आलीराजपुर। जिले के गरीब आदिवासी जैसे-तैसे मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. कोरोना संकट के समय सरकार ने इन गरीबों के लिए विशेष पैकेज के तहत नि:शुल्क राशन भिजवाया था, लेकिन प्रशासन और शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के सेल्समैन और अनाज माफिया की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इस मामले की सीबीआई और क्राइम ब्रांच से निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. गरीबों के हक के अनाज को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले को विधानसभा में कांग्रेस पुरजोर तरीके से उठाएगी. ये बात विधायक मुकेश पटेल ने आक्रोश जाहिर करते हुए कही.
विधायक मुकेश पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार में कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों और अनाज माफियाओं ने सांठ-गाठ कर गरीबों के लिए भेजे गए राशन में हेरा-फेरी कर करोड़ों का घोटाला किया है. गरीबों को नि:शुल्क राशन भेजने का दावा मुख्यमंत्री बड़े-बड़े विज्ञापनों में भी करते दिखाई दिए थे. ऐसे में गरीबों को उनके हक का राशन नहीं मिला तो इसके लिए मुख्यमंत्री जवाबदेह हैं. उन्हें इस मामले की सीबीआई, क्राइम ब्रांच, ईओडब्लयू और लोकायुक्त से निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए.
विधायक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई ग्रामीणों ने फोन पर राशन नहीं मिलने की सूचना दी थी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई स्थानों का भ्रमण किया तो कई लोगों ने बताया कि राशन नहीं मिल रहा है. कई ग्रामीणों ने बताया कि आधा या फिर उससे भी कम राशन दिया गया है. ऐसे में प्रशासन के समक्ष निरंतर इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली और अनाज माफिया गरीबों के हक के राशन को ठिकाने लगाने की खुली छूट दे दी गई है.
विधायक ने कहा कि गरीबों तक उनके हक का राशन पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है. अगर हर एक पात्र परिवार और व्यक्ति को उसके हक का राशन नहीं दिया गया तो कांग्रेस के दोनों विधायक, जिलाध्यक्ष, जनप्रतिनिधि सहित कार्यकर्ता सड़क पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.