उज्जैन। अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Death) की मौत की खबर से उज्जैन के संत समाज में शोक की लहर दौड़ गयी. यहां के संतों ने मामले की सीबीआई जांच (Saints Demanded CBI Probe) की मांग की है. साथ ही संतों की सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है.
संत नरेन्द्र गिरी की मौत की सीबीआई जांच की मांग
दिवंगत संत नरेंद्र गिरी का (Narendra Giri Death) उज्जैन से विशेष लगाव रहा है. उन्होंने सिंहस्थ कुम्भ 2016 में शहर के विकास के लिए काफी काम किये . शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और संतों के हित में काम करने वाले अखाडा परिषद् के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत की अखाड़े के संतों ने सीबीआई जांच (Saints Demanded CBI Probe) की मांग की है. कई संत प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं.
नरेन्द्र गिरी के हाथ में थी 2016 सिंहस्थ कुम्भ की कमान
उज्जैन 2016 में उज्जैन सिंहस्थ कुम्भ(Kumbh 2016) की कमान नरेंद्र गिरी के हाथों में थी. प्रदूषित शिप्रा नदी का मुद्दा हो या फिर कुम्भ की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा हो. संतों के हितों के मुद्दों पर उन्होंने सीएम शिवराज सिंह (Cm Shivraj Singh Chouhan) से कई बार तकरार की. जिसके चलते सभी अखाड़ों के लिए वे सम्माननीय बन गए थे.
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, हिरासत में शिष्य आनंद
उनकी अचानक मौत की खबर , वो भी खुदकुशी से संत समाज में रोष भी है और दुःख भी. उज्जैन अखड़ा परिषद् के महामंत्री महंत अवधेशा नन्द जी महाराज ने नरेंद्र गिरी की मौत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जांच की मांग (Saints Demanded CBI Probe) की है. उन्होंने संतों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की है. आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानन्द जी ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से नरेन्द्र गिरी जी की मौत की निष्पक्ष (Narendra Giri Death) जांच की मांग की है. जूना अखाड़े के राष्टीय सचिव मोहन भारती ने कहा कि वे उच्च कोटि के संत थे. किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई, ये जांच के बाद पता चलेगा.