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शिक्षा के लिए 'मॉडल' है आगर का ये स्कूल, हर कोई अपने बच्चे को दिलाना चाहता है शिक्षा - प्राइवेट स्कूल

आगर में गवर्नमेंट मॉडल स्कूल की हर साल की तरह इस बार भी एक अलग ही छवि उभरकर सामने आई है. स्कूल की खासियत ऐसी है कि निजी के छात्र यहां यूं ही खींचे चले आते है.

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Published : Jul 3, 2019, 8:44 PM IST

आगर। मॉडल स्कूल की हर साल की तरह इस बार भी एक अलग ही छवि उभरकर सामने आई है. मॉडल स्कूल में जो सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है वो किसी प्राइवेट स्कूल में भी नहीं दी जाती है. स्कूल प्रबंधन के कड़े अनुशासन, बेहतर सुविधाओं और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम की बदौलत ही जिले के नामी प्राइवेट स्कूल के बच्चों का रुझान मॉडल स्कूल की तरफ बड़ा है.

स्कूल में पढ़ाई करते बच्चे

आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति हो या कोई गरीब व्यक्ति. हर कोई अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अच्छे से अच्छे से स्कूल में भेजना चाहता है. परिजन समझते है कि सरकारी स्तर के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं होता है इसलिए वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही शिक्षा दिलाते है ताकि उनके बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सकें.

आधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ इतना कड़ा अनुशासन होता है कि बच्चे किसी भी काम में आत्मनिर्भर बन जाते है. जिसका सीधा परिणाम बच्चों के परीक्षा परिणाम में नजर आता है. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का दम्भ छोड़कर परिजन इस सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. इस बार कक्षा 9वी तथा 11वी में दाखिला लड़ने वाले 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऐसे है जो जिले के बड़े प्राइवेट स्कूलों से आये है इतना ही नही पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूल से ही इस स्कूल में आये है.

मॉडल स्कूल के प्राचार्य संजीव ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ यहां अनुशासन सिखाया जाता है. यहां बच्चों से कुछ भी करने के लिए नहीं कहा जाता. सब कुछ दूसरों से देखकर ही बच्चे अनुशासन का पालन करते है. पढ़ाई के मामले में भी स्कूल जिले में अव्वल है. हमारा प्रयास रहता है कि यहां बच्चों को सभी क्षेत्र की बेहतर शिक्षा दी जाए. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चे मॉडल स्कूल में आने में लालयित है.

आगर। मॉडल स्कूल की हर साल की तरह इस बार भी एक अलग ही छवि उभरकर सामने आई है. मॉडल स्कूल में जो सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है वो किसी प्राइवेट स्कूल में भी नहीं दी जाती है. स्कूल प्रबंधन के कड़े अनुशासन, बेहतर सुविधाओं और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम की बदौलत ही जिले के नामी प्राइवेट स्कूल के बच्चों का रुझान मॉडल स्कूल की तरफ बड़ा है.

स्कूल में पढ़ाई करते बच्चे

आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति हो या कोई गरीब व्यक्ति. हर कोई अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अच्छे से अच्छे से स्कूल में भेजना चाहता है. परिजन समझते है कि सरकारी स्तर के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं होता है इसलिए वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही शिक्षा दिलाते है ताकि उनके बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सकें.

आधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ इतना कड़ा अनुशासन होता है कि बच्चे किसी भी काम में आत्मनिर्भर बन जाते है. जिसका सीधा परिणाम बच्चों के परीक्षा परिणाम में नजर आता है. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का दम्भ छोड़कर परिजन इस सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. इस बार कक्षा 9वी तथा 11वी में दाखिला लड़ने वाले 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऐसे है जो जिले के बड़े प्राइवेट स्कूलों से आये है इतना ही नही पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूल से ही इस स्कूल में आये है.

मॉडल स्कूल के प्राचार्य संजीव ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ यहां अनुशासन सिखाया जाता है. यहां बच्चों से कुछ भी करने के लिए नहीं कहा जाता. सब कुछ दूसरों से देखकर ही बच्चे अनुशासन का पालन करते है. पढ़ाई के मामले में भी स्कूल जिले में अव्वल है. हमारा प्रयास रहता है कि यहां बच्चों को सभी क्षेत्र की बेहतर शिक्षा दी जाए. यही कारण है कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चे मॉडल स्कूल में आने में लालयित है.

Intro:आगर मालवा
-- जिला मुख्यालय पर स्थित मॉडल स्कूल की हर साल जिले में एक अलग ही छवि उभरकर सामने आ रही है। यह शासकीय स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल को पीछे छोड़ता हुवा दिखाई देता है। स्कूल प्रबंधन के कड़े अनुशासन, बेहतर सुविधाओ तथा शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम के दम पर जिले के नामी प्राइवेट स्कूल के बच्चों का रुझान मॉडल स्कूल की तरफ बड़ा है यही कारण है कि इस बार कक्षा 9वी तथा 11वी में प्राइवेट स्कूलों के 60 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने इस स्कूल की और रुख किया है।



Body:बता दे कि आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति हो या कोई गरीब व्यक्ति हो हर कोई अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अच्छे प्राइवेट स्कूल में ही भेजता है। परिजन समझते है कि सरकारी स्तर के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर नही होता है इसलिए वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही शिक्षा दिलाते है लेकिन इन सबसे इतर जिले के सरकारी मॉडल स्कूल ने प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के सारे भ्रम तोड़ दिए है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ इतना कड़ा अनुशासन है कि बच्चे किसी भी काम मे आत्मनिर्भर बन जाते है। जिसका सीधा परिणाम बच्चों के परीक्षा परिणाम में नजर आता है। यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का दम्भ छोड़कर परिजन इस सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे है। इस बार कक्षा 9वी तथा 11वी में दाखिला लड़ने वाले 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऐसे है जो जिले के बड़े प्राइवेट स्कूलों से आये है इतना ही नही बीते वर्षो में भी 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूल से ही इस स्कूल में आये है।
--- हाईटेक सुविधाओ से लैस है स्कूल
यह भी बता दें कि स्कूली विद्यार्थियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए यहां एक नवाचार कर एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जिससे बच्चे के स्कूल में आने एवं जाने की सूचना स्कूल प्रबंधन के साथ साथ परिजनों को भी उसी समय मिलती रहे इसके लिए प्रत्येक विद्यार्थी का आरएफ आईडी कार्ड बनाया गया है जो कि मशीन पर स्कैन होते ही उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ इसकी सूचना परिजनों को भी उपलब्ध कराता है जिससे बच्चों के अभिभावकों को भी बच्चों की जानकारी स्वतः ही मिलती है। इसके साथ ही मॉडल स्कूल बिजली व्यवस्था में भी आत्मनिर्भर है स्कूल भवन की छत पर सोलर प्लेटें लगाई गई है तकरीबन 32 प्लेट यहां स्थापित है इससे 10 केवी विद्युत उत्पादन होता है जिसका उपयोग स्कूल के लिए ही किया जाता है वही स्कूली बच्चियों को स्कूल समय मे आने वाली माहवारी को ध्यान में रखते हुवे यहाँ सेनेटरी नेपकिन मशीन भी स्थापित की गई है।



Conclusion:मॉडल स्कूल के प्राचार्य संजीव उपाध्याय ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ यहां अनुशासन सिखाया जाता है। यहाँ बच्चों से कुछ भी करने के लिए नही कहा जाता है। सबकुछ दुसरो से देखकर ही बच्चे अनुशासन का पालन करने लगते है। पढ़ाई के मामले में भी स्कूल जिले में अव्वल है। हमारा प्रयास रहता है कि यहाँ बच्चों को सभी क्षेत्र की बेहतर शिक्षा दे। यही कारण है कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चे मॉडल स्कूल में आने में लालयित है।

बाइट- संजीव उपाध्याय, प्राचार्य शासकीय मॉडल स्कूल आगर मालवा
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