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बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन आयोजित कर रहा जागरूकता कार्यक्रम - बाल विवाह पर रोक

आगर मालवा बाल विवाह को रोकने और लोगों को जागरुक करने के लिए प्रशासन ने 'बाबुल मोरा कच्ची कलियां ना तोड़' अभियान चला रही है. इसी के तहत कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरुक किया जा रहा है.

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बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन आयोजित कर रही जागरूकता कार्यक्रम
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Published : Dec 3, 2019, 12:58 PM IST

आगर मालवा। इन्द्रधनुष मिशन के अंतर्गत नगर पालिका टाउनहाल में बाल विवाह रोकने के लिए कलेक्टर संजय कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी बीच वहां उपस्थित बाल विवाहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा राठौर ने लोगों को अपना उदाहरण देकर बाल विवाह न करने की सलाह दी.

बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन आयोजित कर रही जागरूकता कार्यक्रम

सीमा ने बाल विवाह का जिक्र करते हुए बताया कि वो भी एक बालिका वधु थीं. उनके माता-पिता ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह कर दिया था. बाल विवाह के कारण कम उम्र में उन्होंने एक अतिकुपोषित बच्ची को जन्म दिया, जिसका उपचार कराने के बाद भी उसकी मृत्यु हो गई थी. सीमा ने बताया की उन्हें इस तरह बाल विवाह से जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पडा था. बाल विवाह से सीख लेकर उसी वक्त अपने बच्चों का बाल विवाह न करने की मन में ठानी.

बाल विवाह और उससे जुड़ी कुरीतियों को पूरी तरह समाज से खत्म करने के तरीकों के बारे में चिंतन करने के लिए जिला प्रशासन पुरी मुश्तैदी से लगा है और जिले के लोगों को भी इस मुहिम से जोड़कर इस बुराई को समाज से दूर करने का प्रयास कर रहा है. जिला प्रशासन द्वारा लाडो अभियान की तर्ज पर जिले मे 'बाबुल मोरा कच्ची कलियां ना तोड़' अभियान को जिले में चलाया जा रहा है.

आगर मालवा। इन्द्रधनुष मिशन के अंतर्गत नगर पालिका टाउनहाल में बाल विवाह रोकने के लिए कलेक्टर संजय कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी बीच वहां उपस्थित बाल विवाहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा राठौर ने लोगों को अपना उदाहरण देकर बाल विवाह न करने की सलाह दी.

बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन आयोजित कर रही जागरूकता कार्यक्रम

सीमा ने बाल विवाह का जिक्र करते हुए बताया कि वो भी एक बालिका वधु थीं. उनके माता-पिता ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह कर दिया था. बाल विवाह के कारण कम उम्र में उन्होंने एक अतिकुपोषित बच्ची को जन्म दिया, जिसका उपचार कराने के बाद भी उसकी मृत्यु हो गई थी. सीमा ने बताया की उन्हें इस तरह बाल विवाह से जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पडा था. बाल विवाह से सीख लेकर उसी वक्त अपने बच्चों का बाल विवाह न करने की मन में ठानी.

बाल विवाह और उससे जुड़ी कुरीतियों को पूरी तरह समाज से खत्म करने के तरीकों के बारे में चिंतन करने के लिए जिला प्रशासन पुरी मुश्तैदी से लगा है और जिले के लोगों को भी इस मुहिम से जोड़कर इस बुराई को समाज से दूर करने का प्रयास कर रहा है. जिला प्रशासन द्वारा लाडो अभियान की तर्ज पर जिले मे 'बाबुल मोरा कच्ची कलियां ना तोड़' अभियान को जिले में चलाया जा रहा है.

Intro:आगर मालवा
- इन्द्रधनुष मिशन के अंतर्गत नगर पालिका टाउनहाल में बाल विवाह रोकने के लिए कलेक्टर संजय कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसी बीच वहां उपस्थित बाल विवाहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीमा राठौर अपने आपको बोलने से रोक नही पाई। उसने खड़े होकर अपने बाल विवाह का जिक्र करते हुए बताया कि वे भी एक ‘‘बालिका वधु’’ थी। उनके माता-पिता ने मात्र 15 वर्ष की उम्र मे ही बाल विवाह कर दिया था। बाल विवाह के कारण कम उम्र मे उन्होंने एक अतिकुपोषित बच्ची को जन्म दिया। जिसका उपचार कराने के बाद भी मृत्यु हो गई थी। सीमा ने बताया की उन्हें इस तरह बाल विवाह से जीवन मे कई परेशानियो का सामना करना पडा था। अपने बाल विवाह से सीख लेकर उसी वक्त अपने बच्चों का बाल विवाह न करने की मन में ठानी। सीमा आगे कहती है कि आज मेरी एक बेटी 21 वर्ष की उम्र होने के बाद भी उसके विवाह के बारे मे सोचा तक नही है। आंगनवाडी कार्यकर्ता का कहना है कि बाल विवाह के कारण जो परेशानी एवं दिक्कतो का सामना मुझे करना पडा, वह मै अपने बच्चो को कभी भी नही करने दुंगी और अपने सामने किसी भी कम उम्र के बच्चो का बाल विवाह नही होने नहीं दुंगी। हम सब इस अभियान को सफल बनाने मे अपना पुर्ण सहयोग प्रदान कर जिले मे बाल विवाह नही होने देंगे।Body:बता दे कि बाल विवाह और उससे जुड़ी कुरीतियों को पूरी तरह समाज से खत्म करने के तरीकों के बारे में चिंतन करने के लिये जिला प्रशासन पुरी मुश्तेदी से लगा है और जिले के लोगो को भी इस मुहिम मे जुडकर इस बुराई को समाज से दूर करने का आव्हान् कर रहा है। जिला प्रशासन द्वारा लाडो अभियान की तर्ज पर जिले मे ‘‘बाबुल मोरा कच्ची कलियां ना तोड’’ अभियान को जिले मे चलाया जा रहा है। जिसके तहत् जिले में एक भी बाल विवाह न होने देने हेतु प्रशासनिक अमले को भी सक्रिय किया गया है। जिले मे बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिला स्तर पर व्यापक तैयारी कर ली गई।
Conclusion:बता दे इस दौरान कार्यशाला में मौजूद सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बाल विवाह रोकने में पूरी तरह प्रशासन का सहयोग करने की बात कही।
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