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Ujjain Rudra Sagar 9 महीने की मेहनत के बाद निखर उठा रूद्र सागर, पर्यटन केंद्र के रूप में होगा विकसित

विश्व प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे 703 करोड़ के विस्तारीकरण कार्य जल्द ही पूरे होने की कगार पर हैं. प्रथम फेज का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. इधर मंदिर से सटा रुद्र सागर तालाब भी निखर उठा है. तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 लोगों ने डेढ़ महीने जल कुंभी हटाने के लिए दिन रात एक किया. आने वाले समय में रूद्र सागर पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित होगा. Ujjain mahakal temple, Mahakal temple Expansion Plan, Ujjain Rudra Sagar Lake Beautification, 25 feet high statues Established

Ujjain Rudra Sagar Lake Beautification
रुद्र सागर तालाब का हुआ सुंदरीकरण
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Published : Sep 5, 2022, 11:31 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण के कार्य में सुंदरीकरण किया जा रहा है. जिसमें भगवान की प्रतिमा से लेकर महाकाल मंदिर का परिसर भी बड़ा किया जा रहा है. वही पीछे स्थित रूद्र सागर का काफी सुंदरीकरण हो चुका है. हालांकि वर्ष 2016 में सिहंस्थ महापर्व के पहले रुद्रसागर में करीब पांच करोड़ की लागत से विकास कार्य हुए थे. इसके बाद से इसकी देखरेख नहीं हुई. मुख्य रूप से सीवेज का पानी और जल कुम्भी बढ़ती गई. सागर का काया कल्प करने के लिए इस तालाब को महाकाल विस्तारीकरण योजना में शामिल किया गया. करीब 9 माह में हुए कायाकल्प ने रूद्र सागर को महाकाल विस्तार परियोजना का महत्वपूर्ण अंग बना दिया. आने वाले समय में रूद्रसागर पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित होगा. अब तालाब का सौंदर्य देखते ही बनता है.

पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा रूद्र सागर तालाब

सीएम ने दिया था रुद्र सागर के कायाकल्प का आदेश: उज्जैन महाकाल मंदिर के पीछे रुद्र सागर में सालों से आसपास के क्षेत्र का सीवेज मिल रहा था. पूरे तालाब में जल कुंभी भरी हुई थी. महाकालेश्वर मंदिर का सुंदरीकरण हो रहा है, और उसी के सटा रुद्र सागर है. लाखों श्रद्धालु इसके आसपास से गुजरते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए रुद्रसागर को भव्य रूप देने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार कर सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया गया. जिस से आने वाले श्रद्धालुओं को वहां से गुजरने पर एक अनोखा ही नजारा देखने को मिलेगा. रूद्र सागर की सफाई और स्वच्छ बनाने के लिए सीएम शिवराज सिंह ने 28 जनवरी को हुई बैठक में आदेश दिया था की रुद्रसागर में ब्रिज को बेहद सुंदर बनाया जाए, उस पर आकर्षक लाइट भी लगाई जाएं, ताकि रात में भी श्रद्धालु रुद्रसागर को निहार सकें. ब्रिज की डिजाइन तैयार कर ली गई है अब दूसरे फेज में ब्रिज का निर्माण शुरू होगा.

Ujjain Rudra Sagar Lake Beautification
रुद्र सागर तालाब का हुआ सुंदरीकरण

गंदे नाले बड़ी चुनौती थे: उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महाकाल प्रोजेक्ट योजना आकार ले रही है. करीब 8 से 10 महीने पहले रूद्र सागर तालाब की स्थिति यह थी कि पूरे तालाब में जलकुंभी फैली हुई थी. इस तालाब के कायाकल्प के लिए सबसे पहली परेशानी इसमें मिल रहे सीवेज के कारण थी. अधिकारियों के साथ प्लानिंग कर सर्वे कराया, जिसमें करीब 12 हजार घरों का सीवेज रूद्र सागर में मिलने की जानकारी लगी. इसके बाद पहली प्राथमिकता रुद्रसागर में सीवरेज रोकने को लेकर थी. तालाब की खुदाई कर रूद्र सागर में मिल रहे करीब पांच सीवेज पाईंटों को बंद कर हाउसहोल्ड कनेक्शन कराने की प्रक्रिया शुरू की. दूसरी समस्या बड़ी जलकुंभी को लेकर थी. मशीनें और श्रम शाक्ति के माध्यम से जल कुंभी को पूरी तरह से हटाया गया. प्लानिंग के तहत कार्य किया तो रूद्र सागर का सुंदर रूप आकार लेने लगा.

महाकाल मंदिर का नया रास्ता, रुद्रसागर पर बनेगा 210 मीटर लंबा ब्रिज, सामने आया प्रोजेक्ट डिजाइन

सीवरेज और जलकुंभी हटाने में 10 करोड़ खर्च: कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि रुद्रसागर के लिए बारिश ही एकमात्र साधन था. बारिश का पानी भी कुछ महिनों में सूख जाता है. इसके लिए भी अधिकारियों के साथ प्लानिंग कर शिप्रा नदी से रुद्रसागर को जोड़ा गया. इसके लिए बीच में एक पंपिंग स्टेशन भी बनाया ताकि रुद्रसागर में वर्ष भर पानी की उपलब्धता बनी रहे. आने वाले समय में रुद्रसागर के आसपास प्लांटेशन का कार्य होगा. वहीं फव्वारे लगाकर सौंदर्यीकरण का कार्य भी किया जाएगा. रुद्र सागर विस्तारीकरण के लिए 20 करोड़ की प्रस्तावित योजना में 10 करोड़ रुपए सिर्फ सीवरेज और जलकुंभी हटाने में खर्च हो गए. इसके लिए करीब डेढ़ माह तक रोजाना 40 लोगों ने काम किया. रूद्र सागर के सौंदर्य के साथ साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया. कायाकल्प से पहले हजारों पक्षी सागर में बैठते थे. जब जलकुम्भी निकाली गई तो सागर के बीच में एक आयलैंड तैयार किया गया ताकि पक्षी यहां आकर बैठ सकें.

25 फीट ऊंची एक दर्जन प्रतिमाएं भी स्थापित: उज्जैन महाकाल पथ पर विस्तारीकरण के काम में नीलकंठ महादेव, सती के शव के साथ शिव, त्रिवेणी प्लाजा पर शिव, शक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं, कैलाश पर शिव, यम संवार, गजासुर संहार, आदि योगी शिव, योगेश्वर अवतार, कैलाश पर रावण सहित अन्य 25 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगाई गई हैं. इनका रंग रोगन भी पूरा हो चुका है. स्मार्ट सिटी मिशन में पर्यटकों को लुभाने और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 97 करोड़ रुपए की योजनाएं आकार ले रही हैं. इसमें पब्लिक प्लाजा, महाकाल हेरिटेज कॉरिडोर, रुद्रसागर घाट, शिव स्तंभ, प्रवेश द्वार, उद्यान शॉपिंग मॉल आदि शामिल हैं.

ये प्रतिमाएं बताएंगी महाकाल की कहानियां

18 फीट की 8 प्रतिमाएं: नटराज, शिव पुत्र गणेश व कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती समुद्र मंथन दृश्य.

15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं: शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, मणि भद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव.

11 फीट की 17 प्रतिमाएं: प्रवेश द्वार पर गणेश,अर्द्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी.

10 फीट की 8 प्रतिमाएं: लेटे गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश.

9 फीट की 19 प्रतिमाएं: यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव, ऋषि दधिचि.

Mahakal Expansion Plan, Ujjain Rudra Sagar Lake Beautification, 25 feet high statues Established, Rudra Sagar will developed as tourism center, Mahakaleshwar temple Expansion work Complete

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण के कार्य में सुंदरीकरण किया जा रहा है. जिसमें भगवान की प्रतिमा से लेकर महाकाल मंदिर का परिसर भी बड़ा किया जा रहा है. वही पीछे स्थित रूद्र सागर का काफी सुंदरीकरण हो चुका है. हालांकि वर्ष 2016 में सिहंस्थ महापर्व के पहले रुद्रसागर में करीब पांच करोड़ की लागत से विकास कार्य हुए थे. इसके बाद से इसकी देखरेख नहीं हुई. मुख्य रूप से सीवेज का पानी और जल कुम्भी बढ़ती गई. सागर का काया कल्प करने के लिए इस तालाब को महाकाल विस्तारीकरण योजना में शामिल किया गया. करीब 9 माह में हुए कायाकल्प ने रूद्र सागर को महाकाल विस्तार परियोजना का महत्वपूर्ण अंग बना दिया. आने वाले समय में रूद्रसागर पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित होगा. अब तालाब का सौंदर्य देखते ही बनता है.

पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा रूद्र सागर तालाब

सीएम ने दिया था रुद्र सागर के कायाकल्प का आदेश: उज्जैन महाकाल मंदिर के पीछे रुद्र सागर में सालों से आसपास के क्षेत्र का सीवेज मिल रहा था. पूरे तालाब में जल कुंभी भरी हुई थी. महाकालेश्वर मंदिर का सुंदरीकरण हो रहा है, और उसी के सटा रुद्र सागर है. लाखों श्रद्धालु इसके आसपास से गुजरते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए रुद्रसागर को भव्य रूप देने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार कर सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया गया. जिस से आने वाले श्रद्धालुओं को वहां से गुजरने पर एक अनोखा ही नजारा देखने को मिलेगा. रूद्र सागर की सफाई और स्वच्छ बनाने के लिए सीएम शिवराज सिंह ने 28 जनवरी को हुई बैठक में आदेश दिया था की रुद्रसागर में ब्रिज को बेहद सुंदर बनाया जाए, उस पर आकर्षक लाइट भी लगाई जाएं, ताकि रात में भी श्रद्धालु रुद्रसागर को निहार सकें. ब्रिज की डिजाइन तैयार कर ली गई है अब दूसरे फेज में ब्रिज का निर्माण शुरू होगा.

Ujjain Rudra Sagar Lake Beautification
रुद्र सागर तालाब का हुआ सुंदरीकरण

गंदे नाले बड़ी चुनौती थे: उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महाकाल प्रोजेक्ट योजना आकार ले रही है. करीब 8 से 10 महीने पहले रूद्र सागर तालाब की स्थिति यह थी कि पूरे तालाब में जलकुंभी फैली हुई थी. इस तालाब के कायाकल्प के लिए सबसे पहली परेशानी इसमें मिल रहे सीवेज के कारण थी. अधिकारियों के साथ प्लानिंग कर सर्वे कराया, जिसमें करीब 12 हजार घरों का सीवेज रूद्र सागर में मिलने की जानकारी लगी. इसके बाद पहली प्राथमिकता रुद्रसागर में सीवरेज रोकने को लेकर थी. तालाब की खुदाई कर रूद्र सागर में मिल रहे करीब पांच सीवेज पाईंटों को बंद कर हाउसहोल्ड कनेक्शन कराने की प्रक्रिया शुरू की. दूसरी समस्या बड़ी जलकुंभी को लेकर थी. मशीनें और श्रम शाक्ति के माध्यम से जल कुंभी को पूरी तरह से हटाया गया. प्लानिंग के तहत कार्य किया तो रूद्र सागर का सुंदर रूप आकार लेने लगा.

महाकाल मंदिर का नया रास्ता, रुद्रसागर पर बनेगा 210 मीटर लंबा ब्रिज, सामने आया प्रोजेक्ट डिजाइन

सीवरेज और जलकुंभी हटाने में 10 करोड़ खर्च: कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि रुद्रसागर के लिए बारिश ही एकमात्र साधन था. बारिश का पानी भी कुछ महिनों में सूख जाता है. इसके लिए भी अधिकारियों के साथ प्लानिंग कर शिप्रा नदी से रुद्रसागर को जोड़ा गया. इसके लिए बीच में एक पंपिंग स्टेशन भी बनाया ताकि रुद्रसागर में वर्ष भर पानी की उपलब्धता बनी रहे. आने वाले समय में रुद्रसागर के आसपास प्लांटेशन का कार्य होगा. वहीं फव्वारे लगाकर सौंदर्यीकरण का कार्य भी किया जाएगा. रुद्र सागर विस्तारीकरण के लिए 20 करोड़ की प्रस्तावित योजना में 10 करोड़ रुपए सिर्फ सीवरेज और जलकुंभी हटाने में खर्च हो गए. इसके लिए करीब डेढ़ माह तक रोजाना 40 लोगों ने काम किया. रूद्र सागर के सौंदर्य के साथ साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया. कायाकल्प से पहले हजारों पक्षी सागर में बैठते थे. जब जलकुम्भी निकाली गई तो सागर के बीच में एक आयलैंड तैयार किया गया ताकि पक्षी यहां आकर बैठ सकें.

25 फीट ऊंची एक दर्जन प्रतिमाएं भी स्थापित: उज्जैन महाकाल पथ पर विस्तारीकरण के काम में नीलकंठ महादेव, सती के शव के साथ शिव, त्रिवेणी प्लाजा पर शिव, शक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं, कैलाश पर शिव, यम संवार, गजासुर संहार, आदि योगी शिव, योगेश्वर अवतार, कैलाश पर रावण सहित अन्य 25 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगाई गई हैं. इनका रंग रोगन भी पूरा हो चुका है. स्मार्ट सिटी मिशन में पर्यटकों को लुभाने और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 97 करोड़ रुपए की योजनाएं आकार ले रही हैं. इसमें पब्लिक प्लाजा, महाकाल हेरिटेज कॉरिडोर, रुद्रसागर घाट, शिव स्तंभ, प्रवेश द्वार, उद्यान शॉपिंग मॉल आदि शामिल हैं.

ये प्रतिमाएं बताएंगी महाकाल की कहानियां

18 फीट की 8 प्रतिमाएं: नटराज, शिव पुत्र गणेश व कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती समुद्र मंथन दृश्य.

15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं: शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, मणि भद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव.

11 फीट की 17 प्रतिमाएं: प्रवेश द्वार पर गणेश,अर्द्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी.

10 फीट की 8 प्रतिमाएं: लेटे गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश.

9 फीट की 19 प्रतिमाएं: यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव, ऋषि दधिचि.

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