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जल स्त्रोतों को बचाने के प्रति नगर पालिका उदासीन, सभी सरकारी कुएं सूखे

भीषण जलसंकट से जूझने के बाद भी पानी की कमी को दूर करने के लिए नगर पालिका ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, नगर पालिका की उदासीनता का नतीजा है कि शहर में स्थित लगभग सभी शासकीय कुएं अपना अस्तित्व खोते जा रहे है.

जल स्त्रोतों को बचाने के प्रति नगर पालिका उदासीन, सभी सरकारी कुएं सूखे
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Published : Jul 30, 2019, 6:04 PM IST


आगर मालवा। पहले भी जलस्रोतों की अनदेखी के कारण भीषण जलसंकट हुआ था, अब भी प्रशासन जलस्रोतों को सहेजने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है.

जल स्त्रोतों को बचाने के प्रति नगर पालिका उदासीन, सभी सरकारी कुएं सूखे
गर्मी के सीजन में भीषण जलसंकट से जूझने के बाद भी पानी की कमी को दूर करने के लिए नगर पालिका ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, नगर पालिका की उदासीनता का नतीजा है कि शहर में स्थित लगभग सभी शासकीय कुएं अपना अस्तित्व खोते जा रहे है. यदि जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ समय से ध्यान देते तो शायद इन कुओं का संरक्षण हो सकता था.जिला मुख्यालय पर विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक शासकीय कुएं हैं, नगर पालिका यदि इनकी मरम्मत व देखरेख समय रहते कर लेती तो यह कुएं अपना अस्तित्व नहीं खोते.नगर पालिका सीएमओ सीएस जाट ने बताया जलशक्ति अभियान के तहत शासकीय कुओं को जीवित किया जाएगा. इनकी मरम्मत करवाकर पानी रिचार्ज की व्यवस्था की जाएगी, वहीं जिन कुओं के आसपास अतिक्रमण किया गया है वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा.


आगर मालवा। पहले भी जलस्रोतों की अनदेखी के कारण भीषण जलसंकट हुआ था, अब भी प्रशासन जलस्रोतों को सहेजने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है.

जल स्त्रोतों को बचाने के प्रति नगर पालिका उदासीन, सभी सरकारी कुएं सूखे
गर्मी के सीजन में भीषण जलसंकट से जूझने के बाद भी पानी की कमी को दूर करने के लिए नगर पालिका ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, नगर पालिका की उदासीनता का नतीजा है कि शहर में स्थित लगभग सभी शासकीय कुएं अपना अस्तित्व खोते जा रहे है. यदि जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ समय से ध्यान देते तो शायद इन कुओं का संरक्षण हो सकता था.जिला मुख्यालय पर विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक शासकीय कुएं हैं, नगर पालिका यदि इनकी मरम्मत व देखरेख समय रहते कर लेती तो यह कुएं अपना अस्तित्व नहीं खोते.नगर पालिका सीएमओ सीएस जाट ने बताया जलशक्ति अभियान के तहत शासकीय कुओं को जीवित किया जाएगा. इनकी मरम्मत करवाकर पानी रिचार्ज की व्यवस्था की जाएगी, वहीं जिन कुओं के आसपास अतिक्रमण किया गया है वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा.
Intro:आगर मालवा
-- इस बार गर्मी के सीजन में भीषण जलसंकट से जूझने के बाद भी भविष्य के लिए पानी की कमी को दूर करने के लिए अभी तक नगर पालिका के कानों में जूं तक नही रेंगी है। नगर पालिका की उदासीनता का नतीजा है कि शहर में स्थित लगभग सभी शासकीय कुवें अपना अस्तित्व खोते जा रहे है। इतना ही नही अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोगो ने शासकीय कुवो पर अतिक्रमण कर मकान तक तान दिए। यदि जिम्मेदार अधिकारी इस और समय से ध्यान देते तो शायद इन कुवो का संधारण हो सकता था और इनमे सालभर भरपूर पानी रहता जिससे कि शखरवासियो को भी पूरे सालभर भरपूर पानी मिल पाता लेकिन न तो नगर पालिका ने इन कुवो की सुध ली और न ही कोई सामाजिक संगठन व शहरवासियों ने इस नेक काम मे सहयोग किया। जलस्रोतों की ये अनदेखी आने वाले सालो जलसंकट की परेशानी खड़ी करेगी। वर्तमान में छावनी, गवलीपुरा सहित अन्य जगहों पर स्थित कुवे अपने हालातो पर आंसू बहा रहे है।


Body:बता दे कि जिला मुख्यालय पर विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक शासकीय कुवे है। पहले जब इन कुवो की देखरेख की जाती थी तब इन कुवो में सालभर पानी रहता था। गर्मी के सीजन में ये कुवे लोगो की प्यास बुझाते थे लेकिन जिम्मेदारों ने कुछ वर्षों से इन कुवो की देखरेख ही बन्द कर दी जिससे कि अधिकांश कुवे अपना अस्तित्व खोते गए। कुछ में मरम्मत के अभाव में उनकी गहराई कम होती गई जिससे कि उनमें पानी टिक ही नही पाता वही कुछ कुवो को लोगो ने कचरा घर बना दिया। जिससे कि ये कुवे पूरी तरह खत्म हो गए। वही छावनी स्थित एक शासकीय कुवे के आसपास लोगो ने ऐसा अतिक्रमण किया कि यह कुँवा तो यहाँ से खत्म ही हो गया जबकि इस कुवे से किसी समय हजारो लोगो के घरों तक पानी पहुंचता था। नगर पालिका यदि इनकी मरम्मत व देख रेख कर लेती तो यह कुवे खत्म नही होते।


Conclusion:जब इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ सीएस जाट से बात की गई तो उन्होंने बताया जलशक्ति अभियान के तहत शासकीय कुवो को जीवित किया जाएगा। इनकी मरम्मत करवाकर पहले जैसा बनाकर पानी रिचार्ज की व्यवस्था की जाएगी वही जिन कुवो के आसपास अतिक्रमण किया गया है वहाँ से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

बाइट- सीएस जाट, सीएमओ नगर पालिका आगर मालवा
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