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अनूपपुर: किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस ने की रोड जाम - farmers movement in Anuppur

विधायक फुन्देलाल सिंह ने कहा कि आने वाला समय किसानों का समय है. किसान 75 दिन से लड़ाई लड़ रहे हैं और कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं निकला.

road jams in support
रोड जाम ट्रैक्टर रैली
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Published : Feb 9, 2021, 3:48 PM IST

अनूपपुर। किसानों से जुड़े कृषि बिलों के विरोध और पुष्पराजगढ़ किसानों के समर्थन में किसान कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में क्षेत्रीय विधायक फुन्देलाल सिंह ने मार्को निवास से ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली में नारेबाजी करते हुए सैकड़ों लोग शामिल हुए. ये रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई तहसील कार्यालय पहुंची. जहां आमसभा को संबोधित कर विधायक ने राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

'आने वाला समय किसानों का'

विधायक फुन्देलाल सिंह ने कहा कि आने वाला समय किसानों का है. किसान 75 दिन से लड़ाई लड़ रहे हैं और 17 बार बैठक हो चुकी है, अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. अन्नदाताओं के दर्द नहीं समझती. 60 फीसदी कृषि आधारित देश होने के बाद अंबानी और अडानी से बात करके किसानों की आमदानी दो गुना करने का लालच देकर किसी भी किसान संगठन से बात नहीं की.

साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमारे खेत से अनाज की पैदावार हो रही है. 75 फीसदी समर्थन मूल्य अन्य राज्यों को मिल रहा है और मध्यप्रदेश में सिर्फ गेहूं चावल में ही समर्थन मूल्य मिलता है. मंडी व्यवस्था खत्म करने के उद्देश्य से यह बिल पास किया गया है.

अनूपपुर। किसानों से जुड़े कृषि बिलों के विरोध और पुष्पराजगढ़ किसानों के समर्थन में किसान कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में क्षेत्रीय विधायक फुन्देलाल सिंह ने मार्को निवास से ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली में नारेबाजी करते हुए सैकड़ों लोग शामिल हुए. ये रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई तहसील कार्यालय पहुंची. जहां आमसभा को संबोधित कर विधायक ने राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

'आने वाला समय किसानों का'

विधायक फुन्देलाल सिंह ने कहा कि आने वाला समय किसानों का है. किसान 75 दिन से लड़ाई लड़ रहे हैं और 17 बार बैठक हो चुकी है, अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. अन्नदाताओं के दर्द नहीं समझती. 60 फीसदी कृषि आधारित देश होने के बाद अंबानी और अडानी से बात करके किसानों की आमदानी दो गुना करने का लालच देकर किसी भी किसान संगठन से बात नहीं की.

साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमारे खेत से अनाज की पैदावार हो रही है. 75 फीसदी समर्थन मूल्य अन्य राज्यों को मिल रहा है और मध्यप्रदेश में सिर्फ गेहूं चावल में ही समर्थन मूल्य मिलता है. मंडी व्यवस्था खत्म करने के उद्देश्य से यह बिल पास किया गया है.

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