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लॉकडाउन में घर-घर पहुंचाया जरूरी सामान, अब वाहनों के किराए के लिए हो रहे परेशान

मंगलवार को आगर में लॉकडाउन के दौरान घर-घर सब्जी और दूध पहुंचाने वाले वाहन मालिक अपने पैसों के लिए परेशान हो रहे हैं, पिछले एक महीने से कलेक्ट्रेट का चक्कर काटने के बाद भी उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है.

demainding fare amount vehicle owner given service during lock down reached agar collectorate
लॉकडाउन में घरों तक जरुरी समान पहुंचाने वाले वाहन मालिकों को नहीं मिला किराया
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Published : Jun 17, 2020, 8:32 AM IST

आगर। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं के लिए किराए पर लगाये वाहन मालिकों को उनकी सेवा का भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में परेशान वाहन मालिक रुपयों के भुगतान के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं. मंगलवार को भी कई वाहन मालिक भुगतान के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, लेकिन अधिकारी के न मिलने से निराश होकर लौट गए.

बता दें कि मार्च और अप्रैल महीने में टोटल लॉकडाउन के दौरान घर-घर दूध और सब्जी सप्लाई करने के लिए प्रशासन ने कुछ चार पहिया वाहन अधिग्रहित किए थे. इन वाहन मालिकों को अब तक इनका सेवा शुल्क नहीं मिला है. करीब एक माह से यह अपने भुगतान के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं, जहां इन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.

लॉकडाउन में अपने वाहन से दूध और सब्जी सप्लाई करने वाले प्रभुलाल घुराशिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हमारे वाहन प्रशासन ने अधिग्रहित किये थे. अब इस बात को एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन हमको अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है. यहां आते हैं तो कोई भी संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलता है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 24 मार्च से लेकर 31 मई तक देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन लागू होने के कारण लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया था. वहीं शासन-प्रशासन द्वारा ज्यादातर जिलों में लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों तक दूध और सब्जी को सप्लाई कराने का काम किया गया था. जिसके लिए प्रशासन ने किराए पर वाहन लगाए थे जिसके जरिए लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाया गया था.

आगर। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं के लिए किराए पर लगाये वाहन मालिकों को उनकी सेवा का भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में परेशान वाहन मालिक रुपयों के भुगतान के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं. मंगलवार को भी कई वाहन मालिक भुगतान के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, लेकिन अधिकारी के न मिलने से निराश होकर लौट गए.

बता दें कि मार्च और अप्रैल महीने में टोटल लॉकडाउन के दौरान घर-घर दूध और सब्जी सप्लाई करने के लिए प्रशासन ने कुछ चार पहिया वाहन अधिग्रहित किए थे. इन वाहन मालिकों को अब तक इनका सेवा शुल्क नहीं मिला है. करीब एक माह से यह अपने भुगतान के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं, जहां इन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.

लॉकडाउन में अपने वाहन से दूध और सब्जी सप्लाई करने वाले प्रभुलाल घुराशिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हमारे वाहन प्रशासन ने अधिग्रहित किये थे. अब इस बात को एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन हमको अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है. यहां आते हैं तो कोई भी संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलता है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 24 मार्च से लेकर 31 मई तक देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन लागू होने के कारण लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया था. वहीं शासन-प्रशासन द्वारा ज्यादातर जिलों में लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों तक दूध और सब्जी को सप्लाई कराने का काम किया गया था. जिसके लिए प्रशासन ने किराए पर वाहन लगाए थे जिसके जरिए लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाया गया था.

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