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अमरकंटक की बदलेगी तस्वीर, यूकेलिप्टस से मुक्त होगा, औषधीय पौधे लगाने की योजना - औषधीय पौधे लगाने की योजना

अमरकंटक क्षेत्र में यूकेलिप्टस से मुक्त दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सौ हेक्टेयर में लगे यूकेलिप्टस के 30 हजार पेड़ों को काटा गया है. 300 हेक्टेयर भूमि में यूकेलिप्टस को काटने की तैयारी चल रही है. अब यहां औषधीय पौदे लगाने जाने का अभियान चलेगा. (Amarkantak will be free from eucalyptus) (Medicinal plants planning in Amarkantak)

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Published : May 21, 2022, 8:17 PM IST

अनूपपुर। अमरकंटक से निकलने वाली नदियों को सदानीर बनाए रखने के लिए शासन द्वारा विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं. वर्ष 1987 से इस क्षेत्र में लगे यूकेलिप्टस के वृक्षों को हटाए जाने की योजना बनती रही हैं. इस बार मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब अमरकंटक और मैकल पर्वत श्रेणी को यूकेलिप्टस से मुक्त दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. वर्तमान में वन विभाग द्वारा एक सौ हेक्टेयर में लगे यूकेलिप्टस के 30 हजार पेड़ों को काटा गया है. शेष बची लगभग 300 हेक्टेयर भूमि में यूकेलिप्टस को काटने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है.

वन विभाग ने 87 हजार पौधे लगाएगा: भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद अमरकंटक क्षेत्र को यूकेलिप्टस से मुक्त करने के साथ ही यहां औषधि पौधों के साथ-साथ स्थानीय वृक्षों का पौधारोपण किया जाएगा. वन विभाग द्वारा 100 हेक्टेयर में जुलाई माह के दौरान पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए वन विभाग ने 87 हजार पौधों के रोपण किए जाने का शासन को प्रस्ताव भेजा है.

अमरकंटक की बदलेगी तस्वीर : योजना पूरी होने के बाद मैकल पर्वत श्रेणी तथा अमरकंटक अंचल में अब तक 110 हेक्टेयर पर लगे पेड़ों की कटाई की गई है. शेष 300 हेक्टेयर बचे हुए हैं. जानकारों का मानना है कि इन पेड़ों की कटाई में 9- 10 वर्ष का समय लग जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष अमरकंटक के साधु-संतों व पर्यावरणविदों ने नर्मदा जल संरक्षण व जड़ी-बूटी के पेड़ पौधे को बचाने का प्रस्ताव रखा गया था. जिस पर सीएम ने यूकेलिप्टस की कटाई और स्थानीय साल बांस आम सहित फलदार व औषधि पौधों के रोपण के निर्देश दिए थे. पौधारोपण कर सुरक्षा के लिए फेंसिंग करने की भी योजना बनाई गई है. इस योजना को पूरा होने में एक दशक का समय लगेगा, जिसके बाद पवित्र नगरी अमरकंटक में यूकेलिप्टस समाप्त हो जाएगा वहीं औषधि पौधे भी विकसित हो जाएंगे.

शिवराज के मंत्री को सताने लगी वोटों की चिंता, ऊर्जा मंत्री सुबह 4 बजे जनता के घरों के दरवाजे खटखटाकर पूछने लगे समस्‍या

नदियों की बढ़ेगी लाइफ लाइन : अनूपपुर जिले के वन मंडल अधिकारी डॉ. अंसारी ने ईटीवी भारत को बताया कि अमरकंटक अनूपपुर जिले का पवित्र वह धार्मिक क्षेत्र है, जहां से कई नदियां निकलती हैं. मध्य प्रदेश की लाइफ लाइन कहे जाने वाली नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है. वर्तमान समय में 500 हेक्टेयर में कटाई की अनुमति मांगी गई थी, जिसमें 100 हेक्टेयर मिली है . जिसकी कटाई प्रगति पर है तथा शेष की अनुमति मिलने पर युकेलिप्टिस की कटाई कराई जाएगी.

(Amarkantak will be free from eucalyptus) (Medicinal plants planning in Amarkantak)

अनूपपुर। अमरकंटक से निकलने वाली नदियों को सदानीर बनाए रखने के लिए शासन द्वारा विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं. वर्ष 1987 से इस क्षेत्र में लगे यूकेलिप्टस के वृक्षों को हटाए जाने की योजना बनती रही हैं. इस बार मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब अमरकंटक और मैकल पर्वत श्रेणी को यूकेलिप्टस से मुक्त दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. वर्तमान में वन विभाग द्वारा एक सौ हेक्टेयर में लगे यूकेलिप्टस के 30 हजार पेड़ों को काटा गया है. शेष बची लगभग 300 हेक्टेयर भूमि में यूकेलिप्टस को काटने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है.

वन विभाग ने 87 हजार पौधे लगाएगा: भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद अमरकंटक क्षेत्र को यूकेलिप्टस से मुक्त करने के साथ ही यहां औषधि पौधों के साथ-साथ स्थानीय वृक्षों का पौधारोपण किया जाएगा. वन विभाग द्वारा 100 हेक्टेयर में जुलाई माह के दौरान पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए वन विभाग ने 87 हजार पौधों के रोपण किए जाने का शासन को प्रस्ताव भेजा है.

अमरकंटक की बदलेगी तस्वीर : योजना पूरी होने के बाद मैकल पर्वत श्रेणी तथा अमरकंटक अंचल में अब तक 110 हेक्टेयर पर लगे पेड़ों की कटाई की गई है. शेष 300 हेक्टेयर बचे हुए हैं. जानकारों का मानना है कि इन पेड़ों की कटाई में 9- 10 वर्ष का समय लग जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष अमरकंटक के साधु-संतों व पर्यावरणविदों ने नर्मदा जल संरक्षण व जड़ी-बूटी के पेड़ पौधे को बचाने का प्रस्ताव रखा गया था. जिस पर सीएम ने यूकेलिप्टस की कटाई और स्थानीय साल बांस आम सहित फलदार व औषधि पौधों के रोपण के निर्देश दिए थे. पौधारोपण कर सुरक्षा के लिए फेंसिंग करने की भी योजना बनाई गई है. इस योजना को पूरा होने में एक दशक का समय लगेगा, जिसके बाद पवित्र नगरी अमरकंटक में यूकेलिप्टस समाप्त हो जाएगा वहीं औषधि पौधे भी विकसित हो जाएंगे.

शिवराज के मंत्री को सताने लगी वोटों की चिंता, ऊर्जा मंत्री सुबह 4 बजे जनता के घरों के दरवाजे खटखटाकर पूछने लगे समस्‍या

नदियों की बढ़ेगी लाइफ लाइन : अनूपपुर जिले के वन मंडल अधिकारी डॉ. अंसारी ने ईटीवी भारत को बताया कि अमरकंटक अनूपपुर जिले का पवित्र वह धार्मिक क्षेत्र है, जहां से कई नदियां निकलती हैं. मध्य प्रदेश की लाइफ लाइन कहे जाने वाली नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है. वर्तमान समय में 500 हेक्टेयर में कटाई की अनुमति मांगी गई थी, जिसमें 100 हेक्टेयर मिली है . जिसकी कटाई प्रगति पर है तथा शेष की अनुमति मिलने पर युकेलिप्टिस की कटाई कराई जाएगी.

(Amarkantak will be free from eucalyptus) (Medicinal plants planning in Amarkantak)

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