मुंबई: 'नंन्दू सबका बंधू' और 'आऊ' जैसे डायलॉग जब हमारे कानों में पड़ते हैं तो नजरों के सामने चेहरा आता है एक्टर शक्ति कपूर का. जी हां, अपनी कॉमिक टाइमिंग के साथ-साथ अपने विलेन के अवतार में भी सबके दिलों पर छा जाने वाले एक्टर का आज जन्मदिन है. इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
हिंदी सिनेमाजगत के सबसे बड़े विलेन कहे जाने वाले शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी सफर में 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. 80 से 81 के बीच शक्ति कपूर की महज 2 फिल्में रिलीज हुई थी जिसने शक्ति को बॉलीवुड का सबसे बड़ा खलनायक बना दिया था.
शक्ति कपूर ने कुछ फिल्मों में सकारात्मक भूमिका भी निभाई लेकिन फिल्मों में उनकी नकारात्मक शख्सियत लोगों को इतनी रास आई कि उनका नाम आज बॉलीवुड के सबसे सफल नकारात्मक भूमिका निभाने वाले एक्टर की लिस्ट में शुमार हो गया है.
शक्ति कपूर का असली नाम सुनील सिकंदरलाल कपूर है. शक्ति को अपना यह नाम बिल्कुल भी पसंद नहीं था जिस वजह से उन्होंने इसे बदल दिया था. शक्ति पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की थी.
शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरूआत साल 1973 में अर्जुन हिगोंरानी की फिल्म 'कहानी किस्मत की' से की. धर्मेंद्र और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला, हालांकि दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में शक्ति कपूर असफल रहे.
लेकिन एक हादसे ने उनकी किस्मत बदल दी. जी हां, बर्थडे बॉय शक्ति कपूर ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो पर बताया था कि कैसे एक एक्सिडेंट ने उन्हें पहली सफल फिल्म दिलाई थी.
हाल में वह कॉमेडी किंग कपिल शर्मा के शो में पहुंचे थे. इस शो में 'क्राइम मास्टर गोगो' ने ना केवल उनसे जमकर मस्ती-मजाक की बल्कि अपने करियर की शुरुआत का एक किस्सा भी सुनाया.
अपने बॉलीवुड करियर की बात करते हुए शक्ति कपूर ने बताया कि एक बार उनकी कार दिग्गज एक्टर फिरोज खान की कार से जा टकराई थी. इस टक्कर ने उनकी जिंदगी जबर्दस्त तरीके से बदल दी थी.
उन्होंने बताया कि एक बार मुंबई में उनकी कार की टक्कर एक मर्सडीज से हो गई. ऐसे में जब शक्ति कार से बाहर निकले तो उन्होंने मर्सडीज़ से एक लंबे और खूबसूरत शख्स को निकलते देखा. वह फिरोज खान थे. शक्ति ये मौका कैसे गंवा सकते थे? उन्होंने फिरोज खान को बताया कि वह 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से हैं और उनके पास एक्टिंग का डिप्लोमा भी है.
शक्ति कहते हैं कि बातों ही बातों में उन्होंने वहां फिरोज से अपनी फिल्म में एक रोल के लिए भी गुजारिश कर दी. इस सब के बाद फिरोज वहां से चले गए. फिर शक्ति अपने एक दोस्त से मिलने उनके घर पहुंचे. शक्ति के वह दोस्त के.के. शुक्ला थे. शुक्ला जी फिरोज के साथ फिल्म 'कुर्बानी' के लिए काम कर रहे थे.
शक्ति ने बताया, 'वहां मेरे दोस्त ने बताया कि फिरोज खान फिल्म में एक खास कैरेक्टर के लिए एक नए एक्टर की तलाश कर रहे हैं. साथ ही वह उस शख्स को ढूंढ रहे हैं वह पुणे 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से है. उन्होंने उसकी कार को टक्कर भी मारी है. दोस्त की ये बात सुनकर मैं एक्साइटेड हो गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वह तो मैं हूं.' इसके बाद शक्ति कपूर ने फिरोज खान को फोन लगाया और इस तरह उन्हें 'कुर्बानी' फिल्म में विक्रम का रोल मिला.
बस शक्ति की किस्मत का सितारा साल 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' से ही चमका. मारधाड़ और नाच गाने से भरपूर इस फिल्म में शक्ति कपूर ने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई. बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी फिरोज खान द्वारा निर्मित इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने अभिनेता शक्ति कपूर को बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
Birthday Special: 'कुर्बानी' देकर बदली दी शक्ति कपूर की किस्मत
फिल्म 'कुर्बानी', 'आंखे', 'रामअवतार' जैसी फिल्मों में एक क्रूर खलनायक की भूमिका हो या फिर 'हम साथ साथ हैं','अधर्म' जैसी फिल्म में भावपूर्ण अभिनय या फिर 'राजा बाबू','मालामाल वीकली','चालबाज' जैसी फिल्मों में हास्य अभिनय इन सभी भूमिकाओं में एक्टर शक्ति कपूर का कोई जवाब नहीं.
मुंबई: 'नंन्दू सबका बंधू' और 'आऊ' जैसे डायलॉग जब हमारे कानों में पड़ते हैं तो नजरों के सामने चेहरा आता है एक्टर शक्ति कपूर का. जी हां, अपनी कॉमिक टाइमिंग के साथ-साथ अपने विलेन के अवतार में भी सबके दिलों पर छा जाने वाले एक्टर का आज जन्मदिन है. इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
हिंदी सिनेमाजगत के सबसे बड़े विलेन कहे जाने वाले शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी सफर में 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. 80 से 81 के बीच शक्ति कपूर की महज 2 फिल्में रिलीज हुई थी जिसने शक्ति को बॉलीवुड का सबसे बड़ा खलनायक बना दिया था.
शक्ति कपूर ने कुछ फिल्मों में सकारात्मक भूमिका भी निभाई लेकिन फिल्मों में उनकी नकारात्मक शख्सियत लोगों को इतनी रास आई कि उनका नाम आज बॉलीवुड के सबसे सफल नकारात्मक भूमिका निभाने वाले एक्टर की लिस्ट में शुमार हो गया है.
शक्ति कपूर का असली नाम सुनील सिकंदरलाल कपूर है. शक्ति को अपना यह नाम बिल्कुल भी पसंद नहीं था जिस वजह से उन्होंने इसे बदल दिया था. शक्ति पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की थी.
शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरूआत साल 1973 में अर्जुन हिगोंरानी की फिल्म 'कहानी किस्मत की' से की. धर्मेंद्र और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला, हालांकि दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में शक्ति कपूर असफल रहे.
लेकिन एक हादसे ने उनकी किस्मत बदल दी. जी हां, बर्थडे बॉय शक्ति कपूर ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो पर बताया था कि कैसे एक एक्सिडेंट ने उन्हें पहली सफल फिल्म दिलाई थी.
हाल में वह कॉमेडी किंग कपिल शर्मा के शो में पहुंचे थे. इस शो में 'क्राइम मास्टर गोगो' ने ना केवल उनसे जमकर मस्ती-मजाक की बल्कि अपने करियर की शुरुआत का एक किस्सा भी सुनाया.
अपने बॉलीवुड करियर की बात करते हुए शक्ति कपूर ने बताया कि एक बार उनकी कार दिग्गज एक्टर फिरोज खान की कार से जा टकराई थी. इस टक्कर ने उनकी जिंदगी जबर्दस्त तरीके से बदल दी थी.
उन्होंने बताया कि एक बार मुंबई में उनकी कार की टक्कर एक मर्सडीज से हो गई. ऐसे में जब शक्ति कार से बाहर निकले तो उन्होंने मर्सडीज़ से एक लंबे और खूबसूरत शख्स को निकलते देखा. वह फिरोज खान थे. शक्ति ये मौका कैसे गंवा सकते थे? उन्होंने फिरोज खान को बताया कि वह 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से हैं और उनके पास एक्टिंग का डिप्लोमा भी है.
शक्ति कहते हैं कि बातों ही बातों में उन्होंने वहां फिरोज से अपनी फिल्म में एक रोल के लिए भी गुजारिश कर दी. इस सब के बाद फिरोज वहां से चले गए. फिर शक्ति अपने एक दोस्त से मिलने उनके घर पहुंचे. शक्ति के वह दोस्त के.के. शुक्ला थे. शुक्ला जी फिरोज के साथ फिल्म 'कुर्बानी' के लिए काम कर रहे थे.
शक्ति ने बताया, 'वहां मेरे दोस्त ने बताया कि फिरोज खान फिल्म में एक खास कैरेक्टर के लिए एक नए एक्टर की तलाश कर रहे हैं. साथ ही वह उस शख्स को ढूंढ रहे हैं वह पुणे 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से है. उन्होंने उसकी कार को टक्कर भी मारी है. दोस्त की ये बात सुनकर मैं एक्साइटेड हो गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वह तो मैं हूं.' इसके बाद शक्ति कपूर ने फिरोज खान को फोन लगाया और इस तरह उन्हें 'कुर्बानी' फिल्म में विक्रम का रोल मिला.
बस शक्ति की किस्मत का सितारा साल 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' से ही चमका. मारधाड़ और नाच गाने से भरपूर इस फिल्म में शक्ति कपूर ने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई. बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी फिरोज खान द्वारा निर्मित इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने अभिनेता शक्ति कपूर को बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
मुंबई: 'नंन्दू सबका बंधू' और 'आऊ' जैसे डायलॉग जब हमारे कानों में पड़ते हैं तो नजरों के सामने चेहरा आता है एक्टर शक्ति कपूर का. जी हां, अपनी कॉमिक टाइमिंग के साथ-साथ अपने विलेन के अवतार में भी सबके दिलों पर छा जाने वाले एक्टर का आज जन्मदिन है. इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
हिंदी सिनेमाजगत के सबसे बड़े विलेन कहे जाने वाले शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी सफर में 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. 80 से 81 के बीच शक्ति कपूर की महज 2 फिल्में रिलीज हुई थी जिसने शक्ति को बॉलीवुड का सबसे बड़ा खलनायक बना दिया था.
शक्ति कपूर ने कुछ फिल्मों में सकारात्मक भूमिका भी निभाई लेकिन फिल्मों में उनकी नकारात्मक शख्सियत लोगों को इतनी रास आई कि उनका नाम आज बॉलीवुड के सबसे सफल नकारात्मक भूमिका निभाने वाले एक्टर की लिस्ट में शुमार हो गया है.
शक्ति कपूर का असली नाम सुनील सिकंदरलाल कपूर है. शक्ति को अपना यह नाम बिल्कुल भी पसंद नहीं था जिस वजह से उन्होंने इसे बदल दिया था. शक्ति पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की थी.
शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरूआत साल 1973 में अर्जुन हिगोंरानी की फिल्म 'कहानी किस्मत की' से की. धर्मेंद्र और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला, हालांकि दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में शक्ति कपूर असफल रहे.
लेकिन एक हादसे ने उनकी किस्मत बदल दी. जी हां, बर्थडे बॉय शक्ति कपूर ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो पर बताया था कि कैसे एक एक्सिडेंट ने उन्हें पहली सफल फिल्म दिलाई थी.
हाल में वह कॉमेडी किंग कपिल शर्मा के शो में पहुंचे थे. इस शो में 'क्राइम मास्टर गोगो' ने ना केवल उनसे जमकर मस्ती-मजाक की बल्कि अपने करियर की शुरुआत का एक किस्सा भी सुनाया.
अपने बॉलीवुड करियर की बात करते हुए शक्ति कपूर ने बताया कि एक बार उनकी कार दिग्गज एक्टर फिरोज खान की कार से जा टकराई थी. इस टक्कर ने उनकी जिंदगी जबर्दस्त तरीके से बदल दी थी.
उन्होंने बताया कि एक बार मुंबई में उनकी कार की टक्कर एक मर्सडीज से हो गई. ऐसे में जब शक्ति कार से बाहर निकले तो उन्होंने मर्सडीज़ से एक लंबे और खूबसूरत शख्स को निकलते देखा. वह फिरोज खान थे. शक्ति ये मौका कैसे गंवा सकते थे? उन्होंने फिरोज खान को बताया कि वह 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से हैं और उनके पास एक्टिंग का डिप्लोमा भी है.
शक्ति कहते हैं कि बातों ही बातों में उन्होंने वहां फिरोज से अपनी फिल्म में एक रोल के लिए भी गुजारिश कर दी. इस सब के बाद फिरोज वहां से चले गए. फिर शक्ति अपने एक दोस्त से मिलने उनके घर पहुंचे. शक्ति के वह दोस्त के.के. शुक्ला थे. शुक्ला जी फिरोज के साथ फिल्म 'कुर्बानी' के लिए काम कर रहे थे.
शक्ति ने बताया, 'वहां मेरे दोस्त ने बताया कि फिरोज खान फिल्म में एक खास कैरेक्टर के लिए एक नए एक्टर की तलाश कर रहे हैं. साथ ही वह उस शख्स को ढूंढ रहे हैं वह पुणे 'फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे' से है. उन्होंने उसकी कार को टक्कर भी मारी है. दोस्त की ये बात सुनकर मैं एक्साइटेड हो गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वह तो मैं हूं.' इसके बाद शक्ति कपूर ने फिरोज खान को फोन लगाया और इस तरह उन्हें 'कुर्बानी' फिल्म में विक्रम का रोल मिला.
बस शक्ति की किस्मत का सितारा साल 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' से ही चमका. मारधाड़ और नाच गाने से भरपूर इस फिल्म में शक्ति कपूर ने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई. बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी फिरोज खान द्वारा निर्मित इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने अभिनेता शक्ति कपूर को बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
Conclusion: