उज्जैन। देशभर में हर त्योहार की शुरुआत महांकाल नगरी उज्जैन से होती है. होली के अवसर पर भी संध्या आरती में पंडित पुजारियों ने महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली गई. हजारों की संख्या में भक्तों ने भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली मनाई.
आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों में रंगा. महाकाल मंदिर के इस खूबसूरत नजारे देखने के लिए श्रद्धालु हर साल उज्जैन पहुंचते हैं. यहां परंपरा के अनुसार संध्या आरती में बाबा महाकाल को रंग लगा गया. श्रद्धालुओं और पंडे पुजारियों ने आरती में लीन होकर अबीर-गुलाल और फूलों के साथ होली खेली. आरती के बाद महाकाल परिसर में मंत्र उच्चारण के साथ होलिका दहन किया गया. देश-विदेश से कल भक्त उज्जैन में मनाई जाने वाली इस होली को देखने के लिए आते हैं.
आरती के समय बाबा के भक्तों पर भी होली का रंग चढ़ा. महाकाल मंदिर में एक दिन पहले होली का पर्व मनाने की परंपरा है. आदि अनादि काल से चली आ रही है जहां सबसे पहले बाबा के आंगन में होलिका दहन होता है और शहर भर में होली मनाई जाती है. होलिका का दहन के बाद प्रसिद्ध भजन गायक भोपू जी महाराज ने भजनों की प्रस्तुति दी.