खंडवा। बेटी की पैदाइश से नाखुश ससुराल वालों ने साल 2018 में 23 साल की सादिया को मौत के घाट उतार दिया था. उन्हें भरोसा था कि उनकी इस करतूत की कोई गवाही नहीं देगा. लेकिन अपनी मां को एक नन्हें से बच्चे ने इंसाफ दिला दिया. तब वो ढाई साल का था. मासूम ने अदालत में मां के साथ हुई ज्यादती का जिक्र किया. जिसके आधार पर उसके पिता, दादा, दादी, चाचा और बुआ को जेल हुई.
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मां को इंसाफ दिलाने वाला मासूम दोषियों को सजा दिलाने पुलिस की वर्दी में कोर्ट पहुंचा. उसने बताया कि कैसे हत्यारों ने उसकी मां सादिया पर किरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी थी. जिससे उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में अब सजा सुनाई गई है. शुक्रवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश किरण सिंह ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा देने के साथ ही सभी पर जुर्माना भी लगाया. इस हत्या के आरोप में पति मोईन्नूद्दीन तिगाला (23) के अलावा मरहूमा का ससुर सलामुद्दीन तिगाला, जेठ इरशाद तिगाला, सास खातून बी, ननद शबनम उर्फ मुन्नी पर हत्या की धारा 302 में प्रकरण दर्ज किया गया था.पुलिस ने तब ढाई साल के बेटे के बयान दर्ज किए थे.
इस मामले में सादिया के पिता फिरोज तिगाला, भाई आतिफ तिगाला, नाना शाकिर के भी बयान दर्ज हुए थे. मामले की पैरवी करने वाले अधिवक्ता रज्जाक खान ने बताया कि बेटे की गवाही इस केस में सबसे अहम रही. क्योंकि उसकी आंखों के सामने मां सादिया को पहले बर्बरता से पीटा गया. फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया.
यह थी घटना
25 अप्रैल 2018 सादिया का शव बाथरूम में मिला था. बताया गया कि जलने की वजह से उसकी मौत हो गई. इस सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरा सिल कर दिया था. बेटी सादिया की मौत से गमजदा परिवार वालों ने उसके ससुराल में जमकर हंगामा किया. उन्होने पति सहित अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने धारा 302 में हत्या का केस दर्ज किया था।
बेटी को जन्म देना बना काल
सवाल उठे कि आखिर सादिया को क्यों जलाया गया. तहकीकात में पता चला कि क्योंकि उसने बेटे के बाद एक बेटी को जन्म दिया था इसलिए परिवार वालों ने ये जघन्य अपराध किया. पुलिस के अनुसार सादिया के जेठानी के छह बेटियां थीं. सादिया की पहली संतान बेटा था लेकिन दूसरी बार उसने बेटी को जन्म दिया. जो परिवार वालों को बर्दाश्त नहीं हुआ. जिसके बाद उन्होंने उसे तरह-तरह की यातनाएं देना शुरू कर दिया था.