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मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम मिलने से किसान परेशान, ETV भारत से बयां किया दर्द - किसान परेशान

अशोकनगर में किसान कृषि उपज मंडी में अपनी फसल लेकर किसान पहुंच रहे हैं. लेकिन फसल के दाम काफी कम होने के कारण किसान के माथे पर चिंता की रेखाएं साफ तौर पर देखी जा सकती हैं. किसानों का कहना है कि, इस बार लॉकडाउन की वजह से किसानों को फसलों का सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

Farmers upset due to lower price than support price in mandi in Ashoknagar
मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम मिलने से किसान परेशान
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Published : May 5, 2020, 4:38 PM IST

अशोकनगर। लॉकडाउन में 5 पंचायतों के किसानों को बारी-बारी से कृषि उपज मंडी में अपनी फसल बेचने की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है. इस दौरान किसान अपनी फसल लेकर अशोकनगर से 4 किलोमीटर दूर मोहरी स्थित नवीन कृषि उपज मंडी में अपनी फसल का सैंपल लेकर पहुंच रहे हैं, जिसके बाद व्यापारी और किसानों की सहमति के बाद सौदा पत्र तैयार किया जाता है.

जिसके बाद किसानों को नवीन कृषि मंडी में ही टोकन दिया जाता है. उसी टोकन के आधार पर किसान को पुरानी मंडी में एंट्री मिलती है. जिसके बाद किसान अपनी फसल को लेकर वापस 4 किलोमीटर दूर पुरानी मंडी में फसल की तौल कराने पहुंचते हैं. फसल विक्रय के बाद किसानों को व्यापारी द्वारा नगद पैसा दिया जा रहा है.

किसानों का कहना है, लॉकडाउन के चलते उन्हें अपनी फसलों के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जबकि समर्थन मूल्य में जो गेहूं 1925 प्रति कुंटल खरीदा जा रहा है, उसी गेहूं का भाव कृषि उपज मंडी में 1700-1800 रुपये प्रति कुंटल है.

जिसके कारण किसानों को अपनी फसल के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा नवीन कृषि मंडी तक आने और जाने में ट्रांसपोर्ट का अतिरिक्त भार भी बहन करना पड़ रहा है. लेकिन मजबूरी के चलते किसानों को अपनी फसल कम दामों में ही बेचना पड़ रही है.

पुरानी कृषि उपज मंडी में ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी कतारें ना लगें, इसके लिए पुलिस पेट्रोलिंग वाहन का पॉइंट लगाया गया है. जो किसी भी तरह की ट्रैफिक की समस्या नहीं आने दे रहे. सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को डिस्टेंस के साथ मंडी में दाखिल कराया जा रहा है.

अशोकनगर। लॉकडाउन में 5 पंचायतों के किसानों को बारी-बारी से कृषि उपज मंडी में अपनी फसल बेचने की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है. इस दौरान किसान अपनी फसल लेकर अशोकनगर से 4 किलोमीटर दूर मोहरी स्थित नवीन कृषि उपज मंडी में अपनी फसल का सैंपल लेकर पहुंच रहे हैं, जिसके बाद व्यापारी और किसानों की सहमति के बाद सौदा पत्र तैयार किया जाता है.

जिसके बाद किसानों को नवीन कृषि मंडी में ही टोकन दिया जाता है. उसी टोकन के आधार पर किसान को पुरानी मंडी में एंट्री मिलती है. जिसके बाद किसान अपनी फसल को लेकर वापस 4 किलोमीटर दूर पुरानी मंडी में फसल की तौल कराने पहुंचते हैं. फसल विक्रय के बाद किसानों को व्यापारी द्वारा नगद पैसा दिया जा रहा है.

किसानों का कहना है, लॉकडाउन के चलते उन्हें अपनी फसलों के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जबकि समर्थन मूल्य में जो गेहूं 1925 प्रति कुंटल खरीदा जा रहा है, उसी गेहूं का भाव कृषि उपज मंडी में 1700-1800 रुपये प्रति कुंटल है.

जिसके कारण किसानों को अपनी फसल के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा नवीन कृषि मंडी तक आने और जाने में ट्रांसपोर्ट का अतिरिक्त भार भी बहन करना पड़ रहा है. लेकिन मजबूरी के चलते किसानों को अपनी फसल कम दामों में ही बेचना पड़ रही है.

पुरानी कृषि उपज मंडी में ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी कतारें ना लगें, इसके लिए पुलिस पेट्रोलिंग वाहन का पॉइंट लगाया गया है. जो किसी भी तरह की ट्रैफिक की समस्या नहीं आने दे रहे. सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को डिस्टेंस के साथ मंडी में दाखिल कराया जा रहा है.

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