सतना। कोरोना वायरस के चलते देश में किए गए लॉकडाउन का समय ज्यादातर लोगों ने घरों में ही बिताया, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी रहे जिन्होंने लॉकडाउन का सदुपयोग कर एक नयी मिसाल पेश की. कुछ ऐसा ही काम किया सतना जिले के बरहा मवान गांव के आदिवासी दंपति ने. दोनों पती-पत्नी ने लॉकडाउन के दौरान पानी की समस्या को दूर करने के मकसद से पांच फीट चौड़ा और 18 फीट गहरा कुआं खोद दिया.
आदिवासी दंपति का कहना है कि दूसरों के आगे हाथ फैलाने से अच्छा है खुद आत्मनिर्भर बना जाए. जिसकी अपील खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. मझगवां तहसील के आदिवासी बाहुल्य गांव बरहा मवान के रहने वाले छोटू मवासी और उनकी पत्नी राजलली मवासी ने मिलकर गांव में गर्मी के मौसम में पानी की समस्या को देखते हुए कुआं खोदा है, कुएं में अब पानी भी आ चुका है. आदिवासी दंपति को कुआं खोदने में पूरे एक महीने का समय लगा. छोटू ने कहा कि वह कुएं से निकले पानी के चलते सब्जियां लगाना भी शुरु कर दी है ताकि उसके परिवार का गुजारा हो सके.
पानी की समस्या को दूर करने खोदा कुआं
छोटू मवासी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते सभी काम बंद थे. इसलिए उसने और उसकी पत्नी ने सोचा कि क्यों ना फुर्सत के इन पलों में जल संकट से दो-दो हाथ कर लिए जाए. जिसके बाद दोनों पति-पत्नी अपने ही घर के पीछे कुआं खोदने में जुट गए. करीब 20 दिन से भी ज्यादा का समय कुआं खोदने में लगा. जमीन के अंदर बड़े-बड़े पत्थर तेजी ने अपने हाथों से तोड़ना आसान नहीं था लेकिन आदिवासी दंपत्ति ने यह काम कर दिखाया. आदिवासी दंपत्ति का उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब देखा कि कुएं में पानी निकल आया. उनका कहना है कि पानी निकलने के बाद अब गांव के लोगों को जल संकट से निजात मिल सकेगी.
सांसद ने की दंपति की तारीफ
जब इस बात की जानकारी स्थानीय बीजेपी सांसद गणेश सिंह को लगी तो उन्होंने खुद गांव का दौरा किया. आदिवासी दंपत्ति परिवार की यह मांग थी कि कुए का चौड़ाईकरण कर दिया जाए. जिसके बाद सांसद गणेश सिंह ने कुए को चौड़ा करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि वह आदिवासी दंपति के साहस को सलाम करते हैं. उन्होंने बरहा मवान गांव को मॉडल गांव बनाने का आश्वासन दिया है.