अनूपपुर(Anuppur)। जिला मुख्यालय नगरपालिका अनूपपुर क्षेत्र के मध्य गुजरी कटनी-बिलासपुर रेलखंड (Katni-Bilaspur Railway Line) के दशकों पहले बनी रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण (Over Bridge Construction) को लेकर एक बार फिर पूर्व विधायक रामलाल रौतेल (Former BJP MLA) ने नाराजगी जताई. इस बार उन्होंने 13 सितंबर से अनिश्चितकालीन उपवास (Indefinite Fast Strike) की चेतावनी दी है. इससे पहले भी रामलाल रौतेल ने अपने कार्यकाल के दौरान ओवरब्रिज निर्माण कार्य आरम्भ नहीं होने पर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई थी. उस दौरान भी उन्होंने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया था, जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर यह मामले ने तूल पकड़ा था.
ओवरब्रिज बनाने की मांग को लेकर CM के नाम ज्ञापन
बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामलाल रौतेल ने सीएम, जिला प्रभारी मंत्री और कलेक्टर के नाम लिखे गए ज्ञापन (Memorandum) में जल्द ही ओवरब्रिज निर्माण कार्य शुरू करने की अपील की है. ज्ञापन में बताया गया है कि रेलवे फाटक की समस्या नासूर की तरह आम जनता को कष्ट दे रही है. ओवरब्रिज स्वीकृति, राशि आवंटन, सालों पहले लोगों को करोड़ों रुपए मुआवजा वितरण और टेंडर स्वीकृत होने के बावजूद ब्रिज का कार्य शुरू नहीं हुआ है.
दो भागों में विभाजित जिला
यहां से गुजरने वाली रेलवे लाइन अनूपपुर को दो भागों में विभाजित करती है. एक तरफ बस्ती, बालक उत्तर माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, न्यायालय, तहसील कार्यालय, जिला अस्पताल, आईटीआई, स्टेडियम, कन्या शिक्षा परिसर, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आरटीओ भवन, छात्रावास हैं. वहीं दूसरी तरफ कलेक्ट्रेट कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, कृषि उपज मंडी, सब्जी मंडी, पीएचई, विद्युत वितरण केंद्र, मुख्य बाजार, नगरपालिका, बस स्टैंड सहित जिला और विभागीय कार्यालय हैं.
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हमेशा बंद रहता है रेलवे फाटक
अनूपपुर दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे का एक जंक्शन है और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड का क्षेत्र होने के कारण माल गाड़ी सहित प्रतिदिन न्यूनतम 100 रेलगाड़ियों का आना जाना होता है. जिसे चलते रेलवे फाटक 16 से 18 घंटे तक बंद रहता है.
मुख्यमंत्री ने की थी फ्लाईओवर की घोषणा
मुख्यमंत्री ने शिवराज ने 6 अगस्त 2016 को रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण की घोषणा की थी. उसके अनुपालन में राज्य शासन में 14 दिसम्बर 2016 को 2103.95 लाख रुपए की स्वीकृति भी दे दी थी. 2017 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक द्वारा शिलान्यस करते हुए कार्य आरम्भ कराया गया था. इस दौरान प्रभावित व्यक्तियों को करोड़ों रुपए मुआवजा राशि भी वितरित की गई. इसके बाद भी मुख्यमंत्री ने सितंबर 2020 में ब्रिज निर्माण का शुभारंभ किया. लेकिन आज तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है.