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जमीन वापस पाने के लिए बुजुर्ग महिला ने चुना अहिंसा रास्ता,  गांधी जी की जयंती पर शुरु किया सत्याग्रह - Satyagraha of the complainant

अनूपपुर में आदिवासी पीड़िता भिख मतिया बाई कोल ने गांधीवादी विचारधारा पर चलते हुए गांधी जयंती के दिन ही अन्न त्याग कर सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है. उनका कहना है पटवारी ने धोखे से उनकी जमीन हड़पी है.

न्याय के लिए महिला ने चुना सत्याग्रह का रास्ता
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Published : Oct 3, 2019, 8:58 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 10:17 AM IST

अनूपपुर। जब न्याय की सारी आस टूट जाती है तो फरियादी को सत्याग्रह जैसे रास्ते चुनने पड़ते हैं. ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिले से आया है. यहां एक बुजुर्ग महिला अपनी जमीन हासिल के लिए कई सालों से शासन, प्रशासन और आलाधिकारियों के चक्कर लगा रही थी. लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिला.

जमीन के हक के लिए चुना अंहिसा का मार्ग

आखिरकार बुजुर्ग महिला ने सत्याग्रह का रास्ता चुना और गांधी जी की 150 वीं जयंती पर अपना धरना शुरु किया. बुजुर्ग महिला का मानना है कि वह तब तक सत्याग्रह पर बैठी रहेगी जब तक उसे उसकी जमीन नहीं मिल जाती है. पीड़ित बुजुर्ग महिला ने मांग करते हुए कहा कि आरोपी पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल सिंह रौतेल ने बताया कि बुजुर्ग महिला की जमीन को स्थानीय पटवारी ने कूटरचित तरीके से हड़प लिया है. फरियादी ने प्रशासन के सभी आलाधिकारियों से मिलकर न्याय की मांग की है.

क्या है मामला
पीड़िता का आरोप है उसकी एकड़ों जमीन पर पटवारी ने 20 डिसमिल जमीन बेचने की बात कहकर एक एकड़ की जमीन धोखे से अपने नाम करवा ली और उस पर कब्जा कर लिया. फरियादी का आरोप है कि आरोपी पटवारी रमेश सिंह ने उसे पहले विश्वाश में लेकर उसकी जमीन का सौदा 1 लाख 80 हजार में उससे तय हुआ लेकिन महिला के पास तय हुई रकम आज तक नहीं आई है.

अनूपपुर। जब न्याय की सारी आस टूट जाती है तो फरियादी को सत्याग्रह जैसे रास्ते चुनने पड़ते हैं. ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिले से आया है. यहां एक बुजुर्ग महिला अपनी जमीन हासिल के लिए कई सालों से शासन, प्रशासन और आलाधिकारियों के चक्कर लगा रही थी. लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिला.

जमीन के हक के लिए चुना अंहिसा का मार्ग

आखिरकार बुजुर्ग महिला ने सत्याग्रह का रास्ता चुना और गांधी जी की 150 वीं जयंती पर अपना धरना शुरु किया. बुजुर्ग महिला का मानना है कि वह तब तक सत्याग्रह पर बैठी रहेगी जब तक उसे उसकी जमीन नहीं मिल जाती है. पीड़ित बुजुर्ग महिला ने मांग करते हुए कहा कि आरोपी पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल सिंह रौतेल ने बताया कि बुजुर्ग महिला की जमीन को स्थानीय पटवारी ने कूटरचित तरीके से हड़प लिया है. फरियादी ने प्रशासन के सभी आलाधिकारियों से मिलकर न्याय की मांग की है.

क्या है मामला
पीड़िता का आरोप है उसकी एकड़ों जमीन पर पटवारी ने 20 डिसमिल जमीन बेचने की बात कहकर एक एकड़ की जमीन धोखे से अपने नाम करवा ली और उस पर कब्जा कर लिया. फरियादी का आरोप है कि आरोपी पटवारी रमेश सिंह ने उसे पहले विश्वाश में लेकर उसकी जमीन का सौदा 1 लाख 80 हजार में उससे तय हुआ लेकिन महिला के पास तय हुई रकम आज तक नहीं आई है.

Intro:जिला मुख्यालय में करोङो की जमीन की मालकिन भिखमतिया कोल पटवारी की धोखाधड़ी से भीख मांगने को मजबूर है अनूपपुर गरीब आदिवासी बेवा भिखमतिया बाई कोल ने गाँधीवादी सिद्धान्त को अपनाते हुए अन्तत:गाँधी जयंती के दिन ही अन्न त्याग कर सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है. इससे पहले उसने कलेक्टर से मिल कर न्याय की मांग की थी ,
प्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी ने पटवारियों को भरष्ट बताया था , पटवारी को भरस्टाचारी कहने का मामला तूल पकड़ा ही था कि अनूपपुर में पटवारी की भ्रटाचार की कहानी सामने आ गयी पटवारी के छल से एक आदिवाशी बुजुर्ग महिला अपने दिव्यांग बेटे के साथ दर दर भटक रही है।




Body:अनूपपुर नगरीय क्षेत्र में पटवारी रमेश सिंह द्वारा छल पूर्व करोङो की जमीन लूट लिये जाने के बाद बेवा भिखमतिया कोल ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों के चक्कर काटने व बारंबार शिकायत करने के बाद, कार्यवाही ना होने पर कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर से मिल कर गुहार लगाई थी. यह भी कहा था कि न्याय ना मिलने पर गांधी जयंती 2 अक्टूबर से अनशन पर बैठेगी कलेक्टर ने शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था भिखमतिया बाई को न्याय की आस थी,जो उसे जब टूटती दिखी तो उन्होने गाँधी जयंती को अटल द्वार के पास दोपहर बाद से अनशन पर बैठ सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है, भिखमतिया का आरोप है उसकी जमीन जिला मुख्यालय में मैन रोड में एकड़ों मैं है जिसे छल कपट कर एक दशक पूर्व मोजुदा हल्का पटवारी रमेश सिंह ने 20 डिसमिल जमीन बेचने की कह 1 एकड़ के ऊपर की जमीन अपने नाम स्थान्तरित करवा ली और उस पर कब्जा कर लिया, भिखमतिया का आरोप है कि रमेश सिंह ने उसे पहले विश्वाश मैं लिया और 20 डिसिमिल जमीन बेचने को कही जिसमें वह तैयार हो गयी उसका सौदा 1 लाख 80 हजार मैं तय हुआ पर उसे 1 लाख रुपये ही मीले 80 हजार प्राप्त भी नही हुए साथ ही उससे 20 डिसिमिल जमीन की जगह 67 डिसिमिल जमीन स्थानांतरित करवा ली ।
और बाकी पर कब्जा भी कर लिया है।
पूर्व बीजेपी विधायक रामलाल रौतेल ने भी भिखमतिया का समर्थन दिया है और भिखमतिया की न्याय दिलवाने आगे आये है, उन्होंने कहा भिखमतिया को न्याय दिलाने के लिए पूरी जनजाति के लोग लगतार प्रदर्शन करेंगे Conclusion:बाइट :-, संतोष कोल दिव्यांग बेटा
बाइट:- भिखमतिया कोल पीड़िता
बाइट :- रामलाल रौतेल पूर्व विधायक अनूपपुर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष
Last Updated : Oct 3, 2019, 10:17 AM IST
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