमाण पत्र के भविष्य में उपयोग ना कर पाने के आदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में जज्जी के प्रतिद्वंदी लड्डू राम कोरी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में 10 अगस्त 2019 को एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें विधायक पद के वेतन भत्ते, विधायक फंड का उपयोग, जनहित फंड का उपयोग सहित सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगाने की मांग की थी.

विधायक ने बीजेपी नेता पर लगातार गुमराह करने का आरोप लगाया है. विधायक का कहना है कि बीजेपी उनके प्रमाण पत्र को लेकर मीडिया में दुष्प्रचार कर रही है. इस मुद्दे को बीजेपी के नेता उठ रहे हैं. उसे हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में ही अमान्य कर दिया गया था.

अशोकनगर। कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच विधायक का बयान सामने आया है. जजपाल सिंह ने बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीजेपी उनकी सदस्यता को खत्म करवाने की मांग को लेकर सियासत कर रही है.

विधायक जजपाल सिंह जज्जी का बीजेपी पर आरोप

अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह की जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद है. उनकी नट अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने साल 2013 में निरस्त कर दिया था. इसी फैसले के खिलाफ विधायक ने ग्वालियर हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ याचिका लगाई थी. मई 2019 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय समिति के फैसले को रद्द करते हुए छानबीन समिति को 10 निर्धारित बिंदुओं पर फिर से जांच करने का आदेश दिया था. साथ ही भविष्य में जजपाल सिंह जज्जी के द्वारा उस प्रमाण पत्र के उपयोग पर रोक लगा दी थी.

विधायक जजपाल सिंह का कहना है कि कोर्ट द्वारा प्रमाण पत्र के भविष्य में उपयोग ना कर पाने के आदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में जज्जी के प्रतिद्वंदी लड्डू राम कोरी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में 10 अगस्त 2019 को एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें विधायक पद के वेतन भत्ते, विधायक फंड का उपयोग, जनहित फंड का उपयोग सहित सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगाने की मांग की थी.

विधायक ने बीजेपी नेता पर लगातार गुमराह करने का आरोप लगाया है. विधायक का कहना है कि बीजेपी उनके प्रमाण पत्र को लेकर मीडिया में दुष्प्रचार कर रही है. इस मुद्दे को बीजेपी के नेता उठ रहे हैं. उसे हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में ही अमान्य कर दिया गया था.

Intro:अशोकनगर. कुछ दिन पूर्व भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म होने के बाद भाजपा ने अशोकनगर से कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र के बहाने कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा सत्र में घेरने की तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन बीजेपी जिन मुद्दों पर उन्हें घेरने वाली थी इस पूरे मुद्दे पर विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हवा निकाल दी.विधायक का कहना है कि भाजपा जो मांग कर रही है उसे हाईकोर्ट ने उन्हें पहले ही खारिज कर दिया.अशोकनगर विधायक की सदस्यता को समाप्त करवाने की मांग को लेकर भाजपा रणनीति की तैयारी कर रही थी.


Body:दरअसल अशोक नगर विधायक श्री जज्जी की जाति प्रणाम पत्र को लेकर विवाद है. उनकी नट अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने वर्ष 2013 में निरस्त कर दिया था. इसी फैसले के विरुद्ध विधायक ने ग्वालियर हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ याचिका लगाई थी. मई 2019 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय समिति के फैसले को रद्द करते हुए छानबीन समिति को 10 निर्धारित बिंदुओं पर पुनः जांच करने का आदेश दिया था.साथ ही भविष्य में जजपाल सिंह जज्जी के द्वारा उस प्रमाण पत्र के उपयोग पर रोक लगा दी थी.
कोर्ट द्वारा प्रमाण पत्र के भविष्य में उपयोग न कर पाने के आदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में श्री जज्जी के प्रतिद्वंदी लड्डू राम कोरी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में 10 अगस्त 2019 को एक आइए याचिका 3551/ 19* दाखिल की थी. जिसमें विधायक पद के वेतन भत्ते, विधायकी फंड का उपयोग, जनहित फंड का उपयोग, आवासीय सुविधा, विधायक पद के अन्य लाभ जैसी सुविधाओं पर रोक लगाने की मांग की थी. विधायक जज्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि लड्डू राम कोरी की इन मांगों को हाईकोर्ट ने बीते माह की 28 तारीख को अस्वीकार करने का आदेश जारी कर दिया.
विधायक ने स्थानीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को लगातार गुमराह करने का आरोप लगाया है.साथ ही जिन मुद्दों को लेकर मीडिया में दुष्प्रचार कर रहे हैं माननीय हाईकोर्ट द्वारा उन्हीं चीजों को पूर्व में ही अमान्य कर दिया गया था.
हाई कोर्ट के फैसले के बाद जजपाल सिंह जज्जी की जाति प्रमाण पत्र पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति दोबारा जांच कर रही है. साथ ही लड्डू राम कोरी की चुनाव पिटिशन भी प्रचलन में है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी अपने विधायक पहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त होने के बाद जज्जी के बहाने कांग्रेस को घेरने की तैयारी में थी. बीजेपी नेताओं ने विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाने के संकेत दिए थे. मगर श्री जज्जी ने आज बीजेपी की संभावित तैयारियों के बीच मीडिया के सामने लिए सारी जानकारी पेश कर दी है.


Conclusion:गौरतलब है कि बीजेपी कोर्ट के जिस आदेश के बहाने जज्जी की विधायकी पर सवाल खड़ा कर रही थी. उन्हीं मांगों को हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में ही अमान्य कर दिया गया है.
वाइट- जजपाल सिंह जज्जी, विधायक अशोक नगर
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