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अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर, सीएमएचओ ने ओपीडी में बैठकर देखे मरीज

कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में प्रदेश भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अशोकनगर जिला अस्पताल और निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिला अस्पताल में पदस्थ सभी डॉक्टर ओपीडी बंद कर धरने पर बैठे रहे.

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Published : Jun 18, 2019, 11:51 PM IST

अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर

अशोकनगर। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में प्रदेश भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अशोकनगर जिला अस्पताल और निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिला अस्पताल में पदस्थ सभी डॉक्टर ओपीडी बंद कर धरने पर बैठे रहे. इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में एक डॉक्टर और सीएमएचओ ने खुद ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज किया.

अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर,

ये है पूरा मामला

⦁ अशोकनगर जिला अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
⦁ डॉक्टर ओपीडी में काम बंद कर अस्पताल के बाहर बैठकर धरना दिए.
⦁ सीएमएचओ जसराम त्रिवेदी ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 आयुष डॉक्टर की ड्यूटी तैनात की ताकि आने वाले गंभीर मरीजों का इलाज हो सके.
⦁ जिला अस्पताल में भी आयुष डॉक्टर विनीता श्रीवास्तव और शालिनी जादौन को इमरजेंसी मरीज का इलाज करने के लिए पोस्टेड किया गया.
⦁ मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण खुद सीएमएचओ ने भी मरीजों का इलाज किया.

डॉक्टरों का कहना है कि आए दिन मरीजों के इलाज के दौरान उनके परिजन झगड़ा करने लगते हैं, जिसके कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है. जबकि डाक्टरों द्वारा लगातार मरीजों का इलाज किया जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि किसी के साथ कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.

अशोकनगर। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में प्रदेश भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अशोकनगर जिला अस्पताल और निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिला अस्पताल में पदस्थ सभी डॉक्टर ओपीडी बंद कर धरने पर बैठे रहे. इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में एक डॉक्टर और सीएमएचओ ने खुद ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज किया.

अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर,

ये है पूरा मामला

⦁ अशोकनगर जिला अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
⦁ डॉक्टर ओपीडी में काम बंद कर अस्पताल के बाहर बैठकर धरना दिए.
⦁ सीएमएचओ जसराम त्रिवेदी ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 आयुष डॉक्टर की ड्यूटी तैनात की ताकि आने वाले गंभीर मरीजों का इलाज हो सके.
⦁ जिला अस्पताल में भी आयुष डॉक्टर विनीता श्रीवास्तव और शालिनी जादौन को इमरजेंसी मरीज का इलाज करने के लिए पोस्टेड किया गया.
⦁ मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण खुद सीएमएचओ ने भी मरीजों का इलाज किया.

डॉक्टरों का कहना है कि आए दिन मरीजों के इलाज के दौरान उनके परिजन झगड़ा करने लगते हैं, जिसके कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है. जबकि डाक्टरों द्वारा लगातार मरीजों का इलाज किया जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि किसी के साथ कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.

Intro:अशोकनगर।कोलकाता में डॉक्टर के साथ मरीजों के परिजनों द्वारा की गई मारपीट को लेकर अशोकनगर जिला अस्पताल एवं निजी नर्सिंग होम के अस्पतालों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिला अस्पताल में पदस्थ सभी डॉक्टर ओपीडी बंद कर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे रहे. इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में एक डॉक्टर मरीजों की देखरेख के लिए मौजूद रहा. व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए सीएमएचओ ने स्वयं ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार किया. साथ ही दो आयुष महिला डॉक्टर को जिला अस्पताल में मरीजों की देखरेख के लिए भी तैनात किया गया.


Body:कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में पूरे प्रदेश भर में डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में अशोकनगर जिला अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी टाइम पर तो पहुंचे एवं जिन डॉक्टरों के भरोसे वार्ड में मरीज भर्ती थे उन वार्डों के प्रभारी डॉक्टरों ने राउंड भी लिया. और मरीजों को दवाई भी लिखी. इसके बाद बाकी के डॉक्टर ओपीडी में काम बंद कर अस्पताल के बाहर फर्श पर बैठकर धरना देते दिखाई दिए. डॉक्टरों का कहना है कि आए दिन मरीजों के इलाज के दौरान उनके परिजन झगड़ा करने लगते हैं. जिसके कारण विवाद की स्थिति और उत्पन्न होती है. जबकि हमारे द्वारा लगातार मरीजों का उपचार किया जाता है. लेकिन इसके बाद भी हम लोगों के साथ कई घटनाएं घटित होती हैं. उन्होंने पिछले समय में जिला अस्पताल में मरीजों द्वारा की गई तोड़फोड़ का भी उल्लेख करते हुए सुरक्षा की मांग की.
-इधर सीएचएमओ ने ओपीडी में बैठ कर देखे मरीज:-
जिला अस्पताल में सुबह 9:00 बजे से मरीजों की भीड़ लगना शुरू हो गई. जिसमें प्रबंधन द्वारा मरीजों को बताया गया कि आज डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसके कारण मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कर सकेंगे. लेकिन इस पूरे मामले में सीएमएचओ जसराम त्रिवेदी ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 आयुष डॉक्टर की ड्यूटी तैनात की है. ताकि आने वाले गंभीर मरीजों का उपचार हो सकें. वहीं जिला अस्पताल में भी आयुष डॉक्टर विनीता श्रीवास्तव एवं शालिनी जादौन को इमरजेंसी मरीज का उपचार करने के लिए पदस्थ किया गया है. वहीं मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण स्वयं सीएमएचओ श्री त्रिवेदीया ने भी मरीजों को देखा.एवं उनका उपचार भी किया. साथ ही गंभीर मरीज होने पर उन्हें अस्पताल के वार्ड में भर्ती भी कराया गया.


Conclusion:जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डीके जैन ने बताया कि कोलकाता में डॉक्टर के साथ की गई मारपीट के विरोध में हम सभी डॉक्टर यहां काम बंद करके बैठे हुए हैं. ताकि डॉक्टर प्रोटक्शन एक्ट लागू किया जा सके.क्योंकि लगातार मरीज एवं डॉक्टरों के बीच विवाद की स्थिति बनती रहती है. ऐसे में कोई भी घटना डॉक्टरों के साथ घटित हो सकती है.
वही जिला अस्पताल मैं पदस्थ डॉ गौरव बंसल ने बताया कि डाक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट बहुत जरूरी है.क्योंकि आज के समय में मारपीट जैसी स्थिति कई वार निर्मित होती है. जिसके कारण हम लोगों में भय बना रहता है. इसलिए हम सभी लोग कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई घटना में कड़ी कार्रवाई एवं डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने के लिए हड़ताल पर बैठे हैं. केवल इमरजेंसी मरीजों का उपचार हमारे एक डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है.ताकि गंभीर बीमारी के मरीजों का इलाज हो सके.
बाइट-डॉ डीके जैन, वरिष्ठ चिकित्सक
बाइट-गौरव बंसल, जिला अस्पताल
बाइट-जसराम त्रिवेदीया, सीएमएचओ एवं प्रभारी सिविल सर्जन
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