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18 साल की खुशबू का साहस है मिसाल, लड़कियों को सिखाती हैं आत्मरक्षा के गुर

मूंगावली के एक छोटे से गांव में रहने वाली 18 साल की खुशबू गांव की लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है. खुशबू के हौसले की मिसाल अब आसपास के गांव के लोग तक देते हैं.

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Published : Apr 8, 2019, 9:50 AM IST

अशोकनगर की लेडी दबंग

अशोकनगर। मूंगावली के एक छोटे से गांव में रहने वाली खुशबू मिश्रा गांव के लड़कों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. उसके आत्मरक्षा के गुर ने आवारा लड़कों के होश उड़ा दिए हैं. खुशबू गांव की लड़कियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाकर उन्हें ट्रेंड कर रही है.

अशोकनगर की लेडी दबंग

खुशबू न सिर्फ आत्मरक्षा जानती है, बल्कि वो मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर चलाने में भी माहिर है. उसका कहना है कि वो सहराई चौकी में पदस्थ एसआई सुमन पालिया से प्रेरित हुई. एसआई ने उसे समझाया कि वो किसी से कम नहीं है. फिर क्या था उनसे प्रेरणा लेकर खुशबू ने खुद को मजबूत किया. आज वो अपने घर के सारे काम करती है. वो कहती है कि उसे किसी का डर नहीं है.

खुशबू के परिवार ने हमेशा से उसका साथ दिया है. गांव के लोग उसे गलत समझ लेते हैं, लेकिन परिवार उसके साथ है और गांव के कई लोग हैं जो खुशबू की दिलेरी को सलाम करते हैं.

अशोकनगर। मूंगावली के एक छोटे से गांव में रहने वाली खुशबू मिश्रा गांव के लड़कों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. उसके आत्मरक्षा के गुर ने आवारा लड़कों के होश उड़ा दिए हैं. खुशबू गांव की लड़कियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाकर उन्हें ट्रेंड कर रही है.

अशोकनगर की लेडी दबंग

खुशबू न सिर्फ आत्मरक्षा जानती है, बल्कि वो मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर चलाने में भी माहिर है. उसका कहना है कि वो सहराई चौकी में पदस्थ एसआई सुमन पालिया से प्रेरित हुई. एसआई ने उसे समझाया कि वो किसी से कम नहीं है. फिर क्या था उनसे प्रेरणा लेकर खुशबू ने खुद को मजबूत किया. आज वो अपने घर के सारे काम करती है. वो कहती है कि उसे किसी का डर नहीं है.

खुशबू के परिवार ने हमेशा से उसका साथ दिया है. गांव के लोग उसे गलत समझ लेते हैं, लेकिन परिवार उसके साथ है और गांव के कई लोग हैं जो खुशबू की दिलेरी को सलाम करते हैं.

Intro:अशोकनगर। जिले से 37 किलोमीटर दूर मुंगावली के एक छोटे से गांव में रहने वाली 18 साल की युवती की छवि दबंग महिला के रूप में बन गई. यूबती गांव सहित आसपास के लड़कों के लिए एक डर का पर्याय बन चुकी है. गांव की लड़कियों को भी इस युवती द्वारा आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जाते हैं. इस कार्य के लिए हर दिन एक मास्टर ट्रेनर की तरह लड़कियों को वह 2 घंटे दौड़ एवं आत्मरक्षा के टिप्स सिखाती है.
हम बात कर रहे हैं मुंगावली के रोहाना गांव में रहने वाली दबंग यूबती खुशबू मिश्रा की. जिसने हाल ही में हायर सेकेंडरी की परीक्षा दी है. कुछ वर्ष पूर्व खुशबू की सहेलियों के साथ किसी लड़के द्वारा छेड़छाड़ की गई थी,जब इस छेड़छाड़ की जानकारी खुशबू को लगी तो उसने एक मनचले लड़के की पिटाई कर दी. और इसके बाद लड़के उससे और गांव की लड़कियों से दूर रहने में ही अपनी भलाई समझने लगे.


Body:खुशबू मिश्रा के पिता प्रदीप मिश्रा ने बताया कि उनके दो लड़की और एक लड़का है. बे कभी बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझते. खुशबू लड़कों की तरह जींस टी शर्ट पहनती है और हर वो काम करती है जो एक बेटा कर सकता है खुशबू बाइक ट्रैक्टर और कार भी चला लेती है.कोई बाजार का काम हो या खेती किसानी का खुशबू को यह सारे काम आसानी से कर सकती है. वहीं खुशबू की मां का कहना है कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है. खुशबू बताती है कि मैं अपने गांव की बेटियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण चाहती हूं. इसलिए उन्हें ट्रेनिंग दे रही हूं शुरू शुरू में गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया था लेकिन अब सभी का सहयोग मिल रहा है.


Conclusion:खुशबू ने बताया कि अपनी सहेली के साथ हुई छेड़छाड़ के बाद मेरा परिचय सहराई चौकी में पदस्थ एसआई सुमन पालिया से हुआ. और उनसे ही मैंने इस आत्मरक्षा की ट्रेनिंग की शुरुआत की. एएसआई पालिया के साथ हर दिन 2 घंटे रनिंग करती थी और अपने बचाव के टिप्स भी उन्हीं से सीखती थी. एसआई सुमन पालिया के स्थानांतरण के बाद खुशबू ने अपनी ट्रेनिंग जारी रखी, और अब गांव की लड़कियों को भी ट्रेनिंग दे रही हु. खुशबू ने बताया कि मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं पुलिस में भर्ती हो सकु. और इसीलिए इस ट्रेनिंग के जरिए स्वयं और गांव की लड़कियों को भी ट्रेनिंग दे रही हूं ताकि बे भी पुलिस की नौकरी में जा सके.
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