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खुद के जिंदा होने का सबूत लेकर पेंशन के लिए दर- दर भटक रही महिला

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Published : Dec 10, 2019, 4:01 PM IST

आगर के सुसनेर में एक महिला अपने जिंदा होने का सबूत लेकर घूम रही है क्योंकि विधवा महिला को अधिकारियों ने कागजों में मृत घोषित कर दिया है और तीन माह से विधवा पेशन नहीं मिली है.

alive  Woman declared dead
पीड़ित महिला

आगर मालवा। आगर जिले के सुसनेर में जामुनिया रोड पर रहने वाली 50 वर्षीय विधवा गीताबाई को नगर परिषद ने अपने रिकार्ड में मृत बताकर शासन की ओर से मिलने वाली विधवा पेशन बंद कर दी. तीन माह से पेंशन खाते में राशि नहीं आने पर महिला के बेटे ने जब नगर परिषद पहुंचकर पेंशन के बारे में जानकारी ली तो पता चला तो कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है.

जिंदा होने के सबूत लेकर पेंशन के लिए दर- दर भटक रही महिला


अब महिला अपने बेटे को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालयों में अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए भटक रही है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. ये कारनामा नगर परिषद सुसनेर ने कर दिखाया है सुसनेर के जामुनिया रोड पर निवास करने वाली गीता बाई पति स्वर्गीय रामगोपाल पाटीदार ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 25 वर्ष पहले मौत हो चुकी है. एक साल पहले ही उसकी विधवा पेंशन शुरू हुई थी.


महिला ने बताया कि पिछले तीन माह से पेंशन नहीं मिली तो महिला शिकायत लेकर परिषद पहुंची जहां इस बात का खुलासा हुआ कि 26 सितम्बर 2019 को उन्हें रिकार्ड में मृत बताकर समग्र आईडी डिलीट कर दी गई है. महिला का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन पर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई.


इस संबंध में नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नहीं है अब इसकी जानकारी लगी है इस पर संज्ञान लिया जाएगा.

आगर मालवा। आगर जिले के सुसनेर में जामुनिया रोड पर रहने वाली 50 वर्षीय विधवा गीताबाई को नगर परिषद ने अपने रिकार्ड में मृत बताकर शासन की ओर से मिलने वाली विधवा पेशन बंद कर दी. तीन माह से पेंशन खाते में राशि नहीं आने पर महिला के बेटे ने जब नगर परिषद पहुंचकर पेंशन के बारे में जानकारी ली तो पता चला तो कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है.

जिंदा होने के सबूत लेकर पेंशन के लिए दर- दर भटक रही महिला


अब महिला अपने बेटे को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालयों में अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए भटक रही है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. ये कारनामा नगर परिषद सुसनेर ने कर दिखाया है सुसनेर के जामुनिया रोड पर निवास करने वाली गीता बाई पति स्वर्गीय रामगोपाल पाटीदार ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 25 वर्ष पहले मौत हो चुकी है. एक साल पहले ही उसकी विधवा पेंशन शुरू हुई थी.


महिला ने बताया कि पिछले तीन माह से पेंशन नहीं मिली तो महिला शिकायत लेकर परिषद पहुंची जहां इस बात का खुलासा हुआ कि 26 सितम्बर 2019 को उन्हें रिकार्ड में मृत बताकर समग्र आईडी डिलीट कर दी गई है. महिला का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन पर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई.


इस संबंध में नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नहीं है अब इसकी जानकारी लगी है इस पर संज्ञान लिया जाएगा.

Intro:आगर मालवा- आगर जिलें के सुसनेर में जामुनिया रोड पर रहने वाली 50 वर्षीय विधवा महिला गीताबाई को नगर परिषद ने अपने रिकार्ड में मृत बताकर शासन की और से मिलने वाली विधवा पेशन बंद कर दी। तीन माह से पेंशन खाते में राशि नही आने पर महिला के बेटे ने जब नगर परिषद पहुचकर पेशन के संबध में जानकारी ली तो पता चला तो कि उन्हे तो मृत घोषित कर दिया गया है। अब महिला अपने बेटे को लेकर जिम्मैदार अधिकारीयों के कार्यालयो में अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए भटक रही है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।Body:ये महिला को केमरे पर अपने आप के जीवित होने का सबुत दे रही गीताबाई, दरअसल वर्तमान में शासन के रिकार्ड में मृत दर्ज हो चूकी है। यह कारनामा नगर परिषद सुसनेर ने कर दिखाया है सुसनेर के जामुनिया रोड पर निवास करने वाली गीता बाई पति स्वर्गीय रामगोपाल पाटीदार ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 25 वर्ष पहले मौत हो चूकी थी। एक साल पहले जैसे तैसे उनकी विधवा पेशन शुरू हुई। इसमें भी तीन माह से पेशन खाते में नही आने पर पता तो वे परिषद पहुचे तो पता चला कि 26 सितम्बर 2019 को उन्हे रिकार्ड में मृत बताकर समग्र आईडी डिलिट कर दी। महिला अब आफिस के चक्कर लगा रही तो अधिकारी फिर से आवेदन देने तथा कई कागजी खानापूर्ति करने की बात कह रहे है। सिस्टम की खामियों की वजह से महिला को पेशन सहित अन्य शासकीय योजना का लाभ अब नही मिल पा रहा है।Conclusion:सीएम हेल्पलाइन पर भी नहीं हुई सुनवाई

महिला के बेटे रूपचंद पाटीदार ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाईन पर करने की कौशिश की किन्तु वहां से भी यह कहते हुवे मना कर दिया कि सुसनेर नगर हमारे कम्प्यूटर में दर्ज ही नही है इसलिए हम आपकी शिकायत दर्ज नही कर सकते।

इस संबध में नगर परिषद सीएमओं हरिवल्लभ शर्मा से बात की गई तो उन्होने बताया कि मुझे इस बात की जानकारी नही है। में मामले को दिखवाता हू। यदि महिला जिन्दा है तो वे अपना आवेदन देकर पुन: पेशन का लाभ ले सकती है। सिस्टम की लापरवाही का यह एक मामला तो सामने आ गया किन्तु ऐसे कई हितग्राही भी है जो अपनी पेशन की राशी के लिए इसी सिस्टम की लापरवाही का शिकार होकर पेशन से वचित है।

विजुअल- विधवा महिला, अपने जीवित होने का प्रमाण देत हुएं, पेंशन पाने के लिए बैटे के साथ भटक रही गीताबाई, नगर परिषद कार्यालय व महिला के दस्तावेज।

बाईट- गीताबाई, विधवा, महिला, सुसनेर।
बाईट- रूपचंद पाटीदार, विधवा गीताबाई का बेटा।
बाईट- हरिवल्लभ शर्मा, नगर परिषद सीएमओ, सुसनेर।
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