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कोटेदार की लापरवाही के चलते महामारी के बीच ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन

ग्राम पंचायत पिपरिया के ग्रामीणों ने कोटेदार पर आरोप लगाया है कि मनमाना रवैया अपनाकर कोटेदार द्वारा माह में 1 दिन ही राशन दिया जाता है इस महामारी के दौरान अब तक ग्रामीणों को राशन उपलब्ध नहीं कराया गया. साथ ही विकलांगों को भी राशन न देने का लगाया आरोप.

Villagers are not getting ration in Anuppur amid the epidemic
कोटेदार की लापरवाही महामारी के बीच ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन
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Published : May 2, 2020, 5:36 PM IST

अनूपपुर: जिले के ब्लॉक कोतमा के ग्राम पंचायत पिपरिया में इन दिनों राशन को लेकर लोगों को अधिक परेशानियां उठानी पड़ रही हैं करोना महामारी के बीच प्रशासन अपनी पूरी जद्दोजहद लगाकर गरीब ग्रामीणों और मजदूरों को राशन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है जिस पर निचले स्तर के कर्मचारी सरकार की योजनाओं तथा राहत सामग्रियों पर ग्रामीणों को बट्टा लगा रहे हैं.

ग्राम पंचायत पिपरिया में ग्रामीणों का कहना है कि माह में एक बार राशन की दुकान खुलती है और कुछ लोगों को राशन देकर वह दुकान बंद हो जाती है महामारी के बीच जो राहत सामग्री या सामान सरकार द्वारा उपलब्ध किया जाना था वह भी अभी तक ग्रामीणों को नहीं मिला है.

ग्रामीणों ने कोटेदार के पर आरोप लगाया है कि मनमाना रवैया अपनाकर कोटेदार द्वारा माह के 1 दिन ही राशन दिया जाता है इस महामारी के दौरान अब तक ग्रामीणों को राशन उपलब्ध नहीं कराया गया. यह कोई पहला मौका नहीं है जब ग्रामीण कोटेदार से परेशान थे अक्सर कोटेदार द्वारा ग्रामीणों को मिलने वाले राशन पर ताला लगाकर गायब हो जाते हैं. साथ ही कोटेदार द्वारा विकलांग को निशुल्क प्रशासन के द्वारा मिलने वाले राशन को भी नहीं दिया जा रहा है जबकि आसपास के गांव के राशन दुकान में विकलांगों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही प्रतिदिन उपयोग होने वाली अन्य सामग्री भी राशन दुकान से उपलब्ध कराई जा रही थी. वहीं पिपरिया की राशन दुकान के कोटेदार ने विकलांगों को दिए जाने वाले राशन में भी बट्टा लगा दिया गया.

अनूपपुर: जिले के ब्लॉक कोतमा के ग्राम पंचायत पिपरिया में इन दिनों राशन को लेकर लोगों को अधिक परेशानियां उठानी पड़ रही हैं करोना महामारी के बीच प्रशासन अपनी पूरी जद्दोजहद लगाकर गरीब ग्रामीणों और मजदूरों को राशन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है जिस पर निचले स्तर के कर्मचारी सरकार की योजनाओं तथा राहत सामग्रियों पर ग्रामीणों को बट्टा लगा रहे हैं.

ग्राम पंचायत पिपरिया में ग्रामीणों का कहना है कि माह में एक बार राशन की दुकान खुलती है और कुछ लोगों को राशन देकर वह दुकान बंद हो जाती है महामारी के बीच जो राहत सामग्री या सामान सरकार द्वारा उपलब्ध किया जाना था वह भी अभी तक ग्रामीणों को नहीं मिला है.

ग्रामीणों ने कोटेदार के पर आरोप लगाया है कि मनमाना रवैया अपनाकर कोटेदार द्वारा माह के 1 दिन ही राशन दिया जाता है इस महामारी के दौरान अब तक ग्रामीणों को राशन उपलब्ध नहीं कराया गया. यह कोई पहला मौका नहीं है जब ग्रामीण कोटेदार से परेशान थे अक्सर कोटेदार द्वारा ग्रामीणों को मिलने वाले राशन पर ताला लगाकर गायब हो जाते हैं. साथ ही कोटेदार द्वारा विकलांग को निशुल्क प्रशासन के द्वारा मिलने वाले राशन को भी नहीं दिया जा रहा है जबकि आसपास के गांव के राशन दुकान में विकलांगों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही प्रतिदिन उपयोग होने वाली अन्य सामग्री भी राशन दुकान से उपलब्ध कराई जा रही थी. वहीं पिपरिया की राशन दुकान के कोटेदार ने विकलांगों को दिए जाने वाले राशन में भी बट्टा लगा दिया गया.

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