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कर्जमाफी के नाम पर सहकारी बैंक में हुआ घोटाला, मृतकों के नाम पर निकाली गई राशि

आगर जिले में झोटा सहकारी बैंक में मृत लोगों के नाम पर लाखों रुपये का ऋण निकाल कर किसान कर्जमाफी सूची में सूचिबद्ध कर दिया. पूर्व प्रबंधक रमेश शर्मा ने इसकी अधिकारियों से शिकायत की लेकिन मामले को बिना जांच किये ही रफादफा कर दिया गया

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Published : Sep 23, 2019, 9:38 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 10:33 PM IST

मृत लोगों के नाम पर सहकारी बैंक में घोटाला

आगर-मालवा। आगर जिले की झोटा सहकारी बैंक में मृत लोगों के नाम पर फर्जी ऋण निकालर कर्जमफी के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है. शिकायतकर्ता रमेश का आरोप है, कि इस बैंक में 53 मृत लोगों के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकालकर किसान कर्जमाफी में उनका नाम सूचिबद्ध किया गया है और 15 करोड़ से भी ज्यादा का घोटाला किया गया है. शिकायतकर्ता सहकारी संस्था में पूर्व प्रबंधक के पद पर कार्यरत रह चुके हैं.

मृत लोगों के नाम पर सहकारी बैंक में घोटाला

पूर्व संस्था प्रबंधक रमेश शर्मा ने 16 मृत लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र, उनकी बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेजों के साथ प्रशासन को इसकी शिकायत की थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिकारियों ने जांच के नाम पर रफादफा कर दिया, जबकि सहकारी संस्था झोटा के जमा खर्च रजिस्टर की जांच से ही सारे मामले की सच्चाई सामने आ सकती है.

जिन मृतकों के नाम पर इस घोटाले को अंजाम दिया गया वो ग्राम चिपिया, कुण्डीखेडा, जामली और रोझानी के निवासी बताए जा रहे हैं. इन लोगों को मरे दो से चार साल हो चुके हैं, जबकि उनके नाम पर साल 2017-18 में ऋण लिया जाना बताकर गड़बड़ी की गई है. शिकायतकर्ता रमेश शर्मा के अनुसार इस सारे खेल में वर्तमान संस्था प्रबंधक अब्दुल्ल रजा खान के साथ जिला सहकारी बैंक के मैनेजर भी शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि साल 2016 में झोटा सहकारी संस्था को खरीफ बीमा क्लेम सूची में दो करोड़ 43 लाख का बीमा प्राप्त हुआ था. उसमें भी मृत व्यक्तियों के नाम से उनकी फर्जी भूमि बताकर, उनके नाम पर राशि हड़प ली गई है.

रमेश के मुताबिक, इस मामले में गड़बडियों की जांच सहकारिता विभाग के उपायुक्त कार्यालय को सौंपी गई थी. जिसमें तीन सदस्यीय जांच दल बनाकर मामले की जांच भी की, लेकिन जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान ही दर्ज नहीं किये गए. रमेश ने बताया कि जिन मृतकों के नाम पर राशि निकाली गई थी. उनके वैध वारिसों के नाम पर ऋण बता दिया गया. जांच करने वालों ने कागजी कार्रवाई ही नहीं की.


इन मृतकों के नाम पर किया गया घोटाला
देवीसिंह पिता वजे सिंह, रामलाल पिता गोपालजी, अनोखीबाई पति भेरू सिंह, शंकर सिंह पिता भंवर सिंह, विषन सिंह पिता पुर सिंह, भेरू सिंह पिता गंगा राम, अनोखी लाल पिता भेरू सिंह, पुर सिंह पिता नानजी सभी निवासी गांव चिपिया तहसील बडौद के है. इसके अलावा गंगाराम पिता गिरवर, सिद्धु सिंह पिता देवी सिंह दोनों निवासी गांव कुंडीखेडा तहसील बडौद, राम सिंह पिता देवजी, गंगाराम पिता भीम जी, बद्री लाल पिता राम सिंह सभी निवासी गांव खेडी गुराडिया तहसील बडौद है. बुला पिता लाला निवासी ग्राम रोझानी तहसील बडौद, हिन्दु सिंह पिता माधव सिंह और मांगु सिंह पिता हिन्दु सिंह निवासी ग्राम जामली तहसील बडौद शामिल है.

आगर-मालवा। आगर जिले की झोटा सहकारी बैंक में मृत लोगों के नाम पर फर्जी ऋण निकालर कर्जमफी के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है. शिकायतकर्ता रमेश का आरोप है, कि इस बैंक में 53 मृत लोगों के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकालकर किसान कर्जमाफी में उनका नाम सूचिबद्ध किया गया है और 15 करोड़ से भी ज्यादा का घोटाला किया गया है. शिकायतकर्ता सहकारी संस्था में पूर्व प्रबंधक के पद पर कार्यरत रह चुके हैं.

मृत लोगों के नाम पर सहकारी बैंक में घोटाला

पूर्व संस्था प्रबंधक रमेश शर्मा ने 16 मृत लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र, उनकी बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेजों के साथ प्रशासन को इसकी शिकायत की थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिकारियों ने जांच के नाम पर रफादफा कर दिया, जबकि सहकारी संस्था झोटा के जमा खर्च रजिस्टर की जांच से ही सारे मामले की सच्चाई सामने आ सकती है.

जिन मृतकों के नाम पर इस घोटाले को अंजाम दिया गया वो ग्राम चिपिया, कुण्डीखेडा, जामली और रोझानी के निवासी बताए जा रहे हैं. इन लोगों को मरे दो से चार साल हो चुके हैं, जबकि उनके नाम पर साल 2017-18 में ऋण लिया जाना बताकर गड़बड़ी की गई है. शिकायतकर्ता रमेश शर्मा के अनुसार इस सारे खेल में वर्तमान संस्था प्रबंधक अब्दुल्ल रजा खान के साथ जिला सहकारी बैंक के मैनेजर भी शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि साल 2016 में झोटा सहकारी संस्था को खरीफ बीमा क्लेम सूची में दो करोड़ 43 लाख का बीमा प्राप्त हुआ था. उसमें भी मृत व्यक्तियों के नाम से उनकी फर्जी भूमि बताकर, उनके नाम पर राशि हड़प ली गई है.

रमेश के मुताबिक, इस मामले में गड़बडियों की जांच सहकारिता विभाग के उपायुक्त कार्यालय को सौंपी गई थी. जिसमें तीन सदस्यीय जांच दल बनाकर मामले की जांच भी की, लेकिन जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान ही दर्ज नहीं किये गए. रमेश ने बताया कि जिन मृतकों के नाम पर राशि निकाली गई थी. उनके वैध वारिसों के नाम पर ऋण बता दिया गया. जांच करने वालों ने कागजी कार्रवाई ही नहीं की.


इन मृतकों के नाम पर किया गया घोटाला
देवीसिंह पिता वजे सिंह, रामलाल पिता गोपालजी, अनोखीबाई पति भेरू सिंह, शंकर सिंह पिता भंवर सिंह, विषन सिंह पिता पुर सिंह, भेरू सिंह पिता गंगा राम, अनोखी लाल पिता भेरू सिंह, पुर सिंह पिता नानजी सभी निवासी गांव चिपिया तहसील बडौद के है. इसके अलावा गंगाराम पिता गिरवर, सिद्धु सिंह पिता देवी सिंह दोनों निवासी गांव कुंडीखेडा तहसील बडौद, राम सिंह पिता देवजी, गंगाराम पिता भीम जी, बद्री लाल पिता राम सिंह सभी निवासी गांव खेडी गुराडिया तहसील बडौद है. बुला पिता लाला निवासी ग्राम रोझानी तहसील बडौद, हिन्दु सिंह पिता माधव सिंह और मांगु सिंह पिता हिन्दु सिंह निवासी ग्राम जामली तहसील बडौद शामिल है.

Intro:आगर-मालवा। मध्यप्रदेश सरकार की किसान कर्जमाफी योजना में अपनी बाजीगरी िदखाने से सहकारिता विभाग के कर्मचारी बाज नहीं आ रहे है। आगर जिलें की झोटा सहकारी संस्था में मृत लोगो के नाम पर लाखो की राशि निकाले जाने तथा निर्धारित मापदण्डों से अधिक ऋण स्वीकृत किए जाकर 15 करोड से भी अधिक का घाेटाला किया गया है। इस संस्था के पूर्व संस्था प्रबंधक रमेश शर्मा ने मृत लोगो के मृत्यु प्रमाण पत्र उनकी बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेजो के साथ प्रशासन के अधिकारीयों को लोकायुक्त को इसकी शिकायत की किन्तु उसके बाद भी जांच के नाम पर अधिकारी मामले को रफादफा कर रहे है। जबकि सहकारी संस्था झोटा की जमा खर्च रजिस्टर की जांच से ही सारे मामले की सच्चाई सामने आ सकती है।Body:इस सहकारी संस्था में 16 मृत लोगो के नाम राशि निकाली गई है। ये मृत लोग ग्राम चिपिया, कुण्डीखेडा, जामली और रोझानी के निवासी इन लोगो को मरे दो से चार साल हो चुुके है। जबकि उनके नाम पर वर्ष 2017-18 में ऋण लिया जाना बताकर गडबडिया की गई है। शिकायतकर्ता रमेश शर्मा के अनुसार इस सारे खेल में वर्तमान संस्था प्रबंधक के साथ-साथ जिला सहकारी बैंक की आगर शाखा के मैनेजर भी शामिल है। वर्ष 2016 में झोटा सहकारी संस्था को खरीफ बीमा क्लेम सुची में दो करोड 43 लाख का बीमा प्राप्त हुआ था। उसमें भी मृत व्यक्तियों के नाम से उनकी फर्जी भूमि बताकर उनके नाम पर राशि हडप ली गई है।

इस मामले में गडबडियों की जांच सहकारिता विभाग के उपायुक्त कार्यालय को सोपी गई थी। जिसमें 3 सदस्यीय जांच दल बनाकर मामले की जांच भी की, किन्तु शिकायकर्ता के बयान दर्ज करना जांच अधिकारीयों ने उचित नहीं समझा। साथ ही जो दस्तावेज गडबडी करने वाले उपलब्ध कराए केवल उनके आधार पर ही मामले की जांच करके पूरे मामले को ही रफादफा कर दिया गया। जिन मृतकों के नाम पर राशि निकाली गई थी। उनके वैध वारिसों के नाम पर ऋण बता दिया गया। जांच करने वालो ने कागजातो की जांच ही नहीं की।Conclusion:ये है मृत व्यक्ति जिनके नाम पर निकाली गई है राशि

देवीसिंह पिता वजेसिंह, रामलाल पिता गोपालजी, अनोखीबाई पति भेरूसिंह, शंकरसिंह पिता भंवरसिंह, विषनसिंह पिता पुरसिंह, भेरूसिंह पिता गंगाराम, अनोखीलाल पिता भेरूसिंह, पुरसिंह पिता नानजी सभी निवासी ग्राम चिपिया तहसील बडौद व इसके अलावा गंगाराम पिता गिरवर, सिद्धुसिंह पिता देवीसिंह दोनो निवासी ग्राम कुंडीखेडा तहसील बडौद, रामसिंह पिता देवजी, गंगाराम पिता भीमजी, बद्रीलाल पिता रामसिंह सभी निवासी ग्राम खेडी गुराडिया तहसील बडौद, बुला पिता लाला निवासी ग्राम रोझानी तहसील बडौद, हिन्दुसिंह पिता माधवसिंह और मांगुसिंह पिता हिन्दुसिंह निवासी ग्राम जामली तहसील बडौद शामिल है।

विज्युअल- प्राथमिक सहकारी संस्था, चिपिया गांव, मृत्यु प्रमाण पत्र, परेशान होते ग्रामीण, मृतको के नाम जारी पासबुक।

बाईट- रमेश शर्मा, शिकायतकर्ता, एवं पूर्व प्रबंधक सहकारी संस्था झोटा, आगर-मालवा।
बाईट- धीरजसिंह सोनगरा, शाखा प्रबधंक, आगर मालवा।
बाईट- संजय कुमार, कलेक्टर, आगर-मालवा।
Last Updated : Sep 23, 2019, 10:33 PM IST
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