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Anuppur News: स्थापना के 40 साल बाद भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति शेड के नीचे विराजमान, समाजसेवी हुए एकजुट

अनूपपुर जिले में बीते 40 वर्षों से एक शेड के नीचे भगवान विश्वकर्मा विराजमान हैं. यहां के विकास के लिए समाज के कई वर्गों की मीटिंग की गई. इसमें तय किया गया वे अपने स्तर पर यहां की सूरत सुधारेंगे.

Anuppur News
40 साल बाद भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति शेड के नीचे
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 19, 2023, 11:30 AM IST

40 साल बाद भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति शेड के नीचे

अनूपपुर। धार्मिक ग्रंथों में विश्वकर्मा को सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का वंशज माना जाता है. ब्रह्माजी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा देव थे. विश्वकर्मा भगवान को संसार का पहला शिल्पकार माना जाता है. विश्वकर्मा पूजा एक त्योहार है, जहां कारीगर, शिल्पकार और श्रमिक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था. विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी माना जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि द्वारका नगरी से लेकर रावण की लंका तक का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था.

दुनिया के पहले इंजीनियर : इसलिए भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. लेकिन आज भी ऐसे भगवान इंजीनियर कई वर्षों से शेड के नीचे विराजमान हैं. शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले के अन्तर्गत बिजुरी नगर पालिका के कार्यालय से महज कुछ दूरी मे स्थित लगभग 1980 के दशक के समय विश्वकर्मा मंदिर का प्रांगण बना हुआ है. लगभग 40 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी यहां पर स्थापित विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति आज भी शेड के नीचे विराजमान है.

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निर्माण कार्य के लिए मीटिंग : आज तक इस मंदिर के जीर्णोद्धार, विकास और सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की पहल पहल नहीं की गई. पिछले नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान यहां पर सांस्कृतिक मंच तथा बाउंड्री बाल निर्माण का भूमिपूजन किया गया था परंतु वह भी नहीं हो सका. अब कुछ सामाजिक संगठनों व कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिर परिसर पर बैठक कर मंदिर को एक स्वरूप देने का निर्णय किया गया. लोगों ने तय किया है कि वे अपने स्तर पर यहां की स्थिति सुधारेंगे.

40 साल बाद भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति शेड के नीचे

अनूपपुर। धार्मिक ग्रंथों में विश्वकर्मा को सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का वंशज माना जाता है. ब्रह्माजी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा देव थे. विश्वकर्मा भगवान को संसार का पहला शिल्पकार माना जाता है. विश्वकर्मा पूजा एक त्योहार है, जहां कारीगर, शिल्पकार और श्रमिक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था. विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी माना जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि द्वारका नगरी से लेकर रावण की लंका तक का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था.

दुनिया के पहले इंजीनियर : इसलिए भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. लेकिन आज भी ऐसे भगवान इंजीनियर कई वर्षों से शेड के नीचे विराजमान हैं. शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले के अन्तर्गत बिजुरी नगर पालिका के कार्यालय से महज कुछ दूरी मे स्थित लगभग 1980 के दशक के समय विश्वकर्मा मंदिर का प्रांगण बना हुआ है. लगभग 40 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी यहां पर स्थापित विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति आज भी शेड के नीचे विराजमान है.

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