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आगर: पर्यावरण प्रेमी सेवादास के निधन पर निकाली अंतिम यात्रा, गुफा बरडा पर दी समाधि - समाधि

सेवादास महाराज पर्यावरण व पशु-पक्षी प्रेमी थे. इनके अंतिम यात्रा के दौरान उनके भक्त रंग-गुलाल से खेलते हुए, नाचते-गाते अंतिम विदाई देते हुए नजर आए. अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई. अंत में गुफा बरडा पहुंचकर सेवादास महाराज को समाधि दी गई.

सेवादास के निधन पर निकाली अंतिम यात्रा
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Published : Mar 24, 2019, 11:59 AM IST

आगर मालवा। सेवादास महाराज का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके अनन्य भक्त कुटिया पहुंचे. उनके पार्थिव शरीर को एक वाहन के ऊपर सजाकर उनकी अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई.

Last journey on the demise of environment lover Sevadas
सेवादास के निधन पर निकाली अंतिम यात्रा

सेवादास महाराज पर्यावरण व पशु-पक्षी प्रेमी थे. इनके अंतिम यात्रा के दौरान उनके भक्त रंग-गुलाल से खेलते हुए, नाचते-गाते अंतिम विदाई देते हुए नजर आए. अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई. अंत में गुफा बरडा पहुंचकर सेवादास महाराज को समाधि दी गई.

सेवादास के भक्तों का कहना है कि महाराज के निधन से वो बेहद दुखी हैं, लेकिन वो उन्हें खुशी-खुशी विदाई देना चाहते थे इसलिए रंग गुलाल खेलते हुए नाचते गाते विदाई दे रहे हैं. उन्होंने सैकडों पौधे लगाकर हरियाली से भर दिया था. पर्यावरण के इस अटूट प्रेम को देखते हुए ही लोग उनके भक्त बनते गए.

आगर मालवा। सेवादास महाराज का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके अनन्य भक्त कुटिया पहुंचे. उनके पार्थिव शरीर को एक वाहन के ऊपर सजाकर उनकी अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई.

Last journey on the demise of environment lover Sevadas
सेवादास के निधन पर निकाली अंतिम यात्रा

सेवादास महाराज पर्यावरण व पशु-पक्षी प्रेमी थे. इनके अंतिम यात्रा के दौरान उनके भक्त रंग-गुलाल से खेलते हुए, नाचते-गाते अंतिम विदाई देते हुए नजर आए. अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई. अंत में गुफा बरडा पहुंचकर सेवादास महाराज को समाधि दी गई.

सेवादास के भक्तों का कहना है कि महाराज के निधन से वो बेहद दुखी हैं, लेकिन वो उन्हें खुशी-खुशी विदाई देना चाहते थे इसलिए रंग गुलाल खेलते हुए नाचते गाते विदाई दे रहे हैं. उन्होंने सैकडों पौधे लगाकर हरियाली से भर दिया था. पर्यावरण के इस अटूट प्रेम को देखते हुए ही लोग उनके भक्त बनते गए.

Intro:शहर के गुफा बरडा टेकरी पर एक कुटिया में अपना जीवन निकाल देने वाले तथा पर्यावरण व पशु-पक्षी प्रेमी सेवादास महाराज करीब 90 वर्ष की आयु में शनिवार को ब्रम्हलीन हो गए। उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके अनन्य भक्त कुटिया पहुंचे यहाँ कुछ देर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। दोपहर बाद पार्थिव शरीर को एक वाहन के ऊपर सजाकर उनकी अंतिम यात्रा पूरे शहर में निकाली गई यात्रा गुफा बरडा से ही आरम्भ हुई जो नाना बाजार, सरकारबड़ा, विजयस्तम्भ चौराहा, बडौद रोड छावनी नाका होते हुवे पुनः गुफा बरडा पहुंची जहां सेवादास महाराज को समाधि दी गई। पूरी यात्रा के दौरान उनके भक्त रंग-गुलाल से खेलते हुवे नाचते-गाते हुवे अंतिम विदाई देते हुवे दिखाई दिए।


Body:उनके भक्त रहे शहर के दिलीप जैन ने बताया कि महाराज के जाने से हमे क्षति पहुंची है लेकिन हम उन्हें खुशी-खुशी बिदाई देना चाहते थे इसलिए इस प्रकार का आयोजन किया गया देर शाम गुफा बरडा में उन्हें समाधि दी गई। बता दे कि सेवादास महाराज यहां लंबे अरसे से रह रहे थे। इस पहाड़ी पर उन्होने सेंकडो पौधे लगाकर हरियाली से भर दिया था पर्यावरण के इस अटूट प्रेम को देखते हुवे ही लोग उनके भक्त बनते गए वही महाराज पशु-पक्षी प्रेमी भी थे उनकी कुटिया के आसपास हजारो पक्षियों का बसेरा लगा रहता था वही अन्य पशु भी वे पालते थे।


Conclusion:
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