अलीराजपुर। प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के कट्ठीवाड़ा इलाके का प्रसिद्ध नूरजहां आम इस बार शायद ही किसी को खाने को मिले, क्योंकि इस बार मौसम की मार से नूरजहां आम की आवक कम हुई है. बगीचा मालिक शिवराज जाधव का कहना है कि, इस बार एक पेड़ पर 20 से 40 आम ही आए हैं. जबकि पिछले साल 150 से 200 आम पेड़ पर लगे थे. बता दें कि, नूरजहां आम भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चित है, इसका वजन 3 से 5 किलो तक होता है और इसकी लंबाई 10 से 12 इंच तक होती है. लिहाजा इसके आकर और वजन को देखते हुए इस आम को खास बना देता है. साथ ही इसे आमों का 'सूमो' भी कहा जाता है.
जिले का कट्ठीवाड़ा हसीन वादियों में बसा हुआ है. यहां पर प्रसिद्ध है फलों का राजा आम और उसमें भी यहां का नूरजहां तो दुनिया भर में प्रसिद्ध है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. इस आकार और वजन से अपनी पहचान बनाने वाला आम का स्वाद भी लाजवाब होता है. नूरजहां आम के नाम कई नेशनल अवार्ड दर्ज हैं. लेकिन 2020 किसी के लिए भी अच्छा समाचार नहीं लाया है. पहले कोरोना और फिर तूफान और खराब मौसम का नूरजहां आम पर बुरा असर पड़ा है.
मौसम में इस बार काफी बदलाव हुए हैं. इसका सीधा असर नूरजहां आम की आवक पर पड़ी है. एक पेड़ की बात करें, तो महज 20 से 40 आम ही लगे हुए हैं. बगीचा मालिक ने बताया कि, इस बार मौसम की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि, नूरजहां आम देखने को तो मिलेगा, लेकिन खाने को शायद ही मिल पाए.वहीं लोगों का कहना है कि इस बार इस आम को देख ले तो यही बहुत है.
एडवांस बुकिंग में बिकता है आम
नूरजहां आम की सीमित संख्या के कारण शौकीन लोग उसी दौरान अग्रिम बुकिंग कर लेते हैं, जब ये डाल पर पक रहे होते हैं. मांग बढ़ने पर इसके केवल एक फल की कीमत 500 रुपये तक भी पहुंच जाती है.