मुंबई: फिल्म इंडस्ट्री के लोगों या अमीरों को प्राथमिकता देने के लिए फिल्मकार करण जौहर को अकसर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन करण का कहना है कि वह अपनी बनाई हुई फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगेंगे, हालांकि बदलते वक्त के साथ वह सिनेमा बनाने की अपनी पद्धति को बदलने के लिए तैयार हैं.
मुंबई में लेखिका शुनाली खुल्लर श्रॉफ की किताब 'लव इन द टाइम ऑफ एफफ्लूएन्जा' की लॉन्चिंग पर मीडिया से बात करने के दौरान करण ने कहा, "मैंने उस किस्म की फिल्में इसलिए बनाई है क्योंकि मैं एक निश्चित माहौल में बड़ा हुआ हूं और वहां एक ऐसी तमन्ना भी थी जो मेरे सोचने के तरीके के साथ जुड़ी हुई थी. मैं हमेशा सोचता था कि सिनेमा असल जीवन से कहीं ज्यादा है और इसलिए मैंने ऐसे किरदार बनाए जिनकी लोग तमन्ना करते हैं."
करण ने आगे कहा, "लेकिन कहीं न कहीं आगे चलकर सिनेमा का रचनाक्रम बदल गया और मुझे उसे स्वीकारना होगा और निश्चित करना होगा कि मेरे किरदार और भी ज्यादा जमीन से जुड़े हुए और वास्तविक हो ताकि वह अब और ज्यादा चमक-धमक वाले नहीं लगे."
करण ने यह भी कहा, "मुझ पर एफफ्लूएंजा का आरोप है, लेकिन यह कहते हुए मैं उन फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगूंगा जिन्हें मैंने बनाया है हालांकि मुझे लगता है कि भविष्य में मुझे इसमें बदलाव लाना होगा."
एफफ्लूएंजा का तात्पर्य अमीरों की समस्या से है. अधिकतर ऐसा माना जाता है कि अमीरों के पास वास्तव में कोई परेशानियां नहीं होती है. जिंदगी को जीने में उन्हें अकेलापन, जीवन से उब जाना या असंतुष्ट हो जाने जैसी समस्याओं का ही सामना करना पड़ता है और इसमें खुद को खुश रखने के लिए वे पैसों के पीछे भागते हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले, शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि हाल ही में करण जौहर के घर हुई पार्टी में दीपिका पादुकोण, विक्की कौशल, वरुण धवन, रणबीर कपूर, शाहिद कपूर और मलाइका अरोड़ा सहित बॉलीवुड की अन्य हस्तियां नशे की हालत में थीं. फिल्म निर्माता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पार्टी से एक वीडियो साझा किया था. जिसको देख सिरसा ने दावा किया था कि वीडियो सबूत था कि पार्टी में ड्रग्स का सेवन किया गया था.
इस घटना के बाद, करण जौहर और पार्टी में उपस्थित अन्य हस्तियों को विशेष रूप से सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
इस मामले पर करण ने कहा, "मुझे लगता है कि सोशल मीडिया के पास इसके प्लस और माइनस पॉइंट दोनों हैं. यह एक वरदान और अभिशाप है. यह एक ऐसा वरदान है जिसके जरिए आप लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं, दुनिया से जुड़ सकते हैं और जो कुछ भी हो रहा है उसे जानना सकते हैं. लेकिन इसका दुरुपयोग होने पर यह एक अभिशाप है. जब गलतफहमी, और अनावश्यक रूप से बिना किसी कारण के नकारात्मकता को जोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. लेकिन यह हमारे अस्तित्व की वास्तविकता भी है. हमें इसे खत्म करना होगा और उम्मीद है कि दुनिया से कुछ नकारात्मकता अंततः सकारात्मकता से कम हो ही जानी चाहिए.
मैं अपनी फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगूंगा : करण जौहर
करण का कहना है कि "मुझ पर एफफ्लूएंजा का आरोप है, लेकिन यह कहते हुए मैं उन फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगूंगा जिन्हें मैंने बनाया है हालांकि मुझे लगता है कि भविष्य में मुझे इसमें बदलाव लाना होगा."
मुंबई: फिल्म इंडस्ट्री के लोगों या अमीरों को प्राथमिकता देने के लिए फिल्मकार करण जौहर को अकसर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन करण का कहना है कि वह अपनी बनाई हुई फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगेंगे, हालांकि बदलते वक्त के साथ वह सिनेमा बनाने की अपनी पद्धति को बदलने के लिए तैयार हैं.
मुंबई में लेखिका शुनाली खुल्लर श्रॉफ की किताब 'लव इन द टाइम ऑफ एफफ्लूएन्जा' की लॉन्चिंग पर मीडिया से बात करने के दौरान करण ने कहा, "मैंने उस किस्म की फिल्में इसलिए बनाई है क्योंकि मैं एक निश्चित माहौल में बड़ा हुआ हूं और वहां एक ऐसी तमन्ना भी थी जो मेरे सोचने के तरीके के साथ जुड़ी हुई थी. मैं हमेशा सोचता था कि सिनेमा असल जीवन से कहीं ज्यादा है और इसलिए मैंने ऐसे किरदार बनाए जिनकी लोग तमन्ना करते हैं."
करण ने आगे कहा, "लेकिन कहीं न कहीं आगे चलकर सिनेमा का रचनाक्रम बदल गया और मुझे उसे स्वीकारना होगा और निश्चित करना होगा कि मेरे किरदार और भी ज्यादा जमीन से जुड़े हुए और वास्तविक हो ताकि वह अब और ज्यादा चमक-धमक वाले नहीं लगे."
करण ने यह भी कहा, "मुझ पर एफफ्लूएंजा का आरोप है, लेकिन यह कहते हुए मैं उन फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगूंगा जिन्हें मैंने बनाया है हालांकि मुझे लगता है कि भविष्य में मुझे इसमें बदलाव लाना होगा."
एफफ्लूएंजा का तात्पर्य अमीरों की समस्या से है. अधिकतर ऐसा माना जाता है कि अमीरों के पास वास्तव में कोई परेशानियां नहीं होती है. जिंदगी को जीने में उन्हें अकेलापन, जीवन से उब जाना या असंतुष्ट हो जाने जैसी समस्याओं का ही सामना करना पड़ता है और इसमें खुद को खुश रखने के लिए वे पैसों के पीछे भागते हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले, शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि हाल ही में करण जौहर के घर हुई पार्टी में दीपिका पादुकोण, विक्की कौशल, वरुण धवन, रणबीर कपूर, शाहिद कपूर और मलाइका अरोड़ा सहित बॉलीवुड की अन्य हस्तियां नशे की हालत में थीं. फिल्म निर्माता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पार्टी से एक वीडियो साझा किया था. जिसको देख सिरसा ने दावा किया था कि वीडियो सबूत था कि पार्टी में ड्रग्स का सेवन किया गया था.
इस घटना के बाद, करण जौहर और पार्टी में उपस्थित अन्य हस्तियों को विशेष रूप से सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
इस मामले पर करण ने कहा, "मुझे लगता है कि सोशल मीडिया के पास इसके प्लस और माइनस पॉइंट दोनों हैं. यह एक वरदान और अभिशाप है. यह एक ऐसा वरदान है जिसके जरिए आप लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं, दुनिया से जुड़ सकते हैं और जो कुछ भी हो रहा है उसे जानना सकते हैं. लेकिन इसका दुरुपयोग होने पर यह एक अभिशाप है. जब गलतफहमी, और अनावश्यक रूप से बिना किसी कारण के नकारात्मकता को जोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. लेकिन यह हमारे अस्तित्व की वास्तविकता भी है. हमें इसे खत्म करना होगा और उम्मीद है कि दुनिया से कुछ नकारात्मकता अंततः सकारात्मकता से कम हो ही जानी चाहिए.
मुंबई: फिल्म इंडस्ट्री के लोगों या अमीरों को प्राथमिकता देने के लिए फिल्मकार करण जौहर को अकसर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन करण का कहना है कि वह अपनी बनाई हुई फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगेंगे, हालांकि बदलते वक्त के साथ वह सिनेमा बनाने की अपनी पद्धति को बदलने के लिए तैयार हैं.
मुंबई में लेखिका शुनाली खुल्लर श्रॉफ की किताब 'लव इन द टाइम ऑफ एफफ्लूएन्जा' की लॉन्चिंग पर मीडिया से बात करने के दौरान करण ने कहा, "मैंने उस किस्म की फिल्में इसलिए बनाई है क्योंकि मैं एक निश्चित माहौल में बड़ा हुआ हूं और वहां एक ऐसी तमन्ना भी थी जो मेरे सोचने के तरीके के साथ जुड़ी हुई थी. मैं हमेशा सोचता था कि सिनेमा असल जीवन से कहीं ज्यादा है और इसलिए मैंने ऐसे किरदार बनाए जिनकी लोग तमन्ना करते हैं."
करण ने आगे कहा, "लेकिन कहीं न कहीं आगे चलकर सिनेमा का रचनाक्रम बदल गया और मुझे उसे स्वीकारना होगा और निश्चित करना होगा कि मेरे किरदार और भी ज्यादा जमीन से जुड़े हुए और वास्तविक हो ताकि वह अब और ज्यादा चमक-धमक वाले नहीं लगे."
करण ने यह भी कहा, "मुझ पर एफफ्लूएंजा का आरोप है, लेकिन यह कहते हुए मैं उन फिल्मों के लिए माफी नहीं मांगूंगा जिन्हें मैंने बनाया है हालांकि मुझे लगता है कि भविष्य में मुझे इसमें बदलाव लाना होगा."
एफफ्लूएंजा का तात्पर्य अमीरों की समस्या से है. अधिकतर ऐसा माना जाता है कि अमीरों के पास वास्तव में कोई परेशानियां नहीं होती है. जिंदगी को जीने में उन्हें अकेलापन, जीवन से उब जाना या असंतुष्ट हो जाने जैसी समस्याओं का ही सामना करना पड़ता है और इसमें खुद को खुश रखने के लिए वे पैसों के पीछे भागते हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले, शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि हाल ही में करण जौहर के घर हुई पार्टी में दीपिका पादुकोण, विक्की कौशल, वरुण धवन, रणबीर कपूर, शाहिद कपूर और मलाइका अरोड़ा सहित बॉलीवुड की अन्य हस्तियां नशे की हालत में थीं. फिल्म निर्माता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पार्टी से एक वीडियो साझा किया था. जिसको देख सिरसा ने दावा किया था कि वीडियो सबूत था कि पार्टी में ड्रग्स का सेवन किया गया था.
इस घटना के बाद, करण जौहर और पार्टी में उपस्थित अन्य हस्तियों को विशेष रूप से सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
इस मामले पर करण ने कहा, "मुझे लगता है कि सोशल मीडिया के पास इसके प्लस और माइनस पॉइंट दोनों हैं. यह एक वरदान और अभिशाप है. यह एक ऐसा वरदान है जिसके जरिए आप लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं, दुनिया से जुड़ सकते हैं और जो कुछ भी हो रहा है उसे जानना सकते हैं. लेकिन इसका दुरुपयोग होने पर यह एक अभिशाप है. जब गलतफहमी, और अनावश्यक रूप से बिना किसी कारण के नकारात्मकता को जोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. लेकिन यह हमारे अस्तित्व की वास्तविकता भी है. हमें इसे खत्म करना होगा और उम्मीद है कि दुनिया से कुछ नकारात्मकता अंततः सकारात्मकता से कम हो ही जानी चाहिए.
वर्क फ्रंट की बात करें तो करण पीरियड ड्रामा 'तख्त' का निर्देशन करने वाले हैं. जिसमें अनिल कपूर, करीना कपूर खान, रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, विक्की कौशल, भूमि पेडनेकर और जान्हवी कपूर मुख्य किरदारों में नजर आएंगे.
Conclusion: