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बारिश का नहीं कोई ठिकाना, सूखने लगी कंठाल - सिंचाई के लिए पानी

आगर-मालवा में इस बार बारिश नहीं होने से कंठाल नदी सूख गई है. नदी में पर्याप्त पानी नहीं होने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं.

kanthal river
कंठाल नदी
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Published : Jul 26, 2020, 7:32 PM IST

आगर मालवा। हर साल बारिश के शुरू होते ही जिले के सुसनेर की कंठाल नदी में पानी की आवक शुरू हो जाती थी. इस बार बारिश ना होने के कारण यह नदी अब तक सूखी पड़ी है. इस वजह से पूरे शहर का जलस्तर गिरता ही जा रहा है. इससे रहवासयों की चिंता बढ़ती जा रही है.

हर साल सावन के महीनें में तेज बारिश होने पर यह नदी कई बार उफान पर आ जाती थी. जिसके कारण क्षेत्र के कीटखेडी बांध में भी कुछ ही घंटो में पानी की आवक भी अधिक हो जाती थी. नदी में पानी बहने से सबसे अधिक फायदा किसानों को हाेता था. किसानों के कुएं रिचार्ज हो जाते थे. वे नदी के पानी से अपनी सिंचाई भी करते थे. मगर इस बार जुलाई माह में भी नदी के सूखे रह जाने से जलस्त्रोतों में पानी नहीं बढ़ पाया है.

इस साल एक बार कंठाल नदी उफान पर आकर निकल गई, लेकिन उसके बाद भी नदी में पानी नहीं बचा है. जरूरत के हिसाब से बारिश नहीं होने से लोग परेशान दिखाई दे रहे है. राजस्व विभाग के भु अभिलेख रिकार्ड के मुताबिक अभी तक क्षेत्र में कूल 13 से 14 इंच के लगभग ही बारिश दर्ज की गई है.

बारिश कम होने के कारण बोवनी करने वाले किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे है. यदी दो दिनों के भीतर अनुमान के मुताबिक बारिश नहीं हुई तो उनकी फसले मुरझाने लग जाएगी. ऐसी स्थिति रही तो किसानों को इस साल दोबारा बोवनी करना पड़ सकती है.

आगर मालवा। हर साल बारिश के शुरू होते ही जिले के सुसनेर की कंठाल नदी में पानी की आवक शुरू हो जाती थी. इस बार बारिश ना होने के कारण यह नदी अब तक सूखी पड़ी है. इस वजह से पूरे शहर का जलस्तर गिरता ही जा रहा है. इससे रहवासयों की चिंता बढ़ती जा रही है.

हर साल सावन के महीनें में तेज बारिश होने पर यह नदी कई बार उफान पर आ जाती थी. जिसके कारण क्षेत्र के कीटखेडी बांध में भी कुछ ही घंटो में पानी की आवक भी अधिक हो जाती थी. नदी में पानी बहने से सबसे अधिक फायदा किसानों को हाेता था. किसानों के कुएं रिचार्ज हो जाते थे. वे नदी के पानी से अपनी सिंचाई भी करते थे. मगर इस बार जुलाई माह में भी नदी के सूखे रह जाने से जलस्त्रोतों में पानी नहीं बढ़ पाया है.

इस साल एक बार कंठाल नदी उफान पर आकर निकल गई, लेकिन उसके बाद भी नदी में पानी नहीं बचा है. जरूरत के हिसाब से बारिश नहीं होने से लोग परेशान दिखाई दे रहे है. राजस्व विभाग के भु अभिलेख रिकार्ड के मुताबिक अभी तक क्षेत्र में कूल 13 से 14 इंच के लगभग ही बारिश दर्ज की गई है.

बारिश कम होने के कारण बोवनी करने वाले किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे है. यदी दो दिनों के भीतर अनुमान के मुताबिक बारिश नहीं हुई तो उनकी फसले मुरझाने लग जाएगी. ऐसी स्थिति रही तो किसानों को इस साल दोबारा बोवनी करना पड़ सकती है.

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