सतना। एक तरफ देशभर के डॉक्टर्स दिन-रात कोरोना से निपटने में जुटे हैं, तो दूसरी तरफ सतना जिले से कुछ हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जिले में प्राइवेट डॉक्टर इस मुश्किल दौर में भी अपने अस्पताल बंद करके बैठे हैं, जिससे जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है.
सतना से कुछ हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई है. यहां सभी प्राइवेट अस्पताल बंद हैं, कहीं डॉक्टर बाहर गए का बोर्ड लगा है, तो कहीं अस्पताल के गेट पर ताला लटका है. यानि संकट की घड़ी में भी प्राइवेट डॉक्टर जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. सतना जिले में करीब 52 निजी नर्सिंग होम हैं, तो साढे़ 300 प्राइवेट क्लीनिक, मेडिकल स्पेशलिस्ट हो या पीडियाट्रिक, सर्जन हो या एमडी सभी प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल बंद करके बैठे हैं.
अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड पर लिखा- नहीं है डॉक्टर
शहर के एक डॉक्टर साहब ने तो अपनी क्लीनिक के बाहर नोटिस लगा रखा है कि डॉक्टर भोपाल गए हैं. प्राइवेट अस्पताल बंद होने से सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. करें भी तो क्या, इलाज तो करवाना है. इस मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर से बात की गई, तो उनका कहना था कि हम तो अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, जरूरी है प्राइवेट डॉक्टर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएं.
सतना के प्राइवेट डॉक्टरों का मुश्किल की इस घड़ी में अपनी जिम्मेदारियों से यूं मुंह मोड़ना समझ से परे है. लोग जिन्हें धरती का भगवान मानकर अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं, वो भगवान अपने पट बंद किए बैठे हैं. ऐसा नहीं है कि सभी जगह प्राइवेट डॉक्टरों के यही हाल है, प्रदेश के कई हिस्सों में प्राइवेट डॉक्टर्स भी सरकारी डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलकर कोरोना को हराने में जुटे हैं. जो इस वक्त मरीजों के लिए भगवान से कम नहीं. जरूरत है कि सतना के प्राईवेट डॉक्टर्स भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और इस मुश्किल वक्त में लोगों का साथ दें.