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41 लाख के भ्रष्टाचार में नगर पालिका अधिकारियों पर गिरी गाज, एफआईआर हुई दर्ज - Municipal news

अनूपपुर नगर पालिका परिषद में 41 लाख रुपये के भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन सीएमओ कमलादेवी कौल, आशीष शर्मा, पूर्व सिटी मैनेजर अभिलाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी पर मामला दर्ज हुआ.

नगर पालिका अधिकारियों पर गिरी गाज
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Published : Nov 20, 2019, 10:35 PM IST

अनूपपुर- नगर पालिका परिषद में 41 लाख रुपये के भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन सीएमओ कमलादेवी कौल, आशीष शर्मा, पूर्व सिटी मैनेजर अभिलाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी पर मामला दर्ज हुआ है.नगर परिषद के नियमों को दरकिनार करते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने अपने चहेतों को नौकरी का लाभ दिया जिसमें कमला देवी कौल कर्मचारी अरविंद कुमार मिश्रा, सुभाष, गोकर्ण केवट, आशीष चौरसिया और बेबी राठौर को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति करते हुए 445457 रुपये का भुगतान किया गया. इसी तरह आशीष शर्मा ने भी चार कर्मचारियों तौसीफ अशरफ, गुलाब सिंह, भानु प्रताप और अनिल राठौर को नियुक्त करते हुए 594061 रुपये का भुगतान किया.

अधिकारियों पर गिरी गाज


राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में पूर्व सिटी मैनेजर अभिलाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना 2018-9 में बैंकों ने 69 हितग्राहियों का प्रकरण किया. 11 हितग्राहियों के खाते में 495000 मार्जिन मनी के रूप में डाले गए जिसमें नगर परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं. शासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए 1211500 रुपये हितग्राहियों के खाते में जमा करते हुए उनसे वापस भी लिए गए.


बताया जा रहा है कि नगर पालिका परिषद अनूपपुर में अधिकारियों ने कार्यालय को भ्रष्टाचार का चारागाह बना लिया था. कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त तक भ्रष्टाचार की शिकायतें भी हुईं थीं. जिसके बाद 25 जून 2019 को अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल ने कलेक्टर के नाम पत्र लिखते हुए तत्कालीन सीएमओ कमला देवी कौल, आशीष शर्मा और पूर्व सिटी मैनेजर अविनाश त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी के विरुद्ध मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. इस आदेश के 4 महीने बाद चारों पर धोखाधड़ी के मामलों में नगर पालिका अधिकारी यशवंत वर्मा की शिकायत पर कोतवाली में धारा 409, 420, 497, 468, 471,120 बी के तहत पंजीबद्ध किया गया चारों अधिकारी-कर्मचारी अनूपपुर से स्थानांतरित हो चुके हैं.

अनूपपुर- नगर पालिका परिषद में 41 लाख रुपये के भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन सीएमओ कमलादेवी कौल, आशीष शर्मा, पूर्व सिटी मैनेजर अभिलाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी पर मामला दर्ज हुआ है.नगर परिषद के नियमों को दरकिनार करते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने अपने चहेतों को नौकरी का लाभ दिया जिसमें कमला देवी कौल कर्मचारी अरविंद कुमार मिश्रा, सुभाष, गोकर्ण केवट, आशीष चौरसिया और बेबी राठौर को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति करते हुए 445457 रुपये का भुगतान किया गया. इसी तरह आशीष शर्मा ने भी चार कर्मचारियों तौसीफ अशरफ, गुलाब सिंह, भानु प्रताप और अनिल राठौर को नियुक्त करते हुए 594061 रुपये का भुगतान किया.

अधिकारियों पर गिरी गाज


राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में पूर्व सिटी मैनेजर अभिलाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना 2018-9 में बैंकों ने 69 हितग्राहियों का प्रकरण किया. 11 हितग्राहियों के खाते में 495000 मार्जिन मनी के रूप में डाले गए जिसमें नगर परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं. शासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए 1211500 रुपये हितग्राहियों के खाते में जमा करते हुए उनसे वापस भी लिए गए.


बताया जा रहा है कि नगर पालिका परिषद अनूपपुर में अधिकारियों ने कार्यालय को भ्रष्टाचार का चारागाह बना लिया था. कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त तक भ्रष्टाचार की शिकायतें भी हुईं थीं. जिसके बाद 25 जून 2019 को अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल ने कलेक्टर के नाम पत्र लिखते हुए तत्कालीन सीएमओ कमला देवी कौल, आशीष शर्मा और पूर्व सिटी मैनेजर अविनाश त्रिपाठी और उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी के विरुद्ध मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. इस आदेश के 4 महीने बाद चारों पर धोखाधड़ी के मामलों में नगर पालिका अधिकारी यशवंत वर्मा की शिकायत पर कोतवाली में धारा 409, 420, 497, 468, 471,120 बी के तहत पंजीबद्ध किया गया चारों अधिकारी-कर्मचारी अनूपपुर से स्थानांतरित हो चुके हैं.

Intro:नगर पालिका परिषद अनूपपुर में हुए 41 लाख रुपए के गबन के मामले में तत्कालीन सीएमओ कमलादेवी कॉल आशीष शर्मा वर्सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी श्रीमती आरती त्रिपाठी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया इस संबंध में बताया गया है कि नगर पालिका परिषद अनूपपुर में भ्रष्टाचार की शिकायत आम हो चली है नपा अधिकारियों ने कार्यालय को भ्रष्टाचार का चारागाह बना लिया था कलेक्टर अनूपपुर से लेकर लोकायुक्त रीवा तक भ्रष्टाचार की शिकायतें भी हुई जिसके बाद 25 जून 2019 को अपार आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा कलेक्टर अनूपपुर के नाम पत्र लिखते हुए तत्कालीन सीएमओ कमला देवी कॉल आशीष शर्मा व सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अविनाश त्रिपाठी व उनकी पत्नी श्रीमती आरती त्रिपाठी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए गए थे इस आदेश के 4 महीने बाद चारों के विरुद्ध धोखाधड़ी के मामलों में नगर पालिका अधिकारी यशवंत वर्मा की शिकायत पर कोतवाली अनूपपुर में धारा 409 420 , 497 ,468 ,471 ,120 बी के तहत धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया गया चारों अधिकारी कर्मचारी अनूपपुर से स्थानांतरित हो चुके हैं


41 लाख के गमन में पुलिस द्वारा की जा रही प्रारंभिक जांच में अब तक 41 लाख 6 हजार 599 रुपए का का गबन उजागर हुआ है इन सभी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय अनियमितताएं की है जिसका खुलासा भी पुलिस ने कर लिया है वहीं दूसरी तरफ पुलिस इस जांच को आगे भी बढ़ा रही है जिसमें भ्रष्टाचार का आंकड़ा एक करोड़ के पार जा सकता है


Body:नगर परिषद के नियमों को दरकिनार रखते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने अपने चहेतों को नौकरी का लाभ दिया जिसमें कमला देवी कॉल प्रसाद कर्मचारी अरविंद कुमार मिश्रा सुभाष चोरी सूची श्रीवास्तव गोकर्ण केवट आशीष चौरसिया तथा बेबी राठौर को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति करते हुए 445457 रुपे का भुगतान किया गया इसी तरह आशीष शर्मा ने भी चार कर्मचारियों तौसीफ अशरफ गुलाब सिंह भानु प्रताप अनिल राठौर को नियुक्त करते हुए 594061 रुपे की अनियमित भुगतान किया

वहीं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में सिटी मैनेजर पद के पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी व उनकी पत्नी श्रीमती आरती त्रिपाठी द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना 2018 19 में बैंकों द्वारा 69 हितग्राहियों का प्रकरण शिकार किया गया 11 हितग्राहियों के खाते में 495000 मार्जिन मनी के रूप में डाले गए जिसमें नगर परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं शासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए 1211500 हितग्राहियों के खाते में जमा करते हुए उनसे वापस भी लिए गए जैसे 2018 और 19 के पूर्व के मामले की जांच होने पर और भी बढ़ने की बात कही जा रही है


Conclusion:बाइट :-किरण लता केरकेट्टा पुलिस अधीक्षक
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