आगर। गणेशोत्सव के चलते सांप्रदायिक सद्भाव की झलक जिले के सुसनेर में देखने को मिल रही है. यहां की युवा गणेशोत्सव समिति हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल बनी हुई है. सुसनेर में डाक बंगला तिराहे पर पिछले 30 सालों से हिन्दु मुस्लिम मिलकर गणेश स्थापना करते आ रहे हैं. गणेशोत्सव में पिछले 30 सालों से पूजा व आरती की थाली रमेशचन्द्र शर्मा बापू के घर से तैयार होकर आती है जो अब परम्परा बन चुकी है.
समिति का अध्यक्ष मुस्लिम युवक अकिल खान है, जिसके नेतृत्व में गणेशोत्सव की सारी धार्मिक गतिविधियां संचालित की जा रही है. इन 30 सालों में समिति के सदस्यों में बदलाव जरूर हुआ है, लेकिन गणपति की स्थापना करने वाले लोग पहले भी हिन्दू-मुस्लिम हुआ करते थे और आज भी युवा गणेशोत्सव समिति में हिन्दू-मुस्लिम युवा शामिल हैं.
एक ही घर से आरती की थाली आना बन गई परम्परा
30 साल पहले इस आयोजन की शुरूआत हुई तब आयोजन समिति के सदस्य रमेश शर्मा की बेटी रेखा शर्मा गणपति पूजन की थाली तैयार कर लाती थी. जिससे गणपति का पूजन किया जाता था. आज रमेश शर्मा की बहु बिन्दु शर्मा इस कार्य को कर रही है. 30 साल पहले शुरू हुआ पूजन की थाली के एक घर से आने का सिलसिला शर्मा परिवार और समिति के लिए आज एक परम्परा बन चुकी है.
ऐसे हुई समिति की शुरुआत
लगभग 30 साल पहले नगर के रमेश शर्मा बापू, ईश्वर शर्मा, जगदीश प्रसाद कुल्मी, कृष्णमुरारी जाजु, महेन्द्र शर्मा, विष्णुप्रसाद पाटीदार ने युवा गणेशोत्सव समिति बनाकर घासफूस और मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा एक तखत पर विराजमान कर शुरूआत की थी. पुरानी समिति के सदस्य जगदीश प्रसाद कुल्मी बताते है की पांच लोगों ने मिलकर 5 से 10 रूपए प्रति व्यक्ति राशि के हिसाब से राशि एकत्रित करके गणेशोत्सव की शुरूआत की थी. समय के साथ परस्थितियां बदलती गई और कारवां बड़ा होता गया. कार्य को शुरू करने वालों ने तीन साल पहले ही युवाओं को गणेशोत्सव की जिम्मेदारी सौंपी है.