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रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पानी पिलाकर लोगों में जगा रहे सेवा भाव की अलख

उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग आराम करना पसंद करते हैं. 40 डिग्री तापमान में भी यह बुजुर्ग 85 की उम्र में भी स्टेशन पर यात्रियों को नि:शुल्क प्याऊ लगाकर पानी पिलाने का कार्य करते हैं.

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Published : Apr 17, 2019, 11:14 PM IST

अशोकनगर

अशोकनगर। उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग आराम करना पसंद करते हैं. लेकिन इस उम्र में अशोकनगर के 60 से 85 साल के पेंशनर सेवाभाव के जुनून की मिसाल पेश कर रहे हैं. 40 डिग्री तापमान में भी यह बुजुर्ग 85 की उम्र में भी स्टेशन पर यात्रियों को नि:शुल्क प्याऊ लगाकर पानी पिलाने का कार्य करते हैं. ताकि यात्रियों को गर्मियों के मौसम में भी ठंडा पानी मिल सके.

लोगों को पानी पिलाकर सेवाभाव की मिशाल पेश करते पेंशनर

अशोकनगर रेलवे स्टेशन पर वो पेंशनर जो रिटायर हो चुके है इसके बाद भी रेलवे स्टेशन पर स्वयं के पैसे से यात्रियों को ठंडा पानी पिलाते हैं. स्टेशन पर ट्रेन के आते ही यह पेंशनर चलित प्याऊ की ट्रॉली को लेकर बोगियों के पास पहुंचकर ट्रेन में बैठे यात्रीयों को ठंडा पानी पिलाते है. इनके इस कार्य से अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

पेंशनर संगठन के पदाधिकारी ने बताया की दर्जनों सदस्य उनके संगठन में शामिल हैं. जो धनराशि के साथ-साथ काम में श्रमदान भी करते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी बुजुर्ग पेंशनर है. जो काम में हाथ तो नहीं बंटा सकते है वे धन राशि देकर संगठन की मदद करते हैं. सबसे खास बात यह है कि यह बुजुर्ग पेंशनर खुद के पैसों से पानी का टैंकर और बर्फ की व्यवस्था खुद ही करते है.
एक बुजुर्ग पेंशनर ने बताया कि घर में भी अच्छा नहीं लगता है. भगवान के नाम के साथ वृद्ध अवस्था को काटने के लिए समाज सेवा का बहुत ही नेक और अच्छा जरिया है. यहां पर आकर पानी के लिए भटकते लोगों को पानी पिलाने में एक अलग ही खुशी मिलती है. नौकरी से समय ना मिलने से युवावस्था में दोस्तों के साथ समय नहीं बता पाए लेकिन आज फिर हम उस जीवन को महसूस कर रहे हैं और मित्रों के साथ बैठकर अच्छा लगता है.

अशोकनगर। उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग आराम करना पसंद करते हैं. लेकिन इस उम्र में अशोकनगर के 60 से 85 साल के पेंशनर सेवाभाव के जुनून की मिसाल पेश कर रहे हैं. 40 डिग्री तापमान में भी यह बुजुर्ग 85 की उम्र में भी स्टेशन पर यात्रियों को नि:शुल्क प्याऊ लगाकर पानी पिलाने का कार्य करते हैं. ताकि यात्रियों को गर्मियों के मौसम में भी ठंडा पानी मिल सके.

लोगों को पानी पिलाकर सेवाभाव की मिशाल पेश करते पेंशनर

अशोकनगर रेलवे स्टेशन पर वो पेंशनर जो रिटायर हो चुके है इसके बाद भी रेलवे स्टेशन पर स्वयं के पैसे से यात्रियों को ठंडा पानी पिलाते हैं. स्टेशन पर ट्रेन के आते ही यह पेंशनर चलित प्याऊ की ट्रॉली को लेकर बोगियों के पास पहुंचकर ट्रेन में बैठे यात्रीयों को ठंडा पानी पिलाते है. इनके इस कार्य से अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

पेंशनर संगठन के पदाधिकारी ने बताया की दर्जनों सदस्य उनके संगठन में शामिल हैं. जो धनराशि के साथ-साथ काम में श्रमदान भी करते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी बुजुर्ग पेंशनर है. जो काम में हाथ तो नहीं बंटा सकते है वे धन राशि देकर संगठन की मदद करते हैं. सबसे खास बात यह है कि यह बुजुर्ग पेंशनर खुद के पैसों से पानी का टैंकर और बर्फ की व्यवस्था खुद ही करते है.
एक बुजुर्ग पेंशनर ने बताया कि घर में भी अच्छा नहीं लगता है. भगवान के नाम के साथ वृद्ध अवस्था को काटने के लिए समाज सेवा का बहुत ही नेक और अच्छा जरिया है. यहां पर आकर पानी के लिए भटकते लोगों को पानी पिलाने में एक अलग ही खुशी मिलती है. नौकरी से समय ना मिलने से युवावस्था में दोस्तों के साथ समय नहीं बता पाए लेकिन आज फिर हम उस जीवन को महसूस कर रहे हैं और मित्रों के साथ बैठकर अच्छा लगता है.

Intro:अशोकनगर।उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग आराम करना पसंद करते हैं उस उम्र में नगर के 60 से 85 साल के पेंशनर सेवाभाव के जुनून की मिसाल बन चुके हैं. 40 से 42 डिग्री तापमान में भी यह बुजुर्ग पेंशन 80 से 85 साल की उम्र में स्टेशन पर यात्रियों को निशुल्क प्याऊ लगाकर पानी पिलाने का कार्य करते हैं.ताकि यात्रियों को गर्मियों के मौसम में भी ठंडा पानी मिल सके. स्टेशन पर मौजूद पेंशनर सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक ड्यूटी निभाते हैं. जिस तरह अपने समय में उन्होंने शासकीय दफ्तरों में अपनी ड्यूटी का निर्वाहन किया था.


Body:दरअसल हम बात कर रहे हैं अशोक नगर रेलवे स्टेशन पर उन पेंशनरों की जो 60 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद रेलवे स्टेशन पर स्वयं के पैसे खर्च कर यात्रियों को ठंडा पानी पिलाते हैं.स्टेशन पर ट्रेन के आते ही यह पेंसनर चलित प्याऊ की ट्रॉली को लेकर बोगियों के पास पहुंचकर टैन में बैठे यात्रीयो को थाना पानी उपलब्ध कराते है.जिसके कारण भीषण गर्मी में ट्रेन में बैठे यात्रीयों के कंठ पानी से तर हो जाते है. इन पेंशनरों ने 60 साल की उम्र तक ऑफिस सहित अन्य कार्यालयों में नौकरी की और रिटायरमेंट के बाद भी उनमें सेवा भाव का जुनून देखने को मिल रहा है. पिछले 5 सालों से भीषण गर्मी के दिनों में 3 महीने पेंशनर संगठन द्वारा स्टेशन पर पेयजल की व्यवस्था की जाती है.स्टेशन पर चलित प्याऊ भी पेंशनरों द्वारा चलाई जा रही हैं पेंशनर संगठन के पदाधिकारियों ने बताया की दर्जनों सदस्य उनके संगठन में शामिल हैं जो धनराशि के साथ इस काम में श्रमदान भी करते हैं. वही ऐसे बुजुर्ग पेंशनर जिनके हाथ पैरों में अब हिम्मत नहीं रही वह धन राशि देकर संगठन की मदद करते हैं. सबसे खास बात यह है कि यह बुजुर्ग पेंशनर खुद के पैसों से पानी का टैंकर एवं बर्फ मंगा कर ठंडे पानी की व्यवस्था स्टेशन पर ही करते हैं.


Conclusion:जब हमने पेंशनरों से बात की तो उन्होंने बताया कि घर में भी अच्छा नहीं लगता .भगवान के नाम के साथ वृद्ध अवस्था को काटने के लिए समाज सेवा का बहुत ही नेक और अच्छा जरिया है. यहां पर आकर पानी के लिए भटकते लोगों को पानी पिलाने में एक अलग ही खुशी मिलती है. नौकरी से समय ना मिलने से युवावस्था में दोस्तों के साथ समय नहीं बता पाए लेकिन आज फिर हम उस जीवन को महसूस कर रहे हैं और हमारे मित्रों के साथ बैठकर अच्छा लगता है.
जहां एक और रेल प्रशासन स्टेशनों पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर अच्छी व्यवस्थाएं कराने के दावे करता है.वहीं दूसरी ओर अशोक नगर स्टेशन पर ठंडे पानी तो दूर सादा पानी तक की तक की व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा पाया. स्टेशन पर यात्रियों का कहना है कि पेंशनर संगठन द्वारा यदि ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं कराई जाती तो स्टेशन पर यात्रियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है.
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