आगर मालवा। लॉकडाउन के दौरान जिले में अपने घर लौटे मजदूरों को रोजगार देने को लेकर प्रदेश के मुखिया के साथ ही जिला कलेक्टर अवधेश कुमार लगातार अधिकारियों की बैठकें ले रहे हैं. लेकिन धरातल पर जिम्मेदार लोग ही अधिकारियों के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पंचायतों में मनरेगा के तहत जहां मजदूरों से काम कराया जाना चाहिए, जेसीबी मशीनों से कार्य करवाया जा रहा है.
आगर जिला जनपद की ग्राम पंचायत खिमाखेड़ी के ग्राम डोरखेड़ी में मनरेगा के अंतर्गत डोरखेड़ी से भदेड़ा माता मंदिर तक 12 लाख रुपए की लागत से एक किमी सुदूर सड़क का काम किया जा रहा है. लेकिन यहां पर जिम्मेदारों द्वारा मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन से काम करवाया जा रहा है.
जब इस संबंध में ग्राम पंचायत खिमाखेड़ी के सरपंच रतनसिंह से बात की गई तो उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया कि यहां जेसीबी मशीन से काम चल रहा है और कहा कि कुछ देर में मशीन हटवा लेंगे. इतना ही नहीं सरपंच ने कहा कि इस समय मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इस कारण जेसीबी से काम करवाना पड़ रहा है. जबकि इस समय क्षेत्र में हजारों की संख्या में मजदूर बेरोजगार बैठे हैं.
वहीं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के इंजीनियर रवि सुनेल ने मशीन चलने संबंधी जानकारी होने से इनकार किया और खुद का जरूरी काम होने पर उज्जैन जाना बताया.