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सांसद का गांव: प्यासा 'सागर' नल-जल योजना के बाद भी ग्रामीण पानी खरीद कर पीने को मजबूर, पानी की जगह मिलते हैं सिर्फ आश्वासन

नरयावली विधानसभा के बदौना गांव को राज बहादुर सिंह ने गोद लिया है, इसके बावजूद भी गांव में विकास कार्य जीरो हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव जल संकट से जूझ रहा है. हालत यह है कि गांव वालों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम को रियलिटी चेक में पता चला कि यहां सालों से लगे हैंडपंप सूखे पड़े हैं और भीषण गर्मी में लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं. (Sagar water crisis)

Sagar water crisis
सागर में जलासय सूखने की कगार में
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Published : May 7, 2022, 8:45 PM IST

सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही देश के विकास के लिए नई योजनाओं का दम भरते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि उनकी योजनाएं नाकाम साबित हो रही हैं. केंद्र की एक योजना के तहत सांसदों ने गांव को गोद लेकर विकास के सपने दिखाए थे. ऐसा ही नरयावली विधानसभा के बदौना गांव के साथ हुआ जिसे सांसद राज बहादुर सिंह (Raj Bahadur Singh) ने गोद लिया है, लेकिन आलम यह है कि इस गांव के लोग भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. (sagar water crisis)

ग्रामीण पानी खरीद कर बुझा रहे प्यास

सरकार के दावे फेल: सांसद आदर्श ग्राम योजना को लेकर दावे तो बड़े-बड़े किए गए थे, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया. सागर संसदीय क्षेत्र के सांसद राज बहादुर सिंह का आधा कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन बदौना ग्राम की किस्मत नहीं बदली. हाल यह है कि, भीषण गर्मी में भी जल संकट में सांसद आदर्श ग्राम बदौना के ग्रामीणों के लिए पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. लोग पीने का पानी खरीद रहे हैं. जबकि नहाने धोने से अन्य कामों के लिए गंदे पानी का उपयोग कर रहे हैं. (Sansad Adarsh ​​Gram Yojana)

Sansad Adarsh ​​Gram Yojana
पानी के लिए भटकते सागर के लोग
sagar hand pump dry
नल जल योजना ठप
सांसद का गांव: सांसद जनार्दन मिश्रा ने लिया था गोद, कई सालों से सूखे पड़े हैं हैंडपंप, अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण
CM Nal Jal Yojana
पानी के लिए ग्रामीण मोहताज

गांव का रियलिटी चेक: सांसद द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि, उनकी बुनियादी समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन हालत यह है कि, 3200 की आबादी वाले इस गांव में भीषण गर्मी के समय पीने के लिए भी पानी भी उपलब्ध नहीं है. गांव में नल जल योजना है. लेकिन हफ्ते में एक बार भी अगर पानी आ जाता है तो ग्रामीण अपने आप को खुशनसीब समझते हैं. पाइप लाइन से जो पानी आता है उससे ग्रामीणों को भरपूर पानी नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में बदौना गांव के ग्रामीण पानी के इंतजाम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं. (sagar hand pump dry)

सांसद का गांव: फग्गन सिंह कुलस्ते के गोद लिए ददर गांव में कई साल से सूखे पड़े हैं हैंडपंप, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण

मुख्यमंत्री नल जल योजना ठप: ग्रामीण 100 रूपये प्रति माह नल जल योजना का शुल्क अदा करते हैं. फिर भी पानी नहीं मिलता. ग्रामीण बताते हैं कि, "गांव में पानी के इंतजाम के लिए मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत व्यवस्था की गई थी. नल जल योजना के हालात यह है कि, गर्मी में योजना पूरी तरह से ठप है. हफ्ते भर तक पानी नहीं मिलता है. ऐसे में ग्रामीण निजी खर्चे पर टैंकर बुलवाकर पानी का इंतजाम करते हैं. गांव के उन लोगों से पानी खरीदते हैं. जिनके घर कुआं बोरिंग है". ग्रामीणों के मुताबिक एक टैंकर 400 रूपये में आता है. गांव के लोग चंदा कर लेते हैं. पानी बेचने वाले लोगों का कहना है कि, "लोगों को समय पर पानी उपलब्ध कराने के लिए हमें मोटर का बिजली बिल भरना होता है. लोगों से नहीं सरकार को बिल भरने के लिए पैसे लेते हैं."

सांसद का गांव: नकुलनाथ ने लिया था गोद, अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

सरपंच की दलील : बदौना गांव के सरपंच हरी राम राय कहते हैं कि, "गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना की शुरुआत की गई थी. साल के 8 महीने ग्रामीणों को इस योजना के से पर्याप्त पानी मिलता है. गर्मी के मौसम में पीनी की कमी के कारण टंकी नहीं भर पाती. इसलिए लोगों को पानी मुहैया कराने में दिक्कत आती है. फिलहाल पंचायत ने तय किया है कि, जिस जलाशय से नल जल योजना की पानी की टंकी भरी जाती है. उसका गहरीकरण किया जाएगा. (CM Nal Jal Yojana)

75 फीसदी दावा झूठा! BJP सांसद के गांव में 25% से भी कम टीकाकरण, अव्यवस्था से ग्रामीण खफा

सांसद ने नहीं की कोई पहल : सरपंच हरि राम राय के मुताबिक " गांव में हो रही पानी की समस्या के बारे में सांसद को बताया गया था. कोरोना काल में सांसद निधि की राशि कोरोना से संबंधित खर्च के लिए रोक ली गई थी. इसलिए सांसद अभी तक कोई मदद नहीं कर पाए हैं. हालांकि उनसे एक बार फिर चर्चा की गई है. उन्होंने नल जल योजना को दुरुस्त करने के लिए राशि मुहैया कराने का आश्वासन दिया है.

सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही देश के विकास के लिए नई योजनाओं का दम भरते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि उनकी योजनाएं नाकाम साबित हो रही हैं. केंद्र की एक योजना के तहत सांसदों ने गांव को गोद लेकर विकास के सपने दिखाए थे. ऐसा ही नरयावली विधानसभा के बदौना गांव के साथ हुआ जिसे सांसद राज बहादुर सिंह (Raj Bahadur Singh) ने गोद लिया है, लेकिन आलम यह है कि इस गांव के लोग भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. (sagar water crisis)

ग्रामीण पानी खरीद कर बुझा रहे प्यास

सरकार के दावे फेल: सांसद आदर्श ग्राम योजना को लेकर दावे तो बड़े-बड़े किए गए थे, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया. सागर संसदीय क्षेत्र के सांसद राज बहादुर सिंह का आधा कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन बदौना ग्राम की किस्मत नहीं बदली. हाल यह है कि, भीषण गर्मी में भी जल संकट में सांसद आदर्श ग्राम बदौना के ग्रामीणों के लिए पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. लोग पीने का पानी खरीद रहे हैं. जबकि नहाने धोने से अन्य कामों के लिए गंदे पानी का उपयोग कर रहे हैं. (Sansad Adarsh ​​Gram Yojana)

Sansad Adarsh ​​Gram Yojana
पानी के लिए भटकते सागर के लोग
sagar hand pump dry
नल जल योजना ठप
सांसद का गांव: सांसद जनार्दन मिश्रा ने लिया था गोद, कई सालों से सूखे पड़े हैं हैंडपंप, अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण
CM Nal Jal Yojana
पानी के लिए ग्रामीण मोहताज

गांव का रियलिटी चेक: सांसद द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि, उनकी बुनियादी समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन हालत यह है कि, 3200 की आबादी वाले इस गांव में भीषण गर्मी के समय पीने के लिए भी पानी भी उपलब्ध नहीं है. गांव में नल जल योजना है. लेकिन हफ्ते में एक बार भी अगर पानी आ जाता है तो ग्रामीण अपने आप को खुशनसीब समझते हैं. पाइप लाइन से जो पानी आता है उससे ग्रामीणों को भरपूर पानी नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में बदौना गांव के ग्रामीण पानी के इंतजाम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं. (sagar hand pump dry)

सांसद का गांव: फग्गन सिंह कुलस्ते के गोद लिए ददर गांव में कई साल से सूखे पड़े हैं हैंडपंप, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण

मुख्यमंत्री नल जल योजना ठप: ग्रामीण 100 रूपये प्रति माह नल जल योजना का शुल्क अदा करते हैं. फिर भी पानी नहीं मिलता. ग्रामीण बताते हैं कि, "गांव में पानी के इंतजाम के लिए मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत व्यवस्था की गई थी. नल जल योजना के हालात यह है कि, गर्मी में योजना पूरी तरह से ठप है. हफ्ते भर तक पानी नहीं मिलता है. ऐसे में ग्रामीण निजी खर्चे पर टैंकर बुलवाकर पानी का इंतजाम करते हैं. गांव के उन लोगों से पानी खरीदते हैं. जिनके घर कुआं बोरिंग है". ग्रामीणों के मुताबिक एक टैंकर 400 रूपये में आता है. गांव के लोग चंदा कर लेते हैं. पानी बेचने वाले लोगों का कहना है कि, "लोगों को समय पर पानी उपलब्ध कराने के लिए हमें मोटर का बिजली बिल भरना होता है. लोगों से नहीं सरकार को बिल भरने के लिए पैसे लेते हैं."

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सरपंच की दलील : बदौना गांव के सरपंच हरी राम राय कहते हैं कि, "गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना की शुरुआत की गई थी. साल के 8 महीने ग्रामीणों को इस योजना के से पर्याप्त पानी मिलता है. गर्मी के मौसम में पीनी की कमी के कारण टंकी नहीं भर पाती. इसलिए लोगों को पानी मुहैया कराने में दिक्कत आती है. फिलहाल पंचायत ने तय किया है कि, जिस जलाशय से नल जल योजना की पानी की टंकी भरी जाती है. उसका गहरीकरण किया जाएगा. (CM Nal Jal Yojana)

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सांसद ने नहीं की कोई पहल : सरपंच हरि राम राय के मुताबिक " गांव में हो रही पानी की समस्या के बारे में सांसद को बताया गया था. कोरोना काल में सांसद निधि की राशि कोरोना से संबंधित खर्च के लिए रोक ली गई थी. इसलिए सांसद अभी तक कोई मदद नहीं कर पाए हैं. हालांकि उनसे एक बार फिर चर्चा की गई है. उन्होंने नल जल योजना को दुरुस्त करने के लिए राशि मुहैया कराने का आश्वासन दिया है.

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