ETV Bharat / city

कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीणों में भय, नहीं लगवा रहे वैक्सीन

सतना के कई गांव में वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों में डर व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने से लोगों की मौत हो रही है. वहीं एसडीएम ने दावा किया है कि वह समझाइश देकर गांवों में वैक्सीन दिलाएंगे.

vaccinataion in village
गांव में वैक्सीनेशन
author img

By

Published : Jun 6, 2021, 7:37 PM IST

सतना। कोरोना महामारी ने तबाही मचाकर रख दी. वहीं सरकार भी लगातार इससे बचने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चला रही है. इसमें वैक्सीनेशन भी एक है. जागरूकता के बाद भी लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रम बैठा है. जिले में कई गांव ऐसे हैं, जो वैक्सीन नहीं लगवाने चाहते हैं.

सरकार के जन जागरण के बाद भी ग्रामीण नहीं लगवा रहे वैक्सीन.

वैक्सीन लगवाने से डर रहे ग्रामीण
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र मझगवां तहसील के आदिवासी बाहुल्य इलाके के करीब आधा दर्जन गांव के लोग कोरोना टीकाकरण करवाने से डर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक मझगवां तहसील में ग्रामपंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव बरहा मवान, रामनगर खोखला, पुतरिहा, गड़ीघाट, किरहाईपुखरी आदि गांवों में एक व्यक्ति ने भी टीकाकरण नहीं कराया है.

वैक्सीन को लेकर लोगों में डर
ग्रामीणों की माने तो कोविड-19 की वैक्सीन को लकेर उनके दिलों में डर व्याप्त है. ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर इस बात का डर है कि टीका लगवाने के बाद मौत हो जाती है. यह भ्रम ग्रामीणों में आसपास के इलाकों में कई लोगों की मौत होने के कारण है. ग्रामीण इन मौतों को कोविड-19 वैक्सीन से मिलाकर जोड़ रहे हैं. यही वजह है कि ग्रामीण वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण कोरोना से बचने के लिए देशी पद्धति अपनाते हुए, जड़ी बूटियों से ठीक होने की बात कह रहे हैं.

'समझाइश देकर, दिलाएंगे वैक्सीन'
मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रशासन निचले स्तर के जमीनी कार्यकर्ता जैसे आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम सहायक के माध्यम से टीकाकरण कराने के प्रयास में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही ग्रामीणों को समझाइश देकर न सिर्फ उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे, बल्कि उन्हें वैक्सीन भी दिलाएंगे.

मध्य प्रदेश : वैक्सीन के बारे में जागरुकता फैलाने पहुंची टीम पर ग्रामीणों का हमला

आदिवासी और जनजातीय समूहों से भरे पड़े चित्रकूट विधानसभा के इन गांवों में आसपास का पूरा इलाका जंगली है. ग्रामीण बताते हैं कि गांव में बुखार और खांसी के मरीजों को ग्रामीण जंगल में मिलने वाली जड़ी बूटियों से ठीक कर लेते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर टीका लगवाने के बाद उन्हें बुखार होगा और उनकी मौत हो गई तो शासन से मिले पैसे का वो क्या करेंगे. यही वजह है, कि इन गांवों में वैक्सीनेशन लगभग 0% ही हुआ है. अब शासन प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी.

सतना। कोरोना महामारी ने तबाही मचाकर रख दी. वहीं सरकार भी लगातार इससे बचने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चला रही है. इसमें वैक्सीनेशन भी एक है. जागरूकता के बाद भी लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रम बैठा है. जिले में कई गांव ऐसे हैं, जो वैक्सीन नहीं लगवाने चाहते हैं.

सरकार के जन जागरण के बाद भी ग्रामीण नहीं लगवा रहे वैक्सीन.

वैक्सीन लगवाने से डर रहे ग्रामीण
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र मझगवां तहसील के आदिवासी बाहुल्य इलाके के करीब आधा दर्जन गांव के लोग कोरोना टीकाकरण करवाने से डर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक मझगवां तहसील में ग्रामपंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव बरहा मवान, रामनगर खोखला, पुतरिहा, गड़ीघाट, किरहाईपुखरी आदि गांवों में एक व्यक्ति ने भी टीकाकरण नहीं कराया है.

वैक्सीन को लेकर लोगों में डर
ग्रामीणों की माने तो कोविड-19 की वैक्सीन को लकेर उनके दिलों में डर व्याप्त है. ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर इस बात का डर है कि टीका लगवाने के बाद मौत हो जाती है. यह भ्रम ग्रामीणों में आसपास के इलाकों में कई लोगों की मौत होने के कारण है. ग्रामीण इन मौतों को कोविड-19 वैक्सीन से मिलाकर जोड़ रहे हैं. यही वजह है कि ग्रामीण वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण कोरोना से बचने के लिए देशी पद्धति अपनाते हुए, जड़ी बूटियों से ठीक होने की बात कह रहे हैं.

'समझाइश देकर, दिलाएंगे वैक्सीन'
मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रशासन निचले स्तर के जमीनी कार्यकर्ता जैसे आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम सहायक के माध्यम से टीकाकरण कराने के प्रयास में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही ग्रामीणों को समझाइश देकर न सिर्फ उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे, बल्कि उन्हें वैक्सीन भी दिलाएंगे.

मध्य प्रदेश : वैक्सीन के बारे में जागरुकता फैलाने पहुंची टीम पर ग्रामीणों का हमला

आदिवासी और जनजातीय समूहों से भरे पड़े चित्रकूट विधानसभा के इन गांवों में आसपास का पूरा इलाका जंगली है. ग्रामीण बताते हैं कि गांव में बुखार और खांसी के मरीजों को ग्रामीण जंगल में मिलने वाली जड़ी बूटियों से ठीक कर लेते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर टीका लगवाने के बाद उन्हें बुखार होगा और उनकी मौत हो गई तो शासन से मिले पैसे का वो क्या करेंगे. यही वजह है, कि इन गांवों में वैक्सीनेशन लगभग 0% ही हुआ है. अब शासन प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.