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आगर-मालवाः IMC टीम ने किया खराब हुई फसलों का निरीक्षण

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Published : Oct 2, 2020, 1:59 AM IST

केंद्र सरकार की इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल ने आगर जिले के ग्रामों में पहुंचकर किसानों की फसल नुकसान का आंकलन किया. टीम ने किसानों से चर्चा कर भविष्य में नुकसान से बचने के उपाय भी बताए.

Inter Ministerial Central assesses soybean crop damage
सोयाबीन फसल क्षति का आंकलन

आगर-मालवा। केंद्र सरकार की इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम आगर जिले के दौरे पर पहुंची. इस दौरान टीम ने जिले के की गांवों में पहुंचकर किसानों की फसल नुकसान का आंकलन किया. इस दौरान आईएमसी टीम ने किसानों से चर्चा कर फसल नुकसान की जानकारी ली. भम्रण के दौरान नवीन कृषि विज्ञान केंद्र आगर के भवन एवं प्रक्षेत्र का भी अवलोकन किया गया.

आईएमसी टीम ने जिले के ग्राम चाचाखेड़ी, घोषली, नान्याखेड़ी, परसुखेड़ी, पालखेड़ी, तनोडिया और अन्य ग्रामों में सोयाबीन फसलों को नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान किसानों में टीम को बताया कि सोयाबीन फसल के लिए अगस्त के माह में कम पानी के कारण से तना मक्खी का प्रकोप बढ़ने से पैदावार लगभग 10 से 20 प्रतिशत ही हो रही है. टीम के सदस्यों ने किसानों को सलाह दी कि भविष्य में फसल चक्र अपनाएं और सोयाबीन के जगह किसी अन्य लाभकारी फसल का चयन करें. सोयाबीन की नई किस्मों को बोये जिससे भविष्य में कीट व्याधि का प्रकोप कम हो. सोयाबिन में अनुशंसित बीज दर का उपयोग करते हुए रेज्ड-बेड प्लांटिग तकनीक का उपयोग करें.

टीम में संयुक्त संचालक आई.पी.एम. संचालनालय प्लांट प्रोटेक्षन, क्वारंटाइन, एण्ड स्टोरेज नई दिल्ली डॉ.एन. सत्यनारायण, अन्डर सेकेट्री मंत्रालय ग्रामीण विकास दिल्ली घनष्याम मीणा, संयुक्त संचालक संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी भोपाल पवनसिंह श्याम ने कलेक्टर अवधेश शर्मा और संयुक्त संचालक उज्जैन डी.के. पाण्डे के साथ जिले के किसानों के खेतों का भ्रमण कर फसल नुकसान का मुआयना किया.

आगर-मालवा। केंद्र सरकार की इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम आगर जिले के दौरे पर पहुंची. इस दौरान टीम ने जिले के की गांवों में पहुंचकर किसानों की फसल नुकसान का आंकलन किया. इस दौरान आईएमसी टीम ने किसानों से चर्चा कर फसल नुकसान की जानकारी ली. भम्रण के दौरान नवीन कृषि विज्ञान केंद्र आगर के भवन एवं प्रक्षेत्र का भी अवलोकन किया गया.

आईएमसी टीम ने जिले के ग्राम चाचाखेड़ी, घोषली, नान्याखेड़ी, परसुखेड़ी, पालखेड़ी, तनोडिया और अन्य ग्रामों में सोयाबीन फसलों को नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान किसानों में टीम को बताया कि सोयाबीन फसल के लिए अगस्त के माह में कम पानी के कारण से तना मक्खी का प्रकोप बढ़ने से पैदावार लगभग 10 से 20 प्रतिशत ही हो रही है. टीम के सदस्यों ने किसानों को सलाह दी कि भविष्य में फसल चक्र अपनाएं और सोयाबीन के जगह किसी अन्य लाभकारी फसल का चयन करें. सोयाबीन की नई किस्मों को बोये जिससे भविष्य में कीट व्याधि का प्रकोप कम हो. सोयाबिन में अनुशंसित बीज दर का उपयोग करते हुए रेज्ड-बेड प्लांटिग तकनीक का उपयोग करें.

टीम में संयुक्त संचालक आई.पी.एम. संचालनालय प्लांट प्रोटेक्षन, क्वारंटाइन, एण्ड स्टोरेज नई दिल्ली डॉ.एन. सत्यनारायण, अन्डर सेकेट्री मंत्रालय ग्रामीण विकास दिल्ली घनष्याम मीणा, संयुक्त संचालक संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी भोपाल पवनसिंह श्याम ने कलेक्टर अवधेश शर्मा और संयुक्त संचालक उज्जैन डी.के. पाण्डे के साथ जिले के किसानों के खेतों का भ्रमण कर फसल नुकसान का मुआयना किया.

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