आगर-मालवा। जिले के सारंगपुर मार्ग पर शहर के बाहरी छोर पर पहाड़ी पर स्थित गुफा बरडा वाली माता तुलजा है. मान्यताओं के अनुसार हजारों साल पहले इस पहाड़ी पर माता भवानी खुद प्रकट हुई थी, जिसके बाद भक्तों ने यहां मंदिर की स्थापना की. तब से लेकर आज तक यहां दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए मंदिर आते हैं. मंदिर के पीछे एक गुफा भी है कहा जाता है कि इसका रास्ता उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर तक जाता है.
मंदिर के पुजारी परिवार के अनुसार इस गुफा में उनके पूर्वज काफी अंदर तक गए हैं और इस गुफा के अंदर से कई अलग-अलग रास्ते कई जगह निकलते हैं. आकर्षक रूप से सजा माता का दरबार हर किसी को यहां खींच लाता है, मंदिर में कई सालों से अखंड ज्योति भी जल रही है और नवरात्री के दौरान तुलजा भवानी माता का दरबार श्रद्धालुओं से भरा रहता है.
नगर पालिका की तरफ से यहां हर नवरात्रि पर विधिवत रूप से घटस्थापना की होती है. श्रद्धालु दर्जनों स्थानों से चुनरी यात्रा निकालकर माता को चुनरी ओढ़ाते है साथ ही पुजारी मनीष शर्मा ने बताया कि यह मंदिर हजारो साल प्राचीन है. माता यहां स्वयं प्रकट हुई थी. मंदिर के पीछे गुफा है जो उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर पर निकलती है और यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.