अशोकनगर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार फिर भाजपा से घिरते हुए नजर आ रहे हैं. एक चुनावी सभा के दौरान अशोकनगर विधानसभा में पहुंचे कमलनाथ तय कार्यक्रम के बाद भी मन्दिर में दर्शन करने नहीं पहुंचे. इसे भाजपा ने मुद्दा बना लिया. हालांकि इस बात पर आमजन में भी चर्चा का बाजार गर्म है. जिला मुख्यालय स्थित राज राजेश्वर मंदिर में कमलनाथ को दर्शन करने जाना था, इसे लेकर पूजन की पूरी तैयारी भी मन्दिर के पुजारी द्वारा कर ली गयी थी. लेकिन अंत मे कमलनाथ सिर्फ सभा को सम्बोधित करके यहां से चले गए और मन्दिर में पुजारी पूर्व मुख्यमंत्री का इंतजार ही करते रहे गए. इस बात पर भाजपा ने कमलनाथ को आड़े हाथों लिया है और इसे न सिर्फ भगवान का अपमान बल्कि अशोकनगर का और यहां के लोगों की धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया है.
पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुबह के समय कुछ कांग्रेस पार्टी के लोगों ने बताया था कि कमलनाथ मन्दिर में दर्शन और पूजन करने आएंगे. लेकिन अंत में जानकारी मिली कि कमलनाथ वापस चले गए हैं. पूजन के लिए थाली और पूजन सामग्री जस की तस रखी रह गयी. इस मामले में जहां भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री को घेरने में कसर नहीं छोड़ी तो वहीं कांग्रेसी बचाव में सफाई देते दिखाई दिए.
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हालांकि कांग्रेसी अब भाजपा की बात का खंडन कर रहे हैं. उनके अनुसार कमलनाथ के मन्दिर जाने का कार्यक्रम तय था ही नहीं. पुजारी की बात को नकारते हुए कांग्रेसियों ने यह तो स्वीकार कर लिया कि कमलनाथ ने शहर की मिट्टी को माथे पर लगाते हुए यहां आने का सौभाग्य प्राप्त कर लिया. बता दें कि यह वही मन्दिर है, जिससे ये मिथक जुड़ा है कि यहां हाजरी ना लगाने वाले को मुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा है.