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अशोकनगर: जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को कलेक्टर ने किया सस्पेंड, मरीज को प्राइवेट पैथोलॉजी में भेजने का मामला

अशोकनगर जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज को एक प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही थी. इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया.

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को कलेक्टर ने किया सस्पेंड
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Published : Jun 4, 2019, 11:21 PM IST

अशोकनगर। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज को एक प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही थी. जिसके बाद मरीज को 42 डिग्री तापमान में 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार करके एक्स-रे कराने जाना पड़ा था. ये मामला कई दिनों से सुर्खियों में है.

इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया. अपने दिए गए आदेश को तत्काल लागू करने के अलावा उन्होंने सिविल सर्जन का प्रभार सीएमएचओ जेएस त्रिवेदीया को दिया है. मामला 31 मई का है जब जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजकुमार जैतवार ने शिवरानी नाम की महिला को प्राइवेट पैथोलॉजी पर एक्स रे कराने के लिए एक पर्ची दी थी. जिसके बाद महिला का दिव्यांग पति गजराज धानुक पैसे ना होने के कारण अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार कर प्राइवेट पैथोलॉजी पर पहुंचा था. जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की तीन मशीन लगी हुई हैं.

इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टर राजकुमार जैतवार पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. देखना ये है कि अब प्रशासन द्वारा इस तरह संवेदनशील मामलों में बड़ी लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर कोई और कार्रवाई होती है या हर बार की तरह मामले को दबाने का प्रयास किया जाएगा.

अशोकनगर। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज को एक प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही थी. जिसके बाद मरीज को 42 डिग्री तापमान में 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार करके एक्स-रे कराने जाना पड़ा था. ये मामला कई दिनों से सुर्खियों में है.

इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया. अपने दिए गए आदेश को तत्काल लागू करने के अलावा उन्होंने सिविल सर्जन का प्रभार सीएमएचओ जेएस त्रिवेदीया को दिया है. मामला 31 मई का है जब जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजकुमार जैतवार ने शिवरानी नाम की महिला को प्राइवेट पैथोलॉजी पर एक्स रे कराने के लिए एक पर्ची दी थी. जिसके बाद महिला का दिव्यांग पति गजराज धानुक पैसे ना होने के कारण अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार कर प्राइवेट पैथोलॉजी पर पहुंचा था. जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की तीन मशीन लगी हुई हैं.

इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टर राजकुमार जैतवार पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. देखना ये है कि अब प्रशासन द्वारा इस तरह संवेदनशील मामलों में बड़ी लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर कोई और कार्रवाई होती है या हर बार की तरह मामले को दबाने का प्रयास किया जाएगा.

Intro:अशोकनगर। जिला अस्पताल में मरीज को 42 डिग्री तापमान में 1 किलोमीटर लंबे एफओबी पार कर प्राइवेट पैथोलॉजी में एक्स-रे कराने वाला मामला कई दिनों से सुर्खियों में है. इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया. अपने दिए गए आदेश को तत्काल लागू करने के अलावा उन्होंने सिविल सर्जन का प्रभार सीएमएचओ जेएस त्रिवेदीया को दिया है.


Body:मामला 31 मई का है जब जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजकुमार जैतवार ने शिवरानी नाम की महिला को प्राइवेट पैथोलॉजी पर एक्सरा कराने के लिए एक पर्ची दी गई थी. जिसके बाद महिला का दिव्यांग पति गजराज धानुक पैसे ना होने के कारण अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार कर प्राइवेट पैथोलॉजी पर पहुंचा था. जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की तीन मशीन लगी हुई हैं.
जिसके बाद इस लापरवाही की खबर को ईटीवी भारत में प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए प्रभारी सिविल सर्जन अनूप सिंह छोरी को सिविल सर्जन पद से हटा दिया. श्री छारी जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर पदस्थ हैं, और अब अब वे अपना मूल विभाग ही संभालेंगे.


Conclusion:लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर पर नहीं हुई कार्रवाई-
जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार द्वारा जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती शिवरानी के एक्स-रे को (जो जिला अस्पताल में कराया गया था) धुंधला बताया था. और उन्हें एक निजी प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही गई थी.इस पूरे घटनाक्रम मैं हड्डी रोग विशेषज्ञ श्री जैतवार की लापरवाही उजागर हुई थी. लेकिन इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टर राजकुमार जैतवार पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. देखना यह है कि अब प्रशासन द्वारा इस तरह संवेदनशील मामलों में बड़ी लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही होती है, या हर बार की तरह मामले को दबाने का प्रयास किया जाएगा.
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