अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है.ऐसे में संक्रमण के डर से कई कंपनियां बंद हैं. जिससे उस में काम कर अपना जीवन यापन करने वाले मजदूरों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. मजदूरी कर अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले मजदूरों को अब दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला अशोकनगर जिले के ईसागढ़ तहसील से सामने आया है. जहां एक निजी हॉस्पिटल प्रबंधन ने सफाई कर्मचारी और माली सहित 4ं0 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया है. जिससे मजबूर कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.
दरअसल, मामला अशोकनगर जिले के ईसागढ़ तहसील का है, जहां एक निजी हॉस्टिपल में सैकड़ों मजदूर लगभग 20 से 30 वर्षों से काम कर रहे हैं. जिनमें से लगभग 40 मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान हटा दिया गया है. मजदूरों का कहना है कि अगर हमें काम नहीं मिला तो हमारा परिवार भूख से मर जाएगा. जिसको लेकर शनिवार को इन 40 कर्मचारियों ने अशोकनगर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार गजेंद्र धाकड़ को ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई.
मजदूर गोपीलाल और रतनलाल ने बताया कि हम लगभग 25 सालों से हॉस्पिटल में काम कर रहे हैं. लेकिन अचानक पहले तो 1 दिन काम करा कर बैठा देते थे और फिर उसी हिसाब से सैलरी बनाते थे,. लेकिन अब काम नहीं होने का हवाला देकर उन्होंने काम पर आने के लिए मना कर दिया. इसीलिए कलेक्टर डॉक्टर मंजू शर्मा को ज्ञापन देकर न्याय की मांग की है.
मजदूरों ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो फांसी लगाने के अलावा और कोई विकल्प हमारे सामने नहीं है. कलेक्ट्रेट में मजदूरों से ज्ञापन लेने के लिए नायब तहसीलदार गजेंद्र धाकड़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर उन्हें ज्ञापन दिया है. इस मामले को कलेक्टर के संज्ञान में लाया जाएगा और शीघ्र निराकरण कराने का प्रयास भी किया जाएगा.