आगर-मालवा। जिले के सुसनेर में पांच पुलिया क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक विद्यालय और एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में हाईटेंशन लाइन के खौफ को देखते हुए विद्युत वितरण कम्पनी के ठेकेदार ने हाईटेंशन लाइन का रास्ता बदल दिया है. ठेकेदार ने सड़क के दूसरे छोर से लाइन डाल दी है.
स्कूली बच्चों का डर दूर करने बिजली कंपनी के ठेकेदार ने हाईटेंशन लाइन का बदला रास्ता - सुसनेर
आगर-मालवा के सुसनेर में विद्युत वितरण कम्पनी के ठेकेदार ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय और एक निजी स्कूल के पास डल रही हाईटेंशन लाइन का रास्ता बदलकर सड़क के दूसरे छोर से लाइन डाली है.
हाईटेंशन लाईन का बदला रास्ता
आगर-मालवा। जिले के सुसनेर में पांच पुलिया क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक विद्यालय और एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में हाईटेंशन लाइन के खौफ को देखते हुए विद्युत वितरण कम्पनी के ठेकेदार ने हाईटेंशन लाइन का रास्ता बदल दिया है. ठेकेदार ने सड़क के दूसरे छोर से लाइन डाल दी है.
Intro:आगर-मालवा। जिलें के सुसनेर में पांच पुलिया क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक विद्यालय व एक निजी स्कूल में पढने वाले बच्चों में हाईटेंशन लाईन के खौफ को देखते हुएं विघुत वितरण कम्पनी के ठेकेदार ने हाईटेंशन लाईन का रास्ता ही बदल कर सड़क के दूसरे छोर से लाईन डाली दी है। अभी तक इन दोनो स्कूलों से गुज रही पुरानी हाईटैंशन लाइन जल्द ही हटा ली जाएगी। इसके बाद बच्चों में हाईटेंशन लाइन का खौफ भी दूर हो जाएगा। इस पुरानी लाइन के कारण कई बार तार टूट कर जमीन पर गिरने तथा उससे आग लगने जैसी घटनाएं भी हाे चुकी है। िकन्तु अब जल्द ही हाईटेंशन लाईन शिफ्ट होने के बाद यह सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी।Body:पूरे शहर में बिजली के तौरो का जाल बिछा हुआ है, वही सांई तिराहा से पांच पुलिया क्षेत्र मे शासकीय व निजी स्कूली भी हाईटेंशन की जद में है, इन स्कूलों के उपर से निकल रही हाईटेंशन लाईन से बच्चो का जीवन खौफ मंे बित रहा है। हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। ऐसे में नगरीय क्षेत्र में नई हाईटैंशन लाइन डालने व केबलीकरण का कार्य करने वाली हरपालसिंह भाटीया नामक ठेका कम्पनी ने बच्चो का खौफ दूर करने के लिए हाईटेंशन लाइन का रास्ता ही बदल दिया है। नगर में डाली जा रही इस हाईटेंशन लाइन को स्कूल के ठीक सामने सड़क के किनारे दूसरे छोर से निकाला जा रहा है। विघुत के पाेल लगाए जाकर उन पर विघुत तार लगाने का कार्य किया जा रहा है।Conclusion:स्कूल के छात्र संतोष लोहार और प्रधानाचार्य सलीम खांन के अनुसार यहां बच्चों को खेलते समय डर लग रहता है, कई बार तार फाल्ट भी हो चुके है, ऐसे में बच्चों में हादसो का खोफ बना रहता है। अब इस हाईटेंशन लाइन को बदला जा रह है इस बात की उनमें खुशी है, इसके बाद बच्चों को भी खेलने में डर नही लगेगा।
कम्पनी के सुपरवाईजर कैलाश कावल के अनुसार आगामी दिनो में स्कूल परिसर से गुजर रही 11 केवी की हाईटेंशन लाईन को सड़क के दूसरे छोर पर शिफ्ट भी कर दिया जाएगा। कम्पनी के कर्मचारीयों ने सांई तिराहा से लेकर पांच पुलिया क्षेत्र में बिजली के तारो को लगाए जाने के साथ ही बीच में बाधा बन रही पेड की टहनीयों काे भी काटा है ताकि भविष्य में आंधी तुफान या तेज हवा की स्थिति में कोई हादसा न हो।
विजुअल-बदली जा रही हाईटेंशन लाईन।
स्कूली परिसर में खेलते हुए बच्चे।
पुरानी हाईटेंशन लाइन।
बाईट- संतोष लोहार, छात्र शा. प्राथमिक स्कूल सुसनेर।
बाईट- सलीम खांन, प्रधानाचार्य, शा. प्राथमिक स्कूल सुसनेर।
बाईट- केलाश कांवल, सुपरवाईजर, हरपालसिंह भाटीया कम्पनी।
कम्पनी के सुपरवाईजर कैलाश कावल के अनुसार आगामी दिनो में स्कूल परिसर से गुजर रही 11 केवी की हाईटेंशन लाईन को सड़क के दूसरे छोर पर शिफ्ट भी कर दिया जाएगा। कम्पनी के कर्मचारीयों ने सांई तिराहा से लेकर पांच पुलिया क्षेत्र में बिजली के तारो को लगाए जाने के साथ ही बीच में बाधा बन रही पेड की टहनीयों काे भी काटा है ताकि भविष्य में आंधी तुफान या तेज हवा की स्थिति में कोई हादसा न हो।
विजुअल-बदली जा रही हाईटेंशन लाईन।
स्कूली परिसर में खेलते हुए बच्चे।
पुरानी हाईटेंशन लाइन।
बाईट- संतोष लोहार, छात्र शा. प्राथमिक स्कूल सुसनेर।
बाईट- सलीम खांन, प्रधानाचार्य, शा. प्राथमिक स्कूल सुसनेर।
बाईट- केलाश कांवल, सुपरवाईजर, हरपालसिंह भाटीया कम्पनी।