भोपाल। सनातन धर्म के अनुसार कार्तिक महीना सबसे शुभ और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है. कार्तिक के पवित्र महीने में पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाया जाता है. इस दिन लोग उपवास रखकर भगवान विष्णु का पूजन करते हैं. हर महीने में पूर्णिमा होता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का एक विशेष ही महत्व है. इस दिन भक्त एक दिन का उपवास रखते हैं और फिर चंद्रमा को देखकर ही इस उपवास को तोड़ते हैं. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवंबर 2022 को रखा जाएगा, वहीं साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी 8 नवंबर को पड़ेगा.(kartik purnima 2022) (Kartik Purnima significance) (Dev Deepawali)
कार्तिक माह सभी महीनों में उत्तम फलदायी माना गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह में श्री हरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है. सिख धर्म के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती. मान्यता है कि यदि इस कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो घर में धन-धान्य बना रहता है और जीवन में कभी भी आर्थिक नुकसान नहीं झेलना पड़ता.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु विवाह का समापन: भगवान विष्णु और भगवती तुलसी के विवाह का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है. अध्यात्म के अनुसार एकादशी के दिन से ही विष्णु विवाह शुरू हो जाता है. द्वादशी को भक्त भगवान शिव का पूजन करते हैं. त्रियोदशी और चतुर्दशी को भगवती पार्वती का व्रत होता है और पांचवें दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है, इस दिन भगवान विष्णु के विवाह का समापन होता है.
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कैसे करें पूजा: भगवान विष्णु का महीना होने के कारण भक्त लक्ष्मी नारायण का पूजन विधि विधान के साथ करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा का पूजन करने के लिए भक्त पहले सुबह-सुबह नदी किनारे स्नान करें अन्यथा घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. उसके बाद व्रत का संकल्प लेकर विष्णु जी के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. भगवान को तिलक लगाकर धूप-दीप, फल-फूल व नैवेद्य से विधिवत पूजन करें. शाम को विष्णु पूजन करें. घी में भूनकर पंचामृत और आटे का कसार चढ़ाएं. इसके अलावा भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी जी की भी आरती उतारे. चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था और देवताओं को उनका स्वर्ग वापस दिलाया था. वहीं कुछ कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु मत्स्य अवतार लेकर लोगों के जीवन की रक्षा की थी. इसी दिन गंगा किनारे देवता दीपावली मनाते हैं. इसलिए इस दिन को देव दीपावली भी कहा जाता है. लोग गंगा किनारे दीपक जलाकर भगवान विष्णु और अपने इष्ट देवताओं का पूजन करते हैं.
धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की होती है प्राप्ति: कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले भक्तों को जीवन में धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा को विधिवत रूप पूजन करने वाले भक्तों को मृत्यु के बाद यम मार्ग से मुक्ति एवं विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. (kartik purnima 2022) (Kartik Purnima significance) (Dev Deepawali) (Kartik Purnima on 8th November) (Lunar Eclipse on Kartik Purnima)