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विधानसभा उपचुनाव को लेकर सक्रिय बीजेपी-कांग्रेस, आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू - Upcoming by-election

क्षेत्र में आगामी विधानसभा उपचुनाव को दोनों ही दल सक्रिय हो गए हैं. साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

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विधानसभा उपचुनाव को लेकर सक्रिय बीजेपी-कांग्रेस
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Published : Aug 29, 2020, 2:22 PM IST

अशोकनगर। प्रदेश में आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दल किसानों के मुद्दे को अपना हथियार बना रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल किसानों की कर्जमाफी को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि किसानों का वोट बैंक हासिल कर सकें. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि किसान कर्ज माफी को अपने 15 माह में शासन की बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के समक्ष रखेगी तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को विश्वासघाती बताया है.

विधानसभा उपचुनाव को लेकर सक्रिय बीजेपी-कांग्रेस

आगामी उपचुनाव के लिए बैठक आयोजित कर पैन ड्राइव के माध्यम से 26 लाख किसानों के नाम जारी किए हैं, जिन्हें कर्ज माफी का फायदा मिला है. एक ओर किसान कर्ज माफी को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के 15 दिन में ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन 15 महीने के दौरान ये पूरा नहीं हो सका. कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी के आरोपों की सच्चाई पैन ड्राइव के माध्यम से सामने आ जाएगी. कांग्रेस ने इस पैन ड्राइव को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की रणनीति भी तैयार की है.

विधानसभा चुनाव के दौरान 6 जून 2018 को मंदसौर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का 10 दिन में कर्ज माफ किया जाएगा. बाद में कांग्रेस ने इसे अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था. इस संबंध में ईटीवी भारत ने अशोकनगर में कर्ज माफी की लिस्ट में शामिल किसानों से बात की तो कुछ किसानों ने कर्ज माफी को लेकर संतुष्टि जाहिर की. कुछ किसानों ने अभी तक किसी भी तरह की सूचना नहीं मिलने की बात कही है.

कांग्रेस से भाजपा में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के कद्दावर नेता धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि मेरा करीब एक लाख कोऑपरेटिव बैंक में कर्जा था, जिसमें कुल 1700 रुपये की कर्ज माफी हुई है. ये किसानों के साथ सीधा छलावा है, जबकि एक लाख का कर्ज लेने में 2000 मार्जिन मनी जमा की जाती है. इस तरह की कर्ज माफी किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है.

अशोकनगर। प्रदेश में आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दल किसानों के मुद्दे को अपना हथियार बना रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल किसानों की कर्जमाफी को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि किसानों का वोट बैंक हासिल कर सकें. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि किसान कर्ज माफी को अपने 15 माह में शासन की बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के समक्ष रखेगी तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को विश्वासघाती बताया है.

विधानसभा उपचुनाव को लेकर सक्रिय बीजेपी-कांग्रेस

आगामी उपचुनाव के लिए बैठक आयोजित कर पैन ड्राइव के माध्यम से 26 लाख किसानों के नाम जारी किए हैं, जिन्हें कर्ज माफी का फायदा मिला है. एक ओर किसान कर्ज माफी को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के 15 दिन में ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन 15 महीने के दौरान ये पूरा नहीं हो सका. कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी के आरोपों की सच्चाई पैन ड्राइव के माध्यम से सामने आ जाएगी. कांग्रेस ने इस पैन ड्राइव को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की रणनीति भी तैयार की है.

विधानसभा चुनाव के दौरान 6 जून 2018 को मंदसौर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का 10 दिन में कर्ज माफ किया जाएगा. बाद में कांग्रेस ने इसे अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था. इस संबंध में ईटीवी भारत ने अशोकनगर में कर्ज माफी की लिस्ट में शामिल किसानों से बात की तो कुछ किसानों ने कर्ज माफी को लेकर संतुष्टि जाहिर की. कुछ किसानों ने अभी तक किसी भी तरह की सूचना नहीं मिलने की बात कही है.

कांग्रेस से भाजपा में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के कद्दावर नेता धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि मेरा करीब एक लाख कोऑपरेटिव बैंक में कर्जा था, जिसमें कुल 1700 रुपये की कर्ज माफी हुई है. ये किसानों के साथ सीधा छलावा है, जबकि एक लाख का कर्ज लेने में 2000 मार्जिन मनी जमा की जाती है. इस तरह की कर्ज माफी किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है.

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